TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सबसे महंगी कोरोना किट: अब गिरेगी इनपर गाज, शुरू हुई घोटाले की SIT जांच

रोना जैसी महामारी को भी पंचायती राज विभाग ने आम जनता के साथ खिलवाड़ करते हुये मनमाने मूल्यों पर कम्पनियों से मिलकर कोराना उपकरण खरीदे।

Shivani
Published on: 16 Sept 2020 12:02 AM IST
सबसे महंगी कोरोना किट: अब गिरेगी इनपर गाज, शुरू हुई घोटाले की SIT जांच
X

झाँसी। कोरोना जैसी महामारी को भी पंचायती राज विभाग ने आम जनता के साथ खिलवाड़ करते हुये मनमाने मूल्यों पर कम्पनियों से मिलकर कोराना उपकरण खरीदे। खरीद में किये गये घोटाले पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एस आई टी ने झाँसी जिले में जांच शुरू कर दी है।

कोरोना उपकरण खरीद घोटाले की एसआईटी जांच शुरू

एसआईटी की ओर से अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर एक दर्जन बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। शासन स्तर से कोरोना से निपटने के लिये ग्राम पंचायतों में पल्स आक्सीमेटर और इन्फ्रारेड थर्मामीटरका अर्थात कोरोना किट की खरीद के मामले में एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है।

ये भी पढ़ेंः बड़ा फैसला: प्राइवेट नर्सिंग होम में होगा कोरोना मरीजों का इलाज

प्रदेश की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने डीएम को लिखा पत्र

एसआईटी ने जिन बिन्दुओं पर जिलाधिकारी से जानकारी मांगी है उनमें पंचायमती राज विभाग द्वारा कोरोना किट खदीदे जाने से पूर्व कोई गाइड लाइन से सम्बन्धित पत्र यदि विभाग द्वारा प्रेषित किया गया हो तो उसकी प्रति उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके साथ ही क्रय प्रक्रिया में ब्रांड रेट तथा क्रय की समय सीमा का कोई उल्लेख नहीं है। पंचायती राज विभाग द्वारा मार्ग दर्शन के लिये यदि कोई पत्राचार किया गया हो तो उसकी प्रति मांगी गई है।

Jhanshi Covid-19 kit scam SIT investigation Starts UP govt instruct

झाँसी डीएम से मांगा 12 बिन्दुओं पर जवाब

पत्र में कहा गया है कि डीपीआरओ विभाग द्वारा उपकरण खरीद के लिये कोई मार्ग दर्शन प्राप्त नहीं हुआ हो तो आपके द्वारा प्रोक्योरमेन्ट नार्मस के अनुपालन में कोई निर्देश दिये थे, यदि दिये गये थे तो किसे दिये गये थे ,उसकी प्रति मांगी गई है,यदि नहीं दिये गये तो कारण करें। ग्राम प्रधानों को पल्स ऑक्सीमीटर और इन्फ्रारेड थर्मामीटर क्रय करने के लिये ब्रांड,फर्म,रेट ,क्रय प्रक्रिया तथा गुणवत्ता के सम्बन्ध में कोई जानकारी दी गई हो तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराने को कहा गया है। यदि नहीं तो कारण बताना होगा।

उपकरण खरीद के लिये गाइड लाइन

उपकरण खरीद के लिये गाइड लाइन ब्रान्ड नेम या रेट अनुबंध के सम्बन्ध में किये गये प्रयासों की जानकारी मांगी गई है तथा पूछा गया है कि इस सम्बन्ध में पंचायती राज विभाग अथवा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभग अथवा मेडीकल कारपोरेशन या अन्य किसी विभाग अथवा अधिकारी से इस सम्बन्ध में यदि पत्राचार किया गया हो तो उसकी प्रति मांगी गई है।

no black marketing of oxygen-cm yogi-3

खरीद प्रक्रिया में जिला पंचायत राज अधिकारी की भूमिका

खरीदी में गाइड लाइन, ब्रांड नेम,या रेट अनुबंध प्राप्त करने के लिये किये गये प्रयासों की जानकारी मांगी गई है। खरीद प्रक्रिया में जिला पंचायत राज अधिकारी की भूमिका ,क्या उनके द्वारा प्रधानों को किस रेट ,ब्रांड,फर्मकी जानकारी दी गई थी अथवा कोई निदेश दिये गये थे। कितनी ग्राम पंचायतों को कितनी किट क्रय की गई तथा किस किस रेट पर क्रय की गई। किट में क्रय की गई सामग्री की भी जानकारी मांगी गई है।

ये भी पढ़ेंः योगी सरकार की बड़ी तैयारी, राम-जानकी मार्ग बनेगा बेहद खास

जिले में खरीदी गई थी सबसे मंहगी कोरोना किट

पत्र में रेट निर्धारण करने का क्या आधार था तथा भुगतान में अपनाई गई प्रक्रिया की भी जानकारी मांगी गई है। क्रय प्रक्रिया के दौरान अधिक रेट पर क्रय करने के सग्मन्ध में की गई शिकायतो ,यदि शिकायतें हुयी तो इस सम्बन्ध में की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी से केस सम्बन्धी पत्रावली की प्रमाणित प्रति एवं जिलाधिकारी से द्वारा जिलापंचायत राज अधिकरारी को दिेये गये दिशा निर्देशों की प्रति भी जिलाधिकारी से मांगी गई है।

no black marketing of oxygen-cm yogi

पंचायती राज विभाग पर गिर सकती है गाज

पंचायती राज विभाग में झांसी जिले में सबसे मंहगे उपकरण खरीदे गये। इस घोटाले मुख्य मंत्री के निर्देश पर गठित एसआई टी जांच कर रही है अब यह देखना है कि कब तक जांच पूरी होती है और जांच में कितने अफसरों की गर्दन नपती है। जिलाधिकारी से जांच रिपोर्ट 20 सितम्बर तक जांच समिति की मेल आई डी पर मांगी गई है।

ये भी पढ़ेंः भारत से हारा पाकिस्तान: इतने दबाव में इमरान, लेना पड़ा ये फैसला

जिलाधिकारी आंद्रा वामसी पहले ही भुगतान पर लगा चुके रोक

एसआईटी कमेटी गठित होने के बाद पंचायती राज विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। जिलाधिकारी आंद्रा वामसी पहले ही भुगतान पर रोक लगा चुके हैं। सरकार की आंखों में धूल झोंकते हुए उपकरणों की खरीद में कई गुना अधिक दिखाकर कमीशन खाना शुरु कर दिया। झाँसी में मैसर्स ईसीओ पॉलीपैक प्राइवेट लिमिटेड बी-162, ओखला इंडस्ट्रीज एरिया फेस-1 नईदिल्ली 20 को कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव हेतु चिकित्सा उपकरण आपूर्ति किए जाने का ठेका मिला है। प्रशासनिक अफसर ने इसकी जिम्मेदारी प्रभारी सहायक विकास अधिकारी को सौंपी है।

CM Yogi

उपकरण की प्रत्येक गांव में आपूर्ति की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारियों की

जिम्मेदारी मिलते ही प्रभारी सहायक विकास अधिकारी ने आनन-फानन में ग्राम पंचायत अधिकारियों की बैठक कर उक्त उपकरण की प्रत्येक गांव में आपूर्ति करने की जिम्मेदारी दी थी। झाँसी में 496 ग्राम पंचायत है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में उक्त उपकरणों की आपूर्ति की गई है। तत्काल बिन भी बनाए गए हैं मगर जो आपूर्ति ग्राम पंचायत पर वितरित की गई हैं, वह सामग्री बिल्कुल रद्द दी थी।

ये भी पढ़ेंः UP में जबरन रिटायरमेंट: अब स्वास्थ्य विभाग के इन कर्मचारियों की होगी छुट्टी

बताते हैं कि मास्क जो बिल बनाए गए हैं, उन मास्कों की बाजार में कीमत सौ रुपया है मगर इसका बिल दुगुना बनाया गया। इसको लेकर प्रशासनिक अफसरों में मतभेद शुरु हो गए हैं। इसी तारतम्य में जांच भी शुरु हो गई हैं।

थर्मल स्कीन व मास्क की गुणवत्ता पर भी उठे सवाल

बताते हैं कि थर्मल स्कीन व मास्क की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं, लेकिन बाद में पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा हैं क्योंकि उक्त उपकरणों का आपूर्ति एक आईएएस अफसर के मौखिक आदेश पर की गई हैं। हालांकि उक्त मामले में एसआईटी ने जांच शुरु कर दी है। इस जांच में प्रभारी सहायक विकास अधिकारी से लेकर ग्राम पंचायत अधिकारी फंसते नजर आ रहे हैं। हालांकि उक्त मामले में डीपीआरओ और एडीओ का कोई लेना देना नहीं है।

बड़े अफसरों के कहने पर ही उपकरणों आपूर्ति हुई

इन लोगों ने बड़े अफसरों के कहने पर ही उपकरणों आपूर्ति की है। उपकरणों का आपूर्ति करने के पहले ही बड़े अफसरों को देखना चाहिए था कि यह उपकरण ठीक है या नहीं। सूत्रों का कहना है कि करीब 80 लाख का गोलमाल होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि सभी सामान की खरीद दिल्ली की जिस फर्म से हुआ है। उस फर्म संचालक की एक दर्जन फर्म अलग- अलग नामों से रजिस्टर्ड है। जिनके द्वारा ही कुटेशन दाखिल कर टेंडर हासिल किए जाते हैं।

बीके कुशवाहा

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Shivani

Shivani

Next Story