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बुरी तरह घिरा चीनः आक्रामक कूटनीति पड़ गई भारी, कोई न रहा साथी

कोरोना वायरस, हांगकांग, शिन्जियांग, दक्षिण चीन महासागर और टेक्नोलॉजी के मुद्दों पर चीन पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने इन सब मामलों में चीन के खिलाफ जिस तरह ग्लोबल गोलबंदी की है उसका असर ये हुआ है कि

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 1 Aug 2020 8:34 PM IST
बुरी तरह घिरा चीनः आक्रामक कूटनीति पड़ गई भारी, कोई न रहा साथी
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प्रतीकात्मक

नई दिल्ली कोरोना वायरस, हांगकांग, शिन्जियांग, दक्षिण चीन महासागर और टेक्नोलॉजी के मुद्दों पर चीन पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने इन सब मामलों में चीन के खिलाफ जिस तरह ग्लोबल गोलबंदी की है उसका असर ये हुआ है कि अब चीन बुरी तरह घिर चुका है। अमेरिका ने स्वीकारा है कि उसकी आक्रामक कूटनीति के कारण चीन के साथ बहुत कम देश ही खड़े हैं।

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चीन की घेराबंदी में भारत का भी काफी हाथ है। सीमाई तनाव के चलते भारत ने चीन के साथ व्यापर को सीमित करने के लिए कई कदम उठाये हैं और कलर टीवी के आयात पर प्रतिबन्ध ईसिस दिशा में उठाया गया ताजा कदम है। इसके पहले चीनी कंपनियों के ठेके रद किये गए हैं और एप्स पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने चीन के खिलाफ अपनी सफलताओं को सीनेट की फॉरेन रिलेशन कमेटी के सामने रखा। वित्तीय वर्ष 2021 के लिए बजट प्रस्ताव को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका की शानदार डिप्लोमेसी के कारण ही चीन दुनियाभर में बुरी तरह घिरा है। उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया। पोम्पियो ने कहा कि हम अपनी शानदार कूटनीति से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के खतरे को लेकर दुनिया भर में जागरुकता फैला रहे हैं।

क्वाड ग्रुप को किया मजबूत

माइक पोम्पियो ने कहा कि हमने चीन के खिलाफ क्वाड ग्रुप को मजबूत किया है। क्वाड ग्रुप अनौपचारिक रणनीतिक फोरम है जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत, और जापान शामिल हैं। पोम्पियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने क्वाड ग्रुप पर काफी मेहनत की है। अमेरिकी राजनयिकों ने इस दिशा में अद्भुत काम किया है। दुनिया भर के कई बड़े देश चीन के साथ अपने राजनयिक और कारोबारी संबंधों की समीक्षा कर रहे हैं। यहाँ तक कि चीन से आने वाली सप्लाई को भी सीमित किया जा रहा है।

हुवावे पर घेराबंदी

पोम्पियो ने चीन की टेलिकॉम कंपनी हुवावे के बारे में कहा कि दुनिया के तीस से अधिक देशों ने हुवावे से किनारा किया है। वे अपने 5जी नेटवर्क को लेकर अविश्वसनीय वेंडर्स पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। पोम्पियों ने कहा कि जब अमेरिका ने कुछ साल पहले चीनी कंपनी के खिलाफ मुहिम शुरू की थी तब इन देशों की संख्या बहुत कम थी कनाडा तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का बंधक बनने के खिलाफ खड़ा हुआ। लेकिन अब उसने चीन के तीन प्रमुख दूरसंचार कंपनियों को प्रतिबंधित किया है।

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चीन के खिलाफ आक्रोश

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि बेलिज और हैती जैसे देशों ने भी चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की निंदा की है। डेनमार्क ने अपने यहां के समाचार पत्रों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सेंसरशिप को नकार दिया है। स्वीडन ने अपने कन्फ्यूशियस संस्थानों को बंद कर दिया है। लिथुआनियाई खुफिया सेवाओं ने चीन को एक राजनीतिक संभावित खतरे के रूप में पहचाना है। आस्ट्रेलिया ने दक्षिण चीन महासागर में चीन की हरकतों पर गहरी चिंता जताई है। पोम्पियो ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने चीन के दक्षिण चीन सागर के दावों को गैरकानूनी और नाजायज घोषित किया है।

ऑस्ट्रेलिया, जापान और यूनाइटेड किंगडम ने समुद्र में नौसैनिक अभ्यास किया है। पोम्पियो ने भारत का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले 106 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि समुद्र में चीन के खिलाफ आसियान देश भी खड़े हुए हैं। सभी 10 आसियान देशों ने जोर देकर कहा है कि दक्षिण चीन सागर विवादों को अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए।



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Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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