×

'वायु प्रदूषण के लिए दोपहिया वाहन सबसे बड़े दोषी '

seema
Published on: 17 Jan 2020 6:50 AM GMT
वायु प्रदूषण के लिए दोपहिया वाहन सबसे बड़े दोषी 
X
'वायु प्रदूषण के लिए दोपहिया वाहन सबसे बड़े दोषी '

पर्यावरण वैज्ञानिक, स्कूल आफ मैनेजमेन्ट साइंसेस के महानिदेशक तथा वैदिक विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. भरत राज सिंह ने यूपीटीयू से 'एयर इंजन' पर शोध किया है। पर्यावरण संबंधी विषय पर भी प्रो. सिंह ने काफी काम किया है। उन्होंने हवा से चलने वाली बाइक का भी निर्माण किया है। 'अपना भारत' के श्रीधर अग्निहोत्री ने प्रो. भरत राज सिंह से बातचीत की। पेश है बातचीत के मुख्य अंश।

देश में बढ़ते वायु प्रदूषण के पीछे क्या कारण हैं और इससे बचने के क्या उपाय हैं?

इसके लिए हमें थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा। 1840 में औद्योगिककरण का रास्ता खुला तो कल कारखाने लगते चले गए। लेकिन प्राकृतिक तौर पर इसे बैलेंस करने का काम नहीं किया। जिससे पर्यावरण का असंतुलन बढ़ता गया। 30 से 35 प्रतिशत का ग्रीन कवर यदि कम हो गया तो निश्चित तौर पर आक्सीजन की कमी महसूस होगी। यूपी में लगभग 22 करोड़ की जनसंख्या है और ग्रीन कवरेज मात्र सात से आठ प्रतिशत है। यही वजह है कि नोएडा और दिल्ली जैसे शहर विश्व में तीसरे और चौथे नम्बर पर हैं।

यह भी पढ़ें : गन्ना किसानों को जल्द से जल्द कराएं पूरा भुगतान: सुरेश राणा

ओजोन परत को क्या खतरा है और क्या नुकसान हो सकता है?

बढ़ते वाहनों की संख्या एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। सबसे ज्यादा प्रदूषण तो दो पहिया वाहनों से हो रहा है। वाहनों से निकलने वाली कार्बन डाईआक्साइड और कार्बन मोनो आक्साइड जब ऊपर पहुंचती है तो सूर्य की रोशनी पड़ते ही धरती और आसमान के बीच की ओजोन परत को तोड़ देती है। ओजोन परत मानव को सूर्य से सीधे पडऩे वाली किरणों से बचाती है। यह धरती से 15 से तीस किलोमीटर उंचाई पर होती है। सूर्य की पराबैगनी किरणें हमें नुकसान पहुंचाती हैं। पेड़ पौधों पर इसका सीधा असर पड़ता है।

वायु प्रदूषण की समस्या किन देशों में सबसे ज्यादा है

पर्यावरण बचाए रखना तो पूरी मानव सम्भ्यता के लिए चुनौती है। जनसंख्या बढ़ती जा रही है, औद्योगिक विकास को तो रुकना नहीं है। बढ़ते उत्पादन के कारण ही विश्व में चीन नम्बर एक पर है और करीब 22 मिलियन टन कार्बन डाईआक्साइड प्रतिवर्ष दे रहा है। अमेरिका दूसरे नम्बर पर है जो 19 मिलियन टन गैस उत्सर्जन करता है। भारत तीसरे नम्बर पर है पर अभी यहां के हालात इतने खराब नहीं हैं। वाहनों से सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है। मोटरसाइकिल एक ऐसा वाहन है जो अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा भारत में है।

यह भी पढ़ें : किसान के उत्पादन को अंतराष्ट्रीय पहचान मिलनी चाहिए- ओम बिड़ला

दो पहिया पर तो रोक नहीं लग सकती

इसीलिए हमने एक ऐसी मोटरसाइकिल बनाई है जिसे हवा से चलाया जा सकता है। इसे अमेरिका ने भी एक अविष्कार माना है। यह भारत में तीसरा बेस्ट अविष्कार माना गया है। इसमें एक सीएनजी सिलेण्डर है जो 5 रुपए की गैस में 35 किलोमीटर चलता है। एल्युमीनियम का सिलेंडर बनाकर इसे ऐरो बाइक में लगाया है। इस प्रयोग में सबसे पहले टू-व्हीलर को इस्तेमाल किया गया है। इसका प्रचार लगभग 72 देशों में किया जा चुका है।

पर्यावरण को बचाने के लिए किस बात की जरूरत ज्यादा है

देश में जागरूकता और पेड़ पौधे लगाना बेहद जरूरी है। कभी आप देखिए कि हाईवे पर छोटे छोटे पेड़ अपने आप खुराक ले लेते हैं। पेड़ पौधे कार्बन लेते हैं और आक्सीजन देते हैं। यह एक प्राकृतिक व्यवस्था है। सरकार को चाहिए कि जबभी वह हाईवे बनाए तो निर्माण के पहले ही छोटे-छोटे पौधे लगवा दे जिससे वह सात-आठ साल में स्वत: ही बड़े हो जाएंगे।

जल संकट के बारे में हालात कहां जा रहे हैं

पर्यावरण का संरक्षण नहीं किया गया तो निश्चित तौर पर जल संकट पैदा होगा क्योंकि जब बारिश नहीं होगी तो पानी का संकट होगा। जिस तरह से बर्फ के पहाड़ पिघल रहे हैं उससे सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका ही होगा। यह तय मानिए कि 2040 में जल का भीषण संकट होगा।

seema

seema

सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

Next Story