TRENDING TAGS :
Endangered Vulture Spotted: दुधवा में मिली विलुप्त हो रहे गिद्धों की दुर्लभ प्रजाति
Endangered Vulture Spotted: लखीमपुर जिले में स्थित दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में लाल सिर वाले गिद्ध की विलुप्त प्रजाति पायी गयी, जिसे देखकर वन विभाग के अधिकारियों ने इस प्रजाति की संख्या बढ़ने की सकारात्मक आशंका जताई है.
Lakhimpur-Kheri News: लखीमपुर के दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में विलुप्त हो रहे गिद्धों की एक दुर्लभ प्रजाति पाई गई है। इस गिद्धों की दुर्लभ प्रजाति ने लोगों की आशाएं बढ़ा दी हैं कि आने वाले समय में इन मुर्दाखोर पक्षियों की संख्या बढ़ने की संभावना हो सकती है।
बीते कुछ समय में वन विभाग और वन्यजीव उत्साहियों द्वारा लाल सिर वाले गिद्धों का समूह दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के दक्षिण सोनारीपुर रेंज में देखे गए। अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ द्वारा यह लाल सिर या एशियाई राजा प्रजाति वाले गिद्ध दुर्लभ प्रजाति में गिने जाते हैं।
Also Read
क्या बोले विशेषज्ञ का कहना
वन विभाग के विशेषज्ञ कहते हैं “मुझे मार्च के दूसरे हफ्ते में खीरी जिले के मालपुर के लूट गांव में गिद्धों का झुंड दिखाई दिया। इन गिद्धों का दिखना यह संकेत हो सकता है कि उन्हें दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां दिखाई दे रही हो। मैंने अपने वन विभाग के साथियों से आग्रह किया है कि इन गिद्धों को परेशान न कर केवल इनका कार्य देखा जाए, जिससे वह आराम से इस जगह में पनप सकें।”
गिद्ध गणना रिपोर्ट
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों द्वारा हर दो वर्षों बाद की कई गिद्ध की गणना के अनुसार वर्ष 2012 से इन दुर्लभ गिद्धों की प्रजाति की संख्या में सुधार पाया गया। साल 2014 में इनकी जनसंख्या थोड़ी घटी, लेकिन साल 2016 में इनकी जनसंख्या में दोबारा बढ़ोतरी देखी गई।
उत्तर प्रदेश में कहां-कहां गिद्ध पाए जाते हैं
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड और तराई क्षेत्रों में मुख्यता गिद्ध पाए जाते हैं। वन विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में लगभग 900 गिद्ध पाए गए। मैनपुरी जिले में इनकी सबसे अधिक संख्या है। इसके अलावा पीलीभित में 193, उत्तर खीरी में 125 और दक्षिण खीरी में 100 गिद्ध देखे गए।
Also Read
संकटग्रस्त प्रजातियों को बचाने के लिए उठाएं कुछ कदम-
1) अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।
2) प्लास्टिक के उपयोग से बचें।
3) जरूरतमंद सामान को रिसाइकिल कर दोबारा प्रयोग में लाएं जिससे पेड़ों को बचाया जा सके।
4) समाज में सभी व्यक्तियों को जीव बचाने का संदेश देते रहें।
5) सरकार द्वारा अधिक से अधिक सुरक्षित क्षेत्रों की व्यवस्था की जाए, जिससे जानवर शिकार और शिकारी के बारे में चिंतन किए बगैर सुरक्षित तरह से रह सके।