×

घर है सेकड़ो किलोमीटर दूर, पैदल ही निकले मजदूर

वक्त के मारे मजदूर पैदल ही निकल पड़े, सैकड़ों किलोमीटर का सफर करने, ताकि अपने घर तक पहुंच जाएं। पूरे भारत में लॉक डाउन है लोग जहां के तहां फंसे हैं कन्नौज के में रहने वाले 1 दर्जन से अधिक मजदूर जो दिल्ली में मजदूरी का कार्य करते थे अब परेशान हो गए

Vidushi Mishra
Published on: 27 March 2020 12:55 PM GMT
घर है सेकड़ो किलोमीटर दूर, पैदल ही निकले मजदूर
X

लखनऊ। वक्त के मारे मजदूर पैदल ही निकल पड़े, सैकड़ों किलोमीटर का सफर करने, ताकि अपने घर तक पहुंच जाएं। पूरे भारत में लॉक डाउन है लोग जहां के तहां फंसे हैं कन्नौज के में रहने वाले 1 दर्जन से अधिक मजदूर जो दिल्ली में मजदूरी का कार्य करते थे, अब परेशान हो गए। 2 दिन पूर्व यह लोग दिल्ली से चले थे 250 किलोमीटर पैदल ही चलकर फिरोजाबाद तक आ पहुंचे जहां पर पुलिसकर्मियों ने समाजसेवी लोगों ने इनको खाना खिलाया बिस्कुट वगैरह दिए। लेकिन अभी भी इनका सफर 150 किलोमीटर दूर कन्नौज तक जाना है जहां तक यह पैदल जाएंगे।

ये भी देखें... भारत समेत इन देशों में अचानक क्यों बढ़ी कंडोम की मांग, यहां जानें

पैरों में छाले

इनका यह भी कहना है कि सरकार द्वारा उन्हें अभी तक कोई सहायता राशि या रास्ते में जाने के लिए साधन उपलब्ध नहीं हुए जो लोग खाना दे देते हैं वही खाकर यह आगे बढ़ जाते हैं। इनके पैरों में छाले भी पड़ चुके हैं।

लॉक डाउन के बाद आम जनता व मजदूरों के लिए सरकार ने बड़े-बड़े वायदे तो किए लेकिन अभी उतने धरातल पर दिखाई नहीं देते हैं। दिल्ली से कन्नौज पैदल जा रहे मजदूर नवीन कुमार का तो यह भी कहना है कि अगर उसको सरकार ने कुछ दिया भी तो उसका खाता भी नहीं है बैंक में आखिर उसे मदद कैसे मिलेगी।

दरअसल इन मजदूरों के लिए जिला प्रशासन को भी कुछ सोचना चाहिए कि आखिर यह बेकसूर है और इतनी लंबी यात्रा पैदल कर कर जा रहे हैं हालांकि स्वास्थ्य इनका ठीक है। इनको कहीं कोई ऐसे सिम्टम्स नहीं है जिस जो इनकी पैदल चलने की चाल में रुकावट बनते हो, लेकिन इनका हौसला इन का जज्बा एक नए भारत को सलाम तो करता ही है।

ये भी देखें... लॉकडाउन: लोगों के लिए वरदान साबित हो रही प्रभु जी की रसोई, ऐसे मिल रही मदद

मेरा तो किसी बैंक में खाता भी नहीं

जितेंद्र कुमार, मजदूर ने कहा कि वह 2 दिन पहले रात को दिल्ली से चले थे दिल्ली में कुछ भी नहीं मिल रहा है कारखाने में काम बंद हो गया इसलिए वह पैदल निकल पड़े हैं जो लोग खाना दे देते हैं वही खा लेते हैं 2 दिन बाद यह अपने घर कन्नौज पहुंच जाएंगे।

नवीन कुमार, मजदूर ने कहा कि सरकार यदि मदद करना भी चाहे तो मेरा तो किसी बैंक में खाता भी नहीं है मुझे कहां से मदद मिलेगी सरकार को हमारे बारे में कुछ सोचना चाहिए।

अनिल उपाध्याय , समाजसेवी ने कहा कि हम प्रतिदिन 450 पैकेट खाने के रोज डिस्ट्रीब्यूटर कर रहे हैं मोदी जी का आदेश है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि लॉक डाउन समाप्त नहीं हो जाता। सचिन्द्र पटेल एसएसपी फिरोजाबाद ने भी गरीबो को राशन बांटे। समाजसेवी संस्था ने भी गरीबों और ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को भोजन के पैकेट बांटे।

ये भी देखें... भारत समेत इन देशों में अचानक क्यों बढ़ी कंडोम की मांग, यहां जानें

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story