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टिकटॉक को टक्कर दे रहा ये भारतीय ऐप, तेजी से हो रहा लोकप्रिय
अब देश में लोग चाइनीज ऐप टिकटॉक से भी किनारा करके स्वदेशी मित्रों ऐप का प्रयोग कर रहे है। इस एप को आईआईटी रुड़की की एक टीम ने बनाया है।
लखनऊ: कोरोना महामारी के वायरस को फैलाने और अनैतिक विस्तारवादी रवैये को लेकर पूरी दुनिया में चीन की फजीहत हो रही है। भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्थानीय उत्पादों के प्रयोग करने की अपील के बाद अब चीनी सामानों का बहिष्कार शुरू हो गया है। यहां तक कि अब देश में लोग चाइनीज ऐप टिकटॉक से भी किनारा करके स्वदेशी मित्रों ऐप का प्रयोग कर रहे है। इस एप को आईआईटी रुड़की की एक टीम ने बनाया है।
टिकटॉक को टक्कर दे रहा भारतीय ऐप मित्रों
देश में मित्रों ऐप बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसकी लोकप्रियता का आलम यह है कि पिछले अप्रैल माह में ही लांच हुए मि़त्रों को रोजाना करीब 50 लाख लोग डाउनलोड कर रहे हैं। ऐप इंटेलिजेंस फर्म सेंसर टावर के मुताबिक देश में लॉकडाउन के बाद इसको डाउनलोड करने वालों की संख्या 4 गुना बढ़ गई है। इसके साथ ही गूगल ने भी मित्रों को 4.7 की रेटिंग दी है।
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अपनी बढ़ती उपभोक्ताओं की संख्या और गूगल रेटिंग से मित्रों ऐप चीनी टिकटॉक ऐप को कड़ी टक्कर दे रहा है। टिकटॉक की तरह ही यह ऐप भी लोगों को वीड़ियों अपलोड़ करने की सुविधा देता है। आईआईटी रुड़की के पासआउट शिवांक अग्रवाल और उनकी पांच सदस्यों की टीम ने इस ऐप को बनाया है। शिवांक व उनकी टीम के सभी सदस्य बेंगलुरु में रहते है।
टिकटॉक के डाउनलोड में आई 48 फीसदी कमी
टीम के सदस्यों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों की शुरूआत अक्सर मित्रों शब्द से करते हैं और इस ऐप का नाम उनके इसी संबोधन से लिया गया है। उनका कहना है कि अगर हमने फ्रेंडस नाम रखा होता तो कोई हमसे नहीं पूछता लेकिन इसका देशी नाम ही इसकी यूएसपी है। मित्रों नाम से इसका काफी मुफ्त प्रचार हो गया है।
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मित्रों की डेवलपर टीम ने इसको बनाने के लिए कही से भी आर्थिक सहायता नहीं ली है। बता दें कि कोरोना वायरस के दुनिया भर में संक्रमण के बाद से ही चीनी ऐप टिकटॉक के डाउनलोड़ में 48 फीसदी की कमी आयी है और यह 3.57 करोड़ से कम हो कर 1.85 करोड़ पर पहुंच गई है।