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यूपी के IAS अफसरों को देना होगा संपत्ति का ब्यौरा, 31 जनवरी है अंतिम तिथि

यूपी के आईएएस अधिकारियों की सम्पत्ति को लेकर केन्द्र सरकार ने कहा कि वे अपनी सम्पत्ति का व्यौरा आवश्यक रूप से आनलाइन जरूर दें। इस बारे में सचिव कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने यूपी सरकार को एक पत्र भेजा है।

Ashiki
Published on: 7 Jan 2021 2:10 PM GMT
यूपी के IAS अफसरों को देना होगा संपत्ति का ब्यौरा, 31 जनवरी है अंतिम तिथि
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यूपी के IAS अफसरों को देना होगा संपत्ति का ब्यौरा, 31 जनवरी है अंतिम तिथि

लखनऊ: यूपी के आईएएस अधिकारियों की सम्पत्ति को लेकर केन्द्र सरकार ने कहा कि वे अपनी सम्पत्ति का व्यौरा आवश्यक रूप से आनलाइन जरूर दें। इस बारे में सचिव कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय ने यूपी सरकार को एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि ऑनलाइन जानकारी न होने की वजह से विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं मिल पा रही है।

विभागाध्यक्षों को भेजा गया पत्र

विशेष सचिव संजय कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेज दिया है। इसमें उन्होंने अध्यक्ष राजस्व परिषद, कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी), सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, मण्ड़लायुक्त, जिलाधिकारी व आईएएस अफसरों के नाम से व्यक्तिगत भी सर्कुलर भेजा गया है। परिपत्र में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा नियमावली 1968 के तहत अचल संपत्ति की 2020 की वार्षिक जानकारी ऑनलाइन भरना अनिवार्य कर दिया गया है।

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प्रदेश में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ था तो उस साल अधिकतर अधिकारियों ने अपनी सम्पत्ति का व्यौरा दिया था लेकिन इसके बाद पिछले तीन साल में इस मामले ढिलाई देखने को मिल रही है। पत्र में यह भी कहा गया है कि जो अधिकारी 31 जनवरी तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देगें। उन अधिकारियों को ऑफर लिस्टॉ इम्पैनलमेंट या प्रतिनियुक्ति तथा संवेदनशील पदों पर नियुक्ति के लिए विजिलेंस क्लीयरेंस देने से मना किया जा सकता है।

हर साल समयसीमा के अन्दर देना होता है ब्यौरा

आईएएस अधिकारियों को प्रति वर्ष तय समय सीमा के भीतर अपनी आय व संपत्ति का ई-ऑफिस (स्पैरो) पर ऑनलाइन ब्योरा देना होता है। उनके वार्षिक कामकाज के मूल्यांकन की गोपनीय प्रविष्टि (एसीआर) भी ऑनलाइन दर्ज होती है। वहीं, पीसीएस अधिकारियों को पांच वर्ष में संपत्ति का ब्योरा देना होता है। उनकी वार्षिक प्रविष्टि देने की कार्रवाई भी मैनुअल तरीके से होती है। कई बार पदोन्नति के समय पता चलता है कि अधिकारियों की कई-कई वर्ष की एसीआर अधूरी है।

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विशेष सचिव संजय कुमार सिंह ने सभी विभागाध्यक्षों को भेजे पत्र में कहा है कि अचल संपत्ति की 2020 की वार्षिक जानकारी ऑनलाइन भरना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर इमपैनलमेंटॉ प्रतिनियुक्तिॉ संवेदनशील पदों पर नियक्ति पूर्ण किए बिना मूल कैडर में वापसी में समस्या आ सकती है।

श्रीधर अग्निहोत्री

Ashiki

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