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शिक्षा विभाग शर्मसार:शिक्षक की अश्लील हरकत, अब तक है कानून की गिरफ्त से बाहर
इस वजह से यहां भ्रष्ट एवं कामान्ध शिक्षकों के हौसले बुलंद है । शिक्षिकाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर शिक्षा मंदिर में ही अश्लील हरकतों को अंजाम दे रहे हैं।
जौनपुर:जिले में शिक्षा विभाग के के शीर्ष अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही के कारण विद्यालय अश्लील हरकतों का अड्डा बनता जा रहा है। इससे बेफिक्र बैठे हैं बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी । इस वजह से यहां भ्रष्ट एवं कामान्ध शिक्षकों के हौसले बुलंद है । शिक्षिकाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर शिक्षा मंदिर में ही अश्लील हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। इस बात का प्रमाण विकास खण्ड धर्मापुर के ग्राम कबीरूद्दीनपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक का वीडियो वायरल होने पर हुआ है।
मात्र निलम्बन
अश्लील हरकतों को लेकर पूरे शिक्षा विभाग को शर्मसार करने वाले शिक्षक को केवल निलम्बित कर मामले को रफादफा कर देना शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी बीएसए को सवालों के कटघरे में खडा करता है। आखिर जब जांच में स्पष्ट हो गया कि शिक्षक द्वारा प्रशिक्षु बीटीसी शिक्षिका के साथ विद्यालय के कक्ष में अश्लील हरकतें किया गया है तो बीएसए ने उसके खिलाफ मुकदमा क्यों पंजीकृत नहीं कराया। मात्र निलम्बन की कार्यवाही कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त कैसे हो गये है। यह एक गम्भीर सवाल है इसके पीछे का क्या खेल है यह जांच का विषय है।
सोशल मीडिया से
बता दें कि कि गत दिवस सोशल मीडिया पर विकास खण्ड धर्मापुर के ग्राम कबीरूद्दीनपुर प्राथमिक विद्यालय का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राजकुमार भारती एक महिला के साथ अश्लीलता कर रहे हैं। महिला की शिनाख्त प्रशिक्षु अध्यापक के रूप में हुईं हैं। इस घटना के वीडियो के साथ पड़ोसी गांव के एकौना गांव के निवासी नागेन्द्र कुमार यादव ने शिकायती पत्र बीएसए सहित अन्य अधिकारियों को दिया था।
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जांच करने का आदेश
बीएसए ने खण्ड शिक्षा अधिकारी को जांच करने का आदेश दिया था। इसी बीच इस खबर को सच खबरें पोर्टल ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तत्पश्चात बीते 8 सितम्बर 20 को खण्ड शिक्षा अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर जांच किया जांच रिपोर्ट में अश्लीलता की घटना सही पाये जाने का जिक्र करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट बीएसए को दिया। बीएसए ने उसी रिपोर्ट के आधार पर शिक्षक को निलम्बित कर दिया है।
सवाल इस बात का है कि जब शिक्षक पर आरोप सही पाया गया तो दंड स्वरुप मात्र निलम्बन तक ही सीमित क्यों रही है। जिसकी हरकतों से पूरा बेसिक शिक्षा विभाग शर्मसार हुआ उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही क्यों नहीं किया गया। निलम्बन कितना बड़ा दण्ड है।
शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का मत
शिक्षा विभाग के ही लोग बीएसए पर ऐसे कामान्ध शिक्षक को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का मत है कि इसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए था साथ ही शिक्षा विभाग को कलंकित करने के आरोप में इसे शिक्षा की सेवा से मुक्त करने का दण्ड दिया जाना चाहिए था
सोशल मीडिया से
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अस्मिता बचाना कठिन
विभाग के लोगों का कहना है कि बीएसए की इस तरह की दंड से अब शिक्षा विभाग में महिला कर्मचारियों को अपनी अस्मिता बचाना कठिन हो जायेगा। ऐसे में ऐसा दंड दे कि भविष्य में कोई भी शिक्षा विभाग को शर्मसार करने का साहस न कर सके।शिक्षक की इस अश्लील हरकतों का बुरा असर यहां पर अध्ययनरत बालक बालिकाओं पर पड़ रहा है। तो जल्द ही इस पर एक्शन लेकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए
कपिल देव मौर्य जौनपुर