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बेमौसम बारिश से हुआ है नुकसान तो यहां बताएं, किसानों को मिलेगा लाभ
वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस का दंश झेल रहे किसानों की मेहनत पर पानी बह गया। पहले आसमान में बादल छा गए, फिर आंधी चल गई। उसके बाद बारिश से से गेहूं की फसल भींग गई।
कन्नौज। वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस का दंश झेल रहे किसानों की मेहनत पर पानी बह गया। पहले आसमान में बादल छा गए, फिर आंधी चल गई। उसके बाद बारिश से से गेहूं की फसल भींग गई। इससे मवेशियों के लिए जमा भूसा व खुद के खाने के लिए रखा गेहूं बेकार हो गया। लेकिन जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, उनको क्षतिपूर्ति मिलेगी। इसके लिए 72 घंटे के अंदर टोल फ्री नंबर पर सूचना दी जा सकती है।
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गेहूं की फसल या तो कटने को है
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जनपद में इस बार 76 हजार हेक्टयर रकवे में गेहूं की फसल हुई है। किसानों का कहना है कि खेतों में अब भी 50 फीसदी से अधिक गेहूं की फसल या तो कटने को है या बंधे गठ्ठर पड़े हैं।
रविवार को हर रोज की तरह गेहूं की फसल की कटाई में किसान जुटे थे, लेकिन अचानक बदली और आंधी के बारिश में हजारों अन्नदाताओं के सारे अरमान बह गए। इन दिनों सरकारी केंद्रों पर गेहूं बिक्री का सीजन भी चल रहा है।
गेहूं की फसल पक भी गई है, तो इसलिए किसान खेतों में फसल की कटाई करने में जुटा हुआ था, जिसमें बरसात ने खलल डाल दी। बारिश से खेतों में पकी गेहूं की फसल पूरी तरह से भींगकर बेकार हो गई।
कई लोगों से लेनदेन करना था
किसान रवींद्र सिंह ने बताया कि रविवार को वह परिजनों के साथ गेहूं की कटाई कर रहे थे, अचानक बारिश से पूरी फसल भींग गई। उन्होंने बताया कि कई लोगों से लेनदेन करना था, लेकिन बारिश से काफी नुकसान हो गया है।
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अब सरकारी खरीद केंद्र पर गेहूं की बिक्री करने में भी दिक्कत आएगी। जिलेभर में ज्यादातर गेहूं के खेतों में थ्रेसर मशीने भी चल रही थीं, बारिश की वजह से उनकी रफ्तार थम गई। मवेशियों के लिए एकत्र किया भूसा भी भींग गया।
गेहूं के गट्ठर भी पानी से बेकार हो गए। किसानों का कहना है कि नोवेल कोरोना वायरस की महामारी से पहले से ही वह परेशान हैं, ऊपर से प्राकृतिक आपदा ने भी दिक्कतें शुरू कर दी हैं।
सालभर के खाने का इंतजाम इसी गेहूं से होता है, लेकिन बारिश की वजह से भींग गया। कई किसानो ंने बिक्री कर कई तरह के जरूरी खर्च गेहूं से निकालने की सोची थी, फिलहाल उस पर भी पानी फिर गया है।
पानी ने फसल को भिंगो दिया
बारिश से आनन-फानन में पॉलिथिन व तिरपाल से अपनी फसल को बचाने के लिए किसान खेतों की ओर दौड़े भी, लेकिन तब तक पानी ने फसल को भिंगो दिया।
जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार ने बताया कि बारिश से जिन किसानों का नुकसान हुआ है, वह 72 घंटे में इसकी सूचना कृषि विभाग, ब्लॉक या टोल फ्री नंबर पर दर्ज कराएं।
जिन किसानो ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कराया है, उनको क्षति की भरपाई का लाभ मिलेगा। इसके लिए टोकियो फसल बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 18001035499 और शासन के 1800120909090 पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें।
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रिपोर्ट- अजय मिश्रा