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मोदी सरकार ने दी चीन को एक और बड़ी चोट, नई शिक्षा नीति में चीनी भाषा बाहर

नई शिक्षा नीति में विदेशी भाषाओं की सूची से चाइनीज को बाहर कर दिया गया है। सरकार के इस कदम को बड़ा फैसला माना जा रहा है।

Newstrack
Published on: 1 Aug 2020 5:23 PM GMT
मोदी सरकार ने दी चीन को एक और बड़ी चोट, नई शिक्षा नीति में चीनी भाषा बाहर
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: एलएसी पर चीन के साथ विवाद बढ़ने के बाद मोदी सरकार ने चीन को एक और भारी चोट दी है। चीनी एप्स और चीनी कंपनियों पर पाबंदी लगाने के बाद मोदी सरकार ने पड़ोसी देश की भाषा को भी ठुकरा दिया है। दरअसल मोदी कैबिनेट की ओर से हाल में मंजूर की गई नई शिक्षा नीति में विदेशी भाषाओं की सूची से चाइनीज को बाहर कर दिया गया है। सरकार के इस कदम को बड़ा फैसला माना जा रहा है।

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बच्चे नहीं पढ़ेंगे चाइनीज भाषा

मोदी सरकार ने हाल में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी है। शिक्षा के क्षेत्र में इसे क्रांतिकारी बदलाव वाला कदम बताया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में सेकेंड्री स्कूल लेवल पर छात्रों को पढ़ाई जाने वाली भाषाओं में फ्रेंच, जर्मन, जापानी, स्पेनिश, कोरियन, पुर्तगीज, रशियन, और थाई भाषा को विकल्प के रूप में रखा गया है। सेकेंड्री स्कूल लेवल पर छात्र इनमें से किसी भी भाषा का चयन कर सकते हैं।

भाषाओं के विकल्प से चाइनीज को अब बाहर कर दिया गया है। हालांकि जब पिछले साल नई शिक्षा नीति का मसौदा जारी किया गया था तब इसमें फ्रेंच, जापानी, स्पेनिश और जर्मन के साथ चाइनीज भाषा का भी जिक्र था।

तनाव बढ़ने के बाद सरकार का बड़ा कदम

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि नई शिक्षा नीति में चाइनीज को जगह नहीं दी गई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि चीन के साथ हाल के दिनों में तनाव बढ़ने के बाद मोदी सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है।

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच इन दिनों तनाव चरम पर है। दोनों सेनाओं के बीच 15 जून को हिंसक झड़प भी हुई थी जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस हिंसक संघर्ष में चीन के भी कई सैनिक हताहत हुए थे। हालांकि चीन की ओर से अभी तक इस बात का अाधिकारिक खुलासा नहीं किया गया है।

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चीन पर सरकार कस रही शिकंजा

चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद मोदी सरकार लगातार चीन पर शिकंजा कसने की कोशिश में जुटी हुई है। पिछले दिनों सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए टिकटॉक और वीचैट सहित चीन के 59 मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।

सरकार का कहना था कि ये एप्स देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले हैं। इसके बाद सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए दूसरे वेरीएंट और क्लोन वाले 45 और एप्स को बैन कर दिया था। मोदी सरकार के इस कदम से चीन को भारी झटका लगा है और उसने अपनी कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की चेतावनी दी है।

चीन को लगा बड़ा झटका

पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक रुख के बाद देश में चीन विरोधी भावनाएं काफी तेज हो गई हैं और चीनी सामानों का बहिष्कार भी किया जा रहा है। सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं में शामिल तमाम चीनी कंपनियों का ठेका भी रद्द किया जा चुका है। इसके अलावा चीनी कंपनियों के नए सरकारी टेंडर में शामिल होने पर भी रोक लगा दी गई है।

सरकार और जनता दोनों ही स्तरों पर चीन को जबर्दस्त चोट पहुंचाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। अब नई शिक्षा नीति में चाइनीज को बाहर करने का कदम भी इसी कड़ी में उठाया गया है।

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