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गोंडा की गौरा सीट से विधायक प्रभात वर्माः बूथ कार्यकर्ता से की शुरुआत

विधायक निधि के सवाल पर प्रभात वर्मा ने कहा कि इसे खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इसकी धनराशि अत्यंत कम है और जनता की अपेक्षाएं कई गुना अधिक हैं। नौकरशाही के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज की ब्यूरोक्रेसी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है जिसके कारण पात्र लाभार्थियों को जन कल्याण कारी योजनाओं का सही नहीं मिल पा रहा है।

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Published on: 18 Aug 2020 1:45 PM GMT
गोंडा की गौरा सीट से विधायक प्रभात वर्माः बूथ कार्यकर्ता से की शुरुआत
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गोंडा की गौरा सीट से विधायक प्रभात वर्माः बूथ कार्यकर्ता से की शुरुआत

तेज प्रताप सिंह

गोंडा। बूथ कार्यकर्ता से राजनीति का सफर शुरू कर जनपद में पहली बार भाजपा के बैनर तले 2017 में चुनाव जीतकर गौरा विधानसभा क्षेत्र विधानसभा पहुंचे हैं प्रभात वर्मा। कहते हैं राजनीति में न आते तो वकालत पेशे के माध्यम से समाजसेवा करते।

जनता के हर दुःख सुख में शामिल होने वाले विधायक प्रभात वर्मा राजनीति में शुचिता और ईमानदारी के पक्षधर हैं। उनका मानना है कि महंगे चुनाव के कारण ही आज के ईमानदार और साफ सुथरी छवि वाले राजनेता नेपथ्य में चले गए।

भाजपा में बूथ स्तर के कार्यकर्ता से शुरुआत कर पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए प्रभात वर्मा ने जो मुकाम हासिल किया है वह विरले लोगों को मिलता है।

गोंडा की गौरा सीट से विधायक प्रभात वर्माः बूथ कार्यकर्ता से की शुरुआत

समाज सेवा की ललक ने उन्हें राजनीति में प्रवेश कराया और अब वे ‘सत्ता हमारे लिए साध्य नहीं, साधन है‘ ध्येय वाक्य के साथ जनप्रतिनिधि के रुप में जनता के लिए सर्व सुलभ हैं।

राजनीतिक परिवार से ताल्लुक

जिले के मनकापुर तहसील क्षेत्र के सैदापुर गांव में 15 जनवरी 1969 को जन्मे गौरा से भाजपा विधायक प्रभात वर्मा के किसान पिता ठाकुर प्रसाद वर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के खांटी छात्र नेता रहे।

जिले में भी उन्होंने जनसंघ, जनता दल और भाजपा के बैनर तले अपनी राजनीतिक यात्रा को मुकाम दिया। वे आज भी जिले में ईमानदार, जुझारु और साफ सुथरी छवि के लिए जाने जाते हैं।

उनके बड़े बेटे प्रभात वर्मा ने पिता के सपनों को साकार किया और दूसरे प्रयास में अपने गृह क्षेत्र गौरा से भाजपा के टिकट पर विधायक बन गए। सात भाई व दो बहनों में सबसे बड़े हैं प्रभात।

एमए एलएलबी की डिग्री है

उन्होंने लखनऊ विश्व विद्यालय से बीएससी के बाद कानपुर से परास्नातक और फिर लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की डिग्री हासिल की। जिला मुख्यालय पर वकालत के साथ ही उन्होंने राजनीति में पिता का हाथ बंटाना शुरु किया।

अपने सरल व्यवहार, कर्मठता और वाकपटुता के चलते वे राजनीति के माहिर खिलाड़ी बन गए। पिता, मां सुशीला देवी का आशीर्वाद मिला। भाइयों का अटूट सहयोग रहा। पत्नी व बेटों नीरज पटेल व प्रशांत पटेल का सहयोग रहा।

गोंडा की गौरा सीट से विधायक प्रभात वर्माः बूथ कार्यकर्ता से की शुरुआत

बेटा प्रशांत चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में छात्रसंघ महामंत्री रहा है। इसके अलावा क्षेत्रीय जनता के समर्थन मिला। जिसकी बदौलत राजनीति और समाजसेवा के क्षेत्र में उतरे प्रभात वर्मा आज जिले के वीआइपी माने जाने वाले गौरा क्षेत्र के विधायक हैं।

देश व प्रदेश की राजनीति में मशहूर पूर्व सांसद कुंवर आनन्द सिंह इसी क्षेत्र से जीतकर पिछली सपा सरकार में कृषि मंत्री बने थे।

बूथ अध्यक्ष से बने भाजपा के विधायक

विधायक प्रभात वर्मा बताते हैं कि पिता की समाज सेवा देख हमारे मन में गरीब मजलूमों की सहायता करने की ललक थी। राजनीति की शुरुआत में तबके सादुल्लाह नगर विधान सभा क्षेत्र में अपने गांव के बूथ पर उन्हें भाजपा का बूथ अध्यक्ष बनाया गया। इसके कुछ दिनों बाद उन्हें देवरिया मद्दो का शक्ति केन्द्र प्रभारी का दायित्व मिला।

साल 2000 में उनकी पत्नी पुष्पा वर्मा दौलतपुर क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य चुनीं गईं। पार्टी के प्रति समर्पण और निष्ठा को देखते हुए उन्हें 2001 में भाजपा युवा मोर्चा का जिला उपाध्यक्ष बानाया गया।

इसके बाद तत्कालीन जिलाध्यक्ष शेष नारायन मिश्रा ने उन्हें जिला मंत्री का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा।

बसपा में चले गए

कालान्तर में पार्टी के भीतर कुछ मतभेद के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी और बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ले ली।

बसपा के समर्थन से उन्होंने 2010 में दौलतपुर से ही जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता। उनकी सेवाओं और लोकप्रियता का परिणाम रहा कि बसपा ने संगठन के विभिन्न पदों की जिम्मेदारी दी।

गोंडा की गौरा सीट से विधायक प्रभात वर्माः बूथ कार्यकर्ता से की शुरुआत

2012 के विधान सभा चुनाव में सादुल्लाह नगर के स्थान पर नवसृजित गौरा विधान सभा क्षेत्र से पार्टी का प्रत्याशी बना दिया। यद्यपि कि वह मामूली मतों से चुनाव हार गए। उनके प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने 2016 में पुनः उन्हें अपने पाले में खींच लिया।

अगले साल 2017 में चुनावी रणभेरी बजी तो भाजपा ने प्रभात पर दांव लगाया और सिम्बल देकर दोबारा मैदान में उतार दिया। इस चुनाव में उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की और विधायक बन गए।

सादगी पूर्ण जीवन

विधान सभा क्षेत्र गौरा के भाजपा विधायक प्रभात वर्मा राजनीति के अलावा वकालत और खेती किसानी भी करते हैं। भले ही उन्हें राजनीति विरासत में मिली हो लेकिन कड़ी मेहनत, ईमानदारी और समाज सेवा से वे इस मुकाम तक पहुंचे हैं।

जनता की समस्याएं हों अथवा अन्य पारिवारिक काम वे पूरी मेहनत, लगन और ईमानदारी निपटाते हैं। परास्नातक और विधि स्नातक प्रभात की छवि तेज तर्रार और विकास वादी विधायक के रूप में है और वे जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।

सादगी पसंद विधायक के साथ वाहनों का कोई काफिला नहीं चलता और न ही सुरक्षा गार्डों की फौज होती है। इसीलिए आम आदमी भी उनसे बेरोकटोक मिल सकता है। राजनीतिक कामों से फुरसत मिलने पर प्रभात वर्मा लेखन के साथ परिवार और दोस्तों के बीच समय बिताते हैं।

राजनीतिक बदलाव शुभ संकेत

राजनीति में बदलाव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने और नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से अब तक बड़ा बदलाव हुआ है।

आज जहां एक ओर केन्द्र व राज्य सरकारों के कार्य शैली से योजनाओं का लाभ हर जरूरत मंद को मिल रहा है। तो वहीं कश्मीर में धारा 370 का खात्मा, मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बन चुके ट्रिपल तलाक और देश में अवैध घुसपैठ को रोने के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाकर जो इतिहास रचा गया है उसके दूरगामी परिणाम होंगे।

दल बदल कलंक

दलबदल को राजनीति में कलंक बताते हुए उन्होंने कहा कि विचारधारा के विपरीत राजनीति से किसी का भला नहीं हो सकता। इससे राजनेताओं से जनता का विश्वास उठ जाता है।

चुनाव में धन और बल के प्रयोग को अनुचित बताते हुए भाजपा विधायक प्रभात वर्मा ने कहा कि चुनाव आयोग को और सख्त होना होगा। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक खुशी राजनीति में तब मिली जब उन्होंने पिता और शुभचिंतकों के सपने को साकार किया और चुनाव जीत कर विधायक बने।

उनके साथ कंघे से कंधा मिलाकर चलने वाले छोटे भाई और भाजयुमो के जिला उपाध्यक्ष अम्बुज पटेल के असमय निधन पर उन्हें सबसे अधिक दुःख हुआ।

नौकरशाही विकास में बाधक

विधायक निधि के सवाल पर प्रभात वर्मा ने कहा कि इसे खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इसकी धनराशि अत्यंत कम है और जनता की अपेक्षाएं कई गुना अधिक हैं। नौकरशाही के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज की ब्यूरोक्रेसी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है जिसके कारण पात्र लाभार्थियों को जन कल्याण कारी योजनाओं का सही नहीं मिल पा रहा है।

नौकरशाहों द्वारा विकास कार्यों में अनावश्यक अड़ंगेबाजी की जाती है। यदि नौकरशाही ईमानदारी से जन प्रतिनिधि एवं सरकार का साथ दे तो तेजी से विकास होगा और जनता खुशहाल रहेगी।

वनटांगिया को लाभ दिलाना बड़ी उपलब्धि

लगभग 10 करोड़ से तमाम सड़कों, सम्पर्क मार्गों का निर्माण कराकर क्षेत्र के विकास में नया कीर्तिमान बनाया। गौरा विधायक प्रभात वर्मा ने अपने साढ़े तीन साल के विकास कार्यों को गिनाया।

उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों से विकास की मुख्यधारा से वंचित कटहर बुटहनी, मनीपुर ग्रंट और अशरफाबाद गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा दिलाकर यहां के वनटांगिया परिवारों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

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वर्षों से पिछड़े गौरा विधान सभा क्षेत्र के हथियागढ़ में पांच करोड़ से राजकीय बालिका इण्टर कालेज, छपिया के तालागंज ग्रंट में राजकीय इण्टर कालेज, घारीघाट में 17 करोड़ की लागत से राजकीय आइटीआई और हथियागढ़ में सद्भाव मंडप (मैरेज हाल) का निर्माण प्रगति पर है।

उन्होंने विधान सभा क्षेत्र के 28 इंग्लिस मीडियम माडल प्राइमरी स्कूलों को अपनी विधायक निधि से बेंच आदि उपलब्ध कराया है। विधायक की मानें तो यह उनके प्रयास से शासनादेश में संशोधन के जरिये पहली बार संभव हो सका है।

क्षेत्र में समुचित बिजली आपूर्ति के लिए छपिया ब्लाक के नेतुआ परसा तिवारी और बभनजोत के देवरिया मद्दो में 33 केवीए का विद्युत उपकेन्द्र बनकर तैयार है।

स्वामी नारायण मंदिर को पर्यटन स्थल घोषित कराया

विश्व प्रसिद्ध भगवान स्वामी नारायण की जन्म स्थली छपिया और इसी क्षेत्र के श्रवण पाकड़ मंदिर को सरकार से पर्यटन स्थल घोषित कराकर एक-एक करोड़ की लागत से मंदिर परिसर का विकास कराया जा रहा है। साथ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए छपिया मंदिर से लखनऊ के लिए दो बसों का संचालन भी शुरु कराया।

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कृषि को बढ़ावा देने के लिए विधायक ने प्रयास कर महेवा नानकार में कृषि विज्ञान केन्द्र स्वीकृत कराया जिसका भवन तैयार हो रहा है और पांच कृषि वैज्ञानिकों की नियुक्ति हो चुकी है।

इसके अलावा छपिया व बभाजोत ब्लाक में दो कृषि कल्याण केन्द्र भवन भी निर्माणाधीन है। छपिया में कस्तूरबा विद्यालय का छात्रावास बनेगा, बभनजोत में निर्माणाधीन है।

विकास कार्य

विधायक के प्रयास से ही क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछ गया है। उन्हीं के प्रयास से डुमरियागंज-गौरा चौकी-मसकनवा-कटरा अयोध्या मार्ग को स्टेट हाइवे का दर्जा मिला और अरबों की लागत से अब तक 28 किमी सड़क बन चुकी है। 17 करोड़ की लागत से छपिया मंदिर से गौरा पाण्डेय मार्ग बना।

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विधायक के प्रस्ताव पर साढ़े तीन करोड़ की लागत से पूर्वांचल विकास निधि से छपिया गौरा पाण्डेय मार्ग से टीकर तक मार्ग, 93 लाख से कूकनगर से खुअेहना होते हुए साहू बंग्ला तक और त्वरित विकास योजना में एक करोड़ की लागत से मनसुख ग्रण्ट रोड से भागीरथी विद्यालय होते हुए मुख्य मार्ग तक सम्पर्क मार्ग का निर्माण हुआ।

इसके अलावा मनकापुर-गौरा चौकी-बभनान मार्ग पर 23 किमी सड़क निर्माण को स्वीकृति मिल चुकी है।

अस्पताल, बस अड्डा, थाने का निर्माण प्राथमिकता

विधायक प्रभात वर्मा ने बताया कि क्षेत्र में बिजली की समस्या के समाधान के लिए घारीघाट में 132 केवीए का सबस्टेशन, कूकनगर ग्रंट में राजकीय इण्टर कालेज, मसकनवा और घारीघाट में 100 बेड का अस्पताल, कुआनो नदी पर बाढ़ूघाट, भालू कोनी घाट पुल प्रस्तावित है।

जबकि विसुही नदी पर चार करोड़ से हरैया घाट पुल के लिए निविदा प्रक्रिया चल रही है। घारीघाट में रोडवेज बस अड्डे के लिए तीन एकउ़ भूमि उपलब्ध है जिस पर शीघ्र ही निर्माण की स्वीकृति कराएंगे।

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इसके अलावा क्षेत्र के सभी प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों को जरुरी साजो सामान मुहैया कराना, नए गौरा चौकी थाने का निर्माण, साल के अंत तक सभी मजरों का विद्युतीकरण, क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे और पेयजल तथा स्वास्थ्य समस्याओं का निराकरण उनकी प्राथमिकताओं में है।

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