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हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी अब लखनऊ में, बुढ़ापे में भी दिखेंगे जवान

मंगलवार को राजधानी के महानगर में एक हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी यानी HBOT केंद्र का उद्घाटन किया गया। इस थेरेपी के द्वारा शरीर से विकृत कोशिकाओं को बाहर किया जाता है और इंसान की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को पलट दिया जाता है।

Monika
Published on: 22 Dec 2020 9:46 PM IST
हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी अब लखनऊ में, बुढ़ापे में भी दिखेंगे जवान
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हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) अब लखनऊ में, थेरेपी से बुढ़ापे में भी दिखेंगे जवान

लखनऊ : मंगलवार को राजधानी के महानगर में एक हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी यानी HBOT केंद्र का उद्घाटन किया गया। इस थेरेपी के द्वारा शरीर से विकृत कोशिकाओं को बाहर किया जाता है और इंसान की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को पलट दिया जाता है। लखनऊ में इस थेरेपी की सुविधा होने से शहर के लोग अब सुगमता से अपनी फिटनेस मेंटेन कर सकते हैं। इस सेंटर को शुरू करने का जिम्मा उद्यमी संदीप, सचिन और शिप्रा ने उठाया है।

इजरायल के वैज्ञानिकों ने किया साबित

हाल ही में इज़राइल के वैज्ञानिकों द्वारा यह साबित किया गया था कि हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलट देती है और शरीर से विकृत कोशिकाओं को निकाल देती है। लखनऊ वासी भाग्यशाली हैं कि शहर के दिल महानगर में ऐसी सुविधा है। यह थेरेपी न केवल उम्र को उलट देती है, बल्कि शरीर की सभी कोशिकाओं को फिर से जीवंत करती है और इस प्रकार त्वचा की टोन, प्रदर्शन और प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद करती है। एचबीओटी क्लिनिक में व्यक्ति को एक घंटे के लिए चैम्बर की तरह आरामदायक सैलून में बैठना पड़ता है और शुद्ध ऑक्सीजन की आपूर्ति दो से तीन बार वायुमंडलीय दबाव में की जाती है।

यह रक्त में ऑक्सीजन को कई परतों में घोल देता है और शरीर के प्रत्येक कोशिका तक बहुत अधिक मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। इस प्रकार से कोशिका की कार्यप्रणाली में सुधार होता है, जिसके परिणामस्वरूप उम्र बढ़ने और रोग प्रक्रिया में उलटफेर होता है और डिटॉक्स भी होता है।

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फिल्मी हस्तियां भी लेती हैं HBOT थेरेपी

एक्टर टाइगर श्रॉफ, कैटरीना कैफ, अथिया शेट्टी, डेविड धवन जैसी हस्तियां नियमित रूप से सौंदर्य और फिटनेस के लिए HBOT सत्र लेती हैं। एथलेट्स, फिटनेस फ्रीक और पुलिस कर्मी किसी भी खेल की चोट की ताकत व तेजी से चिकित्सा के लिए HBOT लेते हैं।

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HBOT का पहले से हो रहा इस्तेमाल

2019 में मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने बताया था कि कोशिकाएं ऑक्सीजन की उपलब्धता को समझती हैं और अनुकूल होती हैं। यह रोग के विकास का कारण हो सकता है। डॉक्टर पहले से ही मधुमेह के पैर, स्ट्रोक, गैंग्रीन, अचानक सुनवाई और दृष्टि हानि व पोस्ट विकिरण (कैंसर) जैसे कई असाध्य रोगों के लिए एचबीओटी का उपयोग कर रहे हैं।

इस केंद्र का उद्घाटन प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर अस्मा हुसैन, पूर्व मुख्य सचिव अनीस अंसारी द्वारा किया गया था। उद्घाटन के दौरान गणमान्य व्यक्ति, खेल व्यक्ति, फिटनेस उत्साही और डॉक्टर उपस्थित थे।

शाश्वत मिश्रा

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Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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