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भारत से हारा पाकिस्तान: इतने दबाव में इमरान, लेना पड़ा ये फैसला

कुलभूषण जाधव को अपनी सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करने का मौका देने वाले अध्यादेश की अवधि 4 महीने के लिए बढ़ा दी गई है।

Shivani
Published on: 15 Sep 2020 5:04 PM GMT
भारत से हारा पाकिस्तान: इतने दबाव में इमरान, लेना पड़ा ये फैसला
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अंशुमान तिवारी

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव के मामले में इमरान सरकार दबाव में दिख रही है। कुलभूषण जाधव को अपनी सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करने का मौका देने वाले अध्यादेश की अवधि 4 महीने के लिए बढ़ा दी गई है। इस अध्यादेश के जरिए जाधव को अपील करने की इजाजत दी गई है। पाकिस्तान की संसद ने इस अध्यादेश की अवधि बढ़ाने की मंजूरी दी।

जानकारों का कहना है कि जाधव के मामले को लेकर सरकार को दबाव का सामना करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए ही सरकार की ओर से अध्यादेश लाया गया था।

अध्यादेश की अवधि चार महीने बढ़ी

जाधव को उच्च न्यायालय में अपील करने का मौका देने वाले अध्यादेश की अवधि 17 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, लेकिन नेशनल असेंबली ने अब इस अध्यादेश की अवधि ध्वनिमत के जरिए 4 महीने के लिए बढ़ा दी है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की ओर से पाकिस्तान को निर्देश दिया गया था कि वह जाधव को सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई सजा की प्रभावी समीक्षा का मौका मुहैया कराए।

जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी करने और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। भारतीय नौसेना के 50 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव का मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहुंचने के बाद पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया था।

हाईकोर्ट ने दिया था निर्देश

जाधव के मामले में पाकिस्तान सरकार की ओर से इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक वकील नियुक्त करने का आग्रह किया गया था। गत 3 सितंबर को इस मामले की दूसरी बार सुनवाई हुई थी। उस समय कोर्ट की ओर से पाकिस्तान सरकार को निर्देश दिया गया था कि वह जाधव के लिए एक वकील नियुक्त करने का भारत को एक और मौका दें। हाईकोर्ट में जाधव मामले की अगली सुनवाई अगले महीने होगी।

भारत ने पाक के दावे को गलत बताया

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पाकिस्तान सरकार की ओर से कहा गया था कि जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के संबंध में न्यायिक आदेश की जानकारी भारत को दी गई थी मगर भारत सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। भारत सरकार की ओर से कहा गया था कि पाकिस्तान सरकार ने पूरे मामले की जानकारी भारत सरकार तक नहीं पहुंचाई।

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जाधव मामले में पाक का दोहरा खेल

दरअसल पाकिस्तान सरकार जाधव के मामले में दोहरा खेल खेलने में जुटी हुई है। वह पूरी दुनिया को यह दिखाने में लगी हुई है कि जाधव मामले में न्यायिक प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया जा रहा है जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है। पाकिस्तान सरकार की ओर से 16 जुलाई को जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान की गई थी मगर भारत ने पाकिस्तान की कलई खोल दी थी। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा था कि ऐसी राजनयिक पहुंच का कोई मतलब नहीं था क्योंकि यह न तो सार्थक थी और न विश्वसनीय।

जाधव से मिलने वाले भारतीय अधिकारियों का कहना है कि जाधव पूरी तरह तनाव में दिख रहे थे। भारत ने पाकिस्तान सरकार पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के साथ ही अपने अध्यादेश का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया था।

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भारत ने दी थी सजा को चुनौती

भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से इनकार करने के खिलाफ और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी। इस अपील पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की ओर से पिछले साल जुलाई में पाकिस्तान को जाधव की सजा की प्रभावी समीक्षा और सजा पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया गया था। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करने का भी निर्देश दिया था।

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