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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस: अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए ये लोग, उठे ये मुद्दे

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर 20 की पूर्व संध्या पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग द्वारा "मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना आज के समय की जरूरत", विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई-सम्मेलन का शुभारंभ राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश से पधारे मुख्य अतिथि कुलपति प्रो० साकेत कुशवाहा द्वारा किया गया ।

Newstrack
Published on: 9 Oct 2020 6:57 PM IST
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस: अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए ये लोग, उठे ये मुद्दे
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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर हुआ अंतरराष्ट्रीय ई-सम्मेलन, हुई ये बातें (social media)

जौनपुर: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर 20 की पूर्व संध्या पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग द्वारा "मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना आज के समय की जरूरत", विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ई-सम्मेलन का शुभारंभ राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश से पधारे मुख्य अतिथि कुलपति प्रो० साकेत कुशवाहा द्वारा किया गया । प्रो० कुशवाहा ने बताया कि बचपन के अनुभव हमारे अंदर मनोवैज्ञानिक समस्याओं के होने का एक मुख्य कारण है।

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हम लोगो को बच्चों को मशीन की तरह नहीं तैयार करना है

उन्होंने आगे बताया कि हम लोगो को बच्चों को मशीन की तरह नहीं तैयार करना है, बल्कि उनमें भावनाओं एवं समस्याओं का सामना करने की क्षमता को भी विकसित करना है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बांग्लादेश के जगन्नाथ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग से पधारे प्रो० अशोक शाह ने बताया कि हमें मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर तथा डॉक्टर जो कि कोरोना काल में दिन रात जनता की सेवा कर रहे हैं, उनके प्रति सहानुभूति एवं सम्मान व्यक्त करना चाहिए तथा उन्होंने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी महत्वपूर्ण बताया ।

उसके लिए उनके पास किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं

कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ता डॉ० राकेश जैन, नैदानिक मनोविज्ञान, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान,आगरा ने बताया कि हर कोई व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य का प्रथम उपचार दे सकता है । उसके लिए उनके पास किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं। उन्होंने बताया कि अगर किसी में कोई मनोवैज्ञानिक लक्षण हैं, तो उन्हें तत्काल किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर व्यक्ति से मिलना चाहिए। कानपुर विश्वविद्यालय से पधारे प्रो० निर्मल कुमार सक्सेना ने माता-पिता द्वारा दी जाने वाली परवरिश एवं स्कूल का बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर बहुत ही महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए।

jaunpur International e-conference on World Mental Health Day (social media)

नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के डॉ. नरेंद्र एस. ठगुना ने कहा

नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के डॉ. नरेंद्र एस. ठगुना ने आज के दौर में लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति तथा विचार को कैसे कम किया जा सकता है इसके विभिन्न मनोसामाजिक विषय पर अपना विचार प्रस्तुत किये। आज के कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में देश के विभिन्न राज्यों से 15 शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्रों ने अपने शोध पत्र का प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में मेरठ विश्वविद्यालय से डॉ अर्चना अग्रवाल तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डॉक्टर महेश कुमार मौर्य उपस्थित रहे।

jaunpur Vice Chancellor Professor Nirmala S. Maurya (social media)

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कार्यक्रम की संरक्षिका वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य, ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि हमें नकारात्मक सोच को हटाकर सकारात्मक सोच की तरफ अग्रसर होना चाहिए। उनके द्वारा बताया गया कि कुछ मानसिक समस्याओं को छोड़कर काफी हद तक हम स्वयं के अपने प्रयास से अपने मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रख सकते हैं तथा उन्होंने यह भी बताया कि लोगों को अंधविश्वास से बाहर निकलकर इस क्षेत्र में कार्यरत पेशेवर लोगों से सहायता प्राप्त करना चाहिए।

कपिल देव मौर्य, जौनपुर

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