TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

महिला दिवस: यूपी की ये पावरफुल नेता, जिनसे डरते हैं बड़े-बड़े राजनीतिक खिलाड़ी

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जानते हैं उन पावरफुल महिलाओं के बारे में, जिनके बिना उत्तर प्रदेश की राजनीति अधूरी है या यूं कहें कि ये महिलाएं अपने पिता या पति से नहीं बल्कि खुद के नाम से जानी जाती हैं।

Ashiki
Published on: 7 March 2021 7:18 PM IST
महिला दिवस: यूपी की ये पावरफुल नेता, जिनसे डरते हैं बड़े-बड़े राजनीतिक खिलाड़ी
X
पिता न पति, खुद के नाम से जानी जाती हैं UP की ये पावरफुल महिला राजनेता

लखनऊ: दुनियाभर में आठ मार्च को यानी कल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा। इस दिन को मनाए जाने के पीछे की वजह महिलाओं को वह सम्मान देना है जिसकी वे हकदार हैं। चाहे पॉलिटिक्स हो या कोई दूसरा क्षेत्र, आज पूरी दुनिया में महिलाएं पुरुषों के साथ ही नहीं, बल्कि दो कदम आगे भी चल रही हैं। तो आइये आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जानते हैं उन पावरफुल महिलाओं के बारे में, जिनके बिना उत्तर प्रदेश की राजनीति अधूरी है या यूं कहें कि ये महिलाएं अपने पिता या पति से नहीं बल्कि खुद के नाम से जानी जाती हैं।

महिला डिफेंडर स्वाति सिंह

BJP नेत्री और योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह को पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया था। स्वाति सिंह की पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई है। स्वाति सिंह प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को कथित अपशब्द कहने के मामले में पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं। इसी के बाद स्वाति ने कमान संभाल ली। बीएसपी की जुबानी पलटवार ने स्वाति को बल दिया। उसके बाद उन्होंने महिलाओं को साथ लेकर एक कैंपेन चलाया, जिससे महिलाओं को कमतर आंकने वालों को करारा जवाब दिया। तब वह सफल राजनेत्री के रूप में उभरकर सामने आईं। फिलहाल उन्हें बीजेपी से बड़ा दायित्व मिला है।

अविजित मेनका गांधी

मेनका गांधी को बीजेपी के सीनियर नेताओं में से एक माना जाता है। मेनका गांधी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की बहू और दिवंगत कांग्रेस नेता संजय गांधी की पत्नी हैं। पति संजय गांधी के निधन के बाद उनके अपनी सास इंदिरा गांधी से बहुत मधुर संबंध नहीं रहे इसलिए वह कांग्रेस से अलग हो गईं। शादी से पहले उनका नाम मेनका आनंद था। उनका जन्म 26 अगस्त 1956 को नई दिल्ली में एक सिख परिवार में हुआ। पिता सेना में अधिकारी थे। एक कॉकटेल पार्टी के दौरान उनकी मुलाकात संजय गांधी से हुई और फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया। मेनका, संजय के साथ चुनाव कैंपेनिंग में जाया करती थीं और उनकी खूब मदद करती थीं।

ये भी पढ़ें: काशी की बेटी: जिस पर नाज करता है पूरा बनारस, जाने कौन हैं डॉक्टर शिप्रा धर

1980 में मेनका और संजय गांधी का एक बेटा हुआ। मेनका जब 23 साल की थीं और वरुण केवल 3 महीने के थे, तभी संजय गांधी का एक हवाई दुर्घटना में निधन हो गया। 1984 के लोकसभा चुनावों में मेनका ने मजबूत दावेदारी पेश की लेकिन राजीव गांधी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में वह निर्दलीय खड़ी हुई थीं। 1988 में उन्होंने वीपी सिंह का जनता दल ज्वाइन किया और इसकी महासचिव बनीं। 1989 में मेनका ने पहली बार पीलीभीत से चुनाव जीता और पर्यावरण राज्यमंत्री बनीं। तब से लेकर अब तक वह कोई चुनाव नहीं हारी हैं। वर्तमान में मेनका गांधी सहारनपुर से सांसद हैं। हालांकि इस बार का चुनाव कम अंतर से जीत पाई थीं। फिलहाल वह जानवरों के अधिकार की लड़ाई भी लड़ती हैं।

उच्च शिक्षित नेत्री अनुप्रिया पटेल

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की तेज तर्रार सांसद और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल, कुर्मी बिरादरी में खासा प्रभाव रखने वाले अपना दल के संस्थापक दिवंगत नेता सोनेलाल पटेल की बेटी हैं। पिता की मृत्यु के बाद अक्टूबर 2009 में उन्हें अपना दल का महासचिव बनाया गया। 2014 में पहली बार संसद पहुंचने वाली अनुप्रिया पटेल बाद में जून, 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री भी बनीं।

अनुप्रिया का जन्म कानपुर में 28 अप्रैल 1981 को हुआ था। अनुप्रिया पटेल ने लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमेन एमिटी विश्वविद्यालय और कानपुर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने मनोविज्ञान में परास्नातक डिग्री हासिल की है। उन्होंने एमबीए कर एमिटी विश्वविद्यालय में पढ़ाने का काम भी किया है।

सशक्त प्रवक्ता जूही सिंह

जूही सिंह समाजवादी पार्टी की महिला विंग की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। महिला प्रवक्ताओं में शीर्ष में गिनी जाने वाली जूही पुरुष प्रवक्ताओं के भी छक्के छुड़ा देती हैं। उनके तर्कों की आए दिन सोशल मीडिया पर चर्चा होती रहती है। राजनीति में आने के पहले जूही सिंह पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही थीं। कहते हैं कि जूही सिंह हमेशा अपने साथ पिस्टल रखती हैं। कहा जाता है ये पिस्टल उन्हें उनके दादा जी से विरासत में मिली थी। तब से वह इसे अपने पास रखती हैं और अपने लिए शुभ मानती हैं।

अकेले पड़ चुके पति से कदम मिलाती डिंपल

डिंपल यादव यूपी के सबसे बड़े सियासी कुनबे से ताल्लुक रखती हैं। उनके पति अखिलेश यादव और ससुर मुलायम सिंह यादव दोनों ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यादव परिवार की बहू होने अलावा भी उनकी अलग पहचान है। डिंपल यादव भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल सीएस रावत की बेटी हैं। पूर्व में वह कन्नौज की सांसद भी रह चुकी हैं। यादव कुनबे में घमासान के बाद डिंपल उभरकर सामने आईं। यूपी चुनाव में उन्होंने अपने पति और पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया। साथ ही समाजवादी पार्टी की सोशल मीडिया कैंपेनिंग देखने का जिम्मा भी डिंपल पर ही था। यूपी चुनाव में डिंपल की मौजूदगी ने अखिलेश-डिंपल को ‘यूपी का पॉवर कपल’ बना दिया था। अखिलेश यादव के बाद पार्टी में दमदार छवि रखने वाली डिंपल यादव किसी अभिनेत्री से कम खूबसूरत नहीं हैं।

ये भी पढ़ें: महिला दिवस पर नई पहल, मिशन शक्ति अभियान के तहत मनाएगी योगी सरकार

बातों पर अडिग निरंजन ज्योति

साध्वी निरंजन ज्योति खुद में एक पहचान हैं। हालांकि वह केवट जाति की हैं लेकिन निम्न बिरादरियों की वकालत करती हैं। साल 2014 के मोदी कैबिनेट में मंत्री रहीं। इसके बाद 2019 में ग्रामीण विकास की राज्यमंत्री बनीं। इस दौरान वह विवादों से भी घिरी रहीं। कड़वे बोल के लिए जानी जाने वाली साध्वी निरंजन ज्योति बहुत मुखर हैं। उन्होंने सरकार में रहते हुए भी सरकार से बगावत कर दी। एक रैली के दौरान उन्होंने कहा, 'दिल्ली में बैठी सरकार या तो रामजादों द्वारा चलाई जाएगी या फिर हरामजादों द्वारा।' इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वर्तमान में वह फतेहपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं।

राजनीति के साथ कार्पोरेट में सक्रिय मोना मिश्रा

संगम नगरी में जन्मी आराधना मिश्रा, मोना मिश्रा के भी नाम से ज्यादा जानी जाती हैं। उनके पिता प्रमोद तिवारी कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। प्रतापगढ़ की विधायकी सीट रामपुर खास से वह 9 बार विधायक रहे। ऐसे अविजित नेता की बेटी मोना मिश्रा भी कम दिग्गज नहीं हैं। वर्तमान में वह रामपुर खास से विधायक हैं। कांग्रेस की तरफ से वह उत्तर प्रदेश की ब्राह्मण नेता का चेहरा भी हैं। राजनीति में आने से पहले वह कार्पोरेट जगत में भी सक्रिय रही हैं। इस समय भी वह एक बड़ी प्राइवेट कंपनी की डायरेक्टर हैं और अपना खुद का एक एनजीओ भी चला रही हैं।

राजनीति की प्रीता, बहुगुणा जोशी रीता

रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं। उन्होंने एमए पूरा किया और इतिहास में पीएचडी भी किया है। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मध्ययुगीन और आधुनिक इतिहास में प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने इलाहाबाद की मेयर बनकर 1995 में राजनीति में प्रवेश किया। 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा रहीं। 20 अक्टूबर 2016 को, वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। इससे पहले 24 साल तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ थीं। रीता ने 2017 विधानसभा के चुनाव में मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को हराया था। इतना ही नहीं, रीता संयुक्त राष्ट्र की ओर से दक्षिण एशिया की सबसे प्रतिष्ठित महिलाओं में शुमार की जा चुकी हैं।

सशक्त नेत्री अदिति सिंह

यूपी की युवा महिला नेता अदिति सिंह रायबरेली से विधायक हैं। राजनीति में आने से पहले अदिति सिंह समाज सेवा का कार्य कर रही थीं। बाहुबली नेता अखिलेश प्रताप सिंह की बेटी हैं अदिति। उनका जन्म 15 नवंबर 1987 में हुआ था। अदिति सिंह ने पिता की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए फैशन वर्ल्ड के करियर तक को ठुकराया है। अदिति ने यूएस की ड्यूक यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री की है। डिग्री के दौरान ही उन्होंने वहां एक फैशन हाउस में 4 महीने की अनपेड इंटर्नशिप भी की। पिछले साल उन्होंने पंजाब के कांग्रेस विधायक अंगद सैनी के साथ शादी की। इस समय कांग्रेस से ही उनकी अनबन नजर आती है।

माया देतीं दलितों को छाया

यूपी की राजनीति की बात हो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का जिक्र न हो, यह कैसे संभव है। मायावती यूपी की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती देश की राजनीति में अहम भूमिका निभा रही हैं। उत्तर प्रदेश से दलित राजनीति की हवा चलाने में उनका अहम योगदान रहा है। दलितों के मुद्दों पर वह खुलकर बोलती हैं।

ये भी पढ़ें: महिला दिवस के मौक़े पर कार्यक्रम में शामिल हुई MP अनुप्रिया पटेल, देखें तस्वीरें

कलाकार भी हैं अपर्णा यादव

मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव राजनीति में हमेशा सक्रिय रहती हैं। वह पत्रकार अरविंद सिंह बिष्ट की बेटी हैं। अपर्णा भले ही सपा में हैं लेकिन बीजेपी और पीएम मोदी की अक्सर तारीफ करती रहती हैं। यहां तक की अपर्णा यादव ने ट्रिपल तलाक वाले मुद्दे पर भी बीजेपी को सपोर्ट किया था। राजनीति में सपा कुनबे की ओर से अहम भूमिका निभा रही अपर्णा की रुचि लोक संस्कृति में भी है। वह गायन, नृत्य और वादन का भी शौक पालती हैं। इस शो को वह विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए पूरा करती रहती हैं।

- आशिकी पटेल



\
Ashiki

Ashiki

Next Story