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नोएडा: सिंचाई विभाग ने प्राधिकरण की स्थाई डंपिंग ग्राउंड योजना को दिया झटका

बता दें कि वर्ष 2018 में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन 2016 के तहत शहर में स्थाई डंपिग ग्राउंड बनाने के लिए कमेटी का गठन हुआ था।

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Published on: 23 Dec 2020 1:19 PM GMT
नोएडा: सिंचाई विभाग ने प्राधिकरण की स्थाई डंपिंग ग्राउंड योजना को दिया झटका
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नोएडा: सिंचाई विभाग ने प्राधिकरण की स्थाई डंपिंग ग्राउंड योजना को दिया झटका (PC: social media)

नोएडा: उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग ने डूब क्षेत्र (सेक्टर-154) में स्थाई डंपिग ग्राउंड (कूड़ा कचरा डालने का स्थान) को बनाने की नोएडा प्राधिकरण की योजना को झटका दे दिया है। एनओसी देने से साफ इनकार कर दिया है। इससे प्राधिकरण 45 वर्ष बाद भी शहरवासियों के लिए स्थाई डंपिग ग्राउंड की जगह तलाश कर पाने में नाकाम हो गया है। ऐसे में प्राधिकरण के सामने सवाल खड़ा है कि सेक्टर-145 स्थित मुबारिकपुर में अस्थाई डंपिग ग्राउंड सामप्त करने के बाद भविष्य में शहर से निकलने वाले प्रतिदिन करीब 1100 मैट्रिक टन कचरे को कहां डाला जाएगा।

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इसके तहत प्राधिकरण को जगह की तलाश कर देना था

बता दें कि वर्ष 2018 में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन 2016 के तहत शहर में स्थाई डंपिग ग्राउंड बनाने के लिए कमेटी का गठन हुआ था। इसके तहत प्राधिकरण को जगह की तलाश कर देना था, जिससे शहर का कूड़ा कचरा स्थाई डंपिग ग्राउंड में डाला जा सके। यहीं से कचरे का निस्तारण हो, लेकिन दो वर्ष बाद भी प्राधिकरण जगह की तलाश कर पाने में नाकाम हो गया है। यहीं नहीं प्राधिकरण ने चार माह पहले सेक्टर-154 स्थित यमुना-हिंडन डूब क्षेत्र में स्थाई डंपिग ग्राउंड बनाने की योजना बनाई।

इसका एक प्रस्ताव तैयार कर उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग के पास भेजा गया। जिसमें 30 एकड़ जमीन की मांग की गई, सिचाई विभाग भी तैयार हो गया, उसने कार्य योजना के लिए 50और स्थान के सर्वे और उसे आईआईटी रुड़की के पास भेज पास कराने के लिए 63 लाख रुपये का फंड मांगा गया, लेकिन प्राधिकरण ने फंड न देकर वर्ष 2014-15 में डंपिग ग्रांउड तैयार कराने के लिए डूब क्षेत्र में कराए गए सर्वे को भेज दिया, इसे सिचाई विभाग ने आईआईटी रुढ़की में प्रस्तुत कर दिया। लेकिन आईआईटी रुड़की की ओर से सर्वे रिपोर्ट खारिज कर कहा गया कि नदी के डूब क्षेत्र में पानी का बहाव प्रतिवर्ष बदलता रहता है। यह सर्वे रिपोर्ट पांच वर्ष पुरानी है, किसी काम नहीं आएगी।

सिचाईं विभाग ने बिना सर्वे रिपोर्ट एनओसी देने से किया इंकार

डूब क्षेत्र में जब डंपिग ग्राउंड तैयार करने की जानकारी पर्यावरणविदों को मिली तो उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी), उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग, नोएडा प्राधिकरण में जानकारी के लिए संपर्क साधा। नियमों से अवगत कराया गया कि डूब क्षेत्र में स्थाई-अस्थाई डंपिग ग्राउंड बनाया नहीं जा सकता है। जानकारी के बाद सिचाई विभाग अधिकारियों को लगा कि गर्दन फंस जाएगी तो उन्होंने प्राधिकरण को डंपिग ग्राउंड तैयार करने के लिए प्राधिकरण की ओर से मांगी जा रही एनओसी को देने से इनकार कर दिया।

नोएडा प्राधिकरण की ओर से डंपिग ग्राउंड तैयार करने के लिए डूब क्षेत्र में एनओसी मांगी जा रही थी, जिसे देने इनकार कर दिया है, क्योंकि डूब क्षेत्र में यह गतिविधि नहीं हो सकती है।

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नीरज कुमार लांबा, अधिशासी अभियंता, उत्तर प्रदेश सिचाई विभाग

डूब क्षेत्र में डंपिग ग्राउंड तैयार करने के लिए 3० एकड़ जमीन मांगी है। उसके सर्वे का काम चल रहा है। एनओसी नहीं देने की जानकारी नहीं है।

एससी मिश्रा, उपमहाप्रबंधक (जनस्वास्थ्य), नोएडा प्राधिकरण

डूब क्षेत्र में कूडा निस्तारण प्लांट या डंपिग ग्राउंड बनाना नदी एवं पर्यावरण के लिए घातक हैं। यदि यह कार्य हुआ तो नोएडा पहले ही प्रदूषण की मार झेल रहा है, ऊपर से नदियो में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ेगा। इसलिए प्रस्ताव पर घोर आपत्ति हैं।

विक्रांत तोंगड़, पर्यावरणविद

रिपोर्ट- दीपांकर जैन

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