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राम मन्दिर की फर्जी रसीद: जौनपुर से आई बड़ी खबर, पुलिस ने 3 आरोपी को भेजा जेल
थाना लाईन बाजार की पुलिस ने फर्जी रसीद के जरिए पैसा वसूली करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।
जौनपुर : अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण का मामला अब कुछ लोगों के लिये धनोपार्जन का साधन बन गया है। जहां एक ओर भाजपा और हिन्दू संगठनों के लोग पूरे देश में 15 जनवरी से 15फरवरी तक राम मन्दिर के निर्माण के लिये समर्पण अभियान के तहत आम जनता से धन की व्यवस्था करने हेतु रसीदें काट रहे हैं। वहीं पर कुछ लोग ऐसे भी है जो इस अभियान के नाम पर अपनी तिजोरी भरने के लिए फर्जी रसीद लेकर धनोपार्जन के खेल कर रहे हैं।
अयोध्या राम मंदिर के लिए कटी फर्जी रसीद
थाना लाईन बाजार की पुलिस ने फर्जी रसीद के जरिए पैसा वसूली करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार रसीद के जरिए धन की वसूली करने वाले दो युवको की सूचना विहिप के जिला मंत्री जनमेजय तिवारी को लगी तो उन्होंने पहले इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से लिखित किया जिस पर एसपी ने थाना प्रभारी लाईन बाजार को कार्यवाही के लिए आदेश दिया। तत्पश्चात जाल साजो को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और जरिये फोन चन्दा देने के लिए टीडी पीजी कालेज के पास बुलाया वहां पर दोनों को पकड़ा और थाना लाईन बाजार की अधीनस्थ चौकी टीडी कालेज की पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस ने किया गिरफ्तार फर्जी रसीद छापने वाली प्रेस को
पुलिस ने जब दोनों के पास की रसीद का मिलान किया तो रसीद राम जन्म तीर्थ स्थल निर्माण ट्रस्ट अयोध्या उप्र के नाम की मिली जिस पर अनिल मिश्रा सदस्य एवं सुशील कुमार कोषाध्यक्ष छपा था। इसमें दिया गया खाता नम्बर भी व्यक्तिगत रहा। रसीद फर्जी होने का संकेत मिलते ही पुलिस ने कड़ाई किया तो पता चला दोनों जाल साज थाना कोतवाली सदर क्षेत्र स्थित मुहल्ला सिपांह के निवासी हैं।
एक का नाम राहुल अस्थाना है तो दूसरा सुशील अस्थाना है। इसके बाद पुलिस ने पता किया कि रसीद छपी कहां से है तो पता चला कि रोडवेज स्थित सविता प्रेस से छापी गई है। पुलिस ने दविस दे कर प्रेस के प्रोपराइटर कवी जायसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस ने आरोपियों को भेजा जेल
तत्पश्चात तीनों के विरुद्ध अपराध के तहत मुकदमा दर्ज कर तीनों को न्यायालय भेज दिया वहां पर मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के पश्चात तीनों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है। इस घटना ने इतना तो संकेत दे ही दिया है कि भागवान राम के मन्दिर के नाम पर ऐसे भी लोग हैं जो अपनी जेब भरने की जुगत में है। यह तो अभी एक मामला खुला है छान बीन होने पर और भी जाल साजो का खुलासा सम्भव है।
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रिपोर्ट : कपिल देव मौर्य
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