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न्याय रद्दी की टोकरी में: विवादित जमीन पर जबरियन कब्जा कराया पुलिस ने

जनपद मुख्यालय से 50 किमी दूर स्थित थाना मुंगराबादशाहपुर की पुलिस ने एक जनप्रतिनिधि के दबाव में आकर क्षेत्र के गांव गोविंददास पुर में  तथाकथित दबंगों को  न्यायालय के स्थगन आदेश सहित अपने उच्चाधिकारियों के आदेश को कूड़ेदान की टोकरी में डालते हुए विवादित जमीन पर जबरिया कब्जा करा दिया है।

Shreya
Published on: 21 Jan 2020 4:23 PM IST
न्याय रद्दी की टोकरी में: विवादित जमीन पर जबरियन कब्जा कराया पुलिस ने
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न्याय रद्दी की टोकरी में: विवादित जमीन पर जबरियन कब्जा कराया पुलिस ने

जौनपुर: जनपद मुख्यालय से 50 किमी दूर स्थित थाना मुंगराबादशाहपुर की पुलिस ने एक जनप्रतिनिधि के दबाव में आकर क्षेत्र के गांव गोविंददास पुर में तथाकथित दबंगों को न्यायालय के स्थगन आदेश सहित अपने उच्चाधिकारियों के आदेश को कूड़ेदान की टोकरी में डालते हुए विवादित जमीन पर जबरिया कब्जा करा दिया है । दबंग कब्जा कर रहे थे और मुंगराबादशाहपुर पुलिस कार्यवाही करने के बजाय धृतराष्ट्र की भूमिका अदा करती रही।

अधिकारियों के आदेशी की अनदेखी

मिली जानकारी के अनुसार मुंगराबादशाहपुर पुलिस अपने ही उच्च अधिकारियों उप जिलाधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार एवं जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह के आदेश तक को रद्दी की टोकरी में डालते हुए विवादित आराजी पर अवैध निर्माण कार्य पूरा करा दिया जबकि फरियादी न्यायालय के स्थगन आदेश एवं उच्च अधिकारियों के आदेश को लेकर न्याय पाने के लिए गिड़गिड़ाता रहा। पुलिस ने पीड़ित की आवाज सुनना नहीं चाहा था।

अवैध निर्माण कार्य रोकवाने की मांग

बता दें थाना क्षेत्र के बेलवार मार्ग पर स्थित गोविंदासपुर गांव में जनता पूर्व माध्यमिक विद्यालय की भूमिधरी खाते की आराजी संख्या 23 क/0.105 है। जिसे लेकर दीवानी न्यायालय में एक वाद लंबित है। और दीवानी एवं उच्च न्यायालय से उक्त भूखंड पर स्थगन आदेश भी दिया गया है। जनता पूर्व माध्यमिक विद्यालय गुड़िया के प्रबंधक फूलचंद्र पटेल ने बताया एक जनप्रतिनिधि के दबाव में मुंगराबादशाहपुर पुलिस के सह पर बिपक्षी रामफेर पुत्र दूधनाथ द्वारा अवैध निर्माण कार्य शुरू किया गया तो उसने न्यायालय द्वारा पारित स्थगन आदेश की प्रति थाना प्रभारी निरीक्षक को देते हुए अवैध निर्माण कार्य रोकवाने की मांग किया।

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आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं

फूलचंद का आरोप है कि मुंगराबादशाहपुर पुलिस द्वारा न्यायालय के स्थगन आदेश की प्रति दिए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। तब उसने उपजिलाधिकारी मछली शहर से लेकर पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी तक को प्रार्थना पत्र देकर न्यायालय के स्थगन आदेश का पालन कराने की मांग की। जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उच्च अधिकारियों ने मुंगराबादशाहपुर थाना प्रभारी को न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराने का आदेश देते हुए अवैध निर्माण कार्य रोकने का निर्देश दिया।

उच्च न्यायालय का खटखटाया दरवाजा

फूल चंद ने बताया कि मुंगरा पुलिस ने जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह सहित अन्य उच्च अधिकारियों के आदेश को रद्दी की टोकरी में फेंक कर निर्माण कार्य रोकने से इंकार कर दिया। जिससे हक्का बक्का होकर फूल चंद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने भी विवादित आराजी पर अवैध निर्माण कार्य को रोकने का आदेश पारित कर दिया। लेकिन मुंगराबादशाहपुर पुलिस उच्च न्यायालय के आदेश को भी धता बताते हुए विवादित आराजी पर अवैध निर्माण कार्य पूरा कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।

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इस बीच पीड़ित फूल चंद पटेल अपनी फरियाद एवं उच्च न्यायालय एवं अधिकारियों के आदेश को लेकर हर दरवाजे पर ठोकर खा रहा है। जब की मुंगराबादशाहपुर पुलिस के संरक्षण में बिरोधी विवादित आराजी पर अवैध रूप से निर्माण कार्य करते रहे। बताते चलें कि इससे पहले मुंगराबादशाहपुर नगर के नई बाजार मुहल्ले मे भी न्यायालय के स्थगन आदेश को चुनौती देते हुए एक विवादित आराजी पर अवैध रूप से निर्माण करा दिया था। भूमिधरी आराजी पर इस तरह हो रहे अवैध कब्जे से मुंगराबादशाहपुर क्षेत्र में लोगों मे दहशत का माहौल बन गया है।

लोगों का मानना है कि मुंगराबादशाहपुर थाना पुलिस किसी की जमीन को भी दबंगों से कब्जा करा सकती है । जबकि थाना प्रभारी निरीक्षक राम बहादुर चौधरी ने अवैध निर्माण को भी सही करार दिया है। सच्चाई क्या है यह तो जाँच के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन स्थानीय पुलिस की कार्य शैली सवालों के कटघरे में नजर आ रही है।

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