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झाँसी: शादी से पहले ऐसा कर रहे जोड़े, ताकि बना रहे जन्मों का रिश्ता

परिवार परामर्श केंद्र में शादी के बाद पति-पत्नी के बीच होने वाले अलगाव के प्रकरणों का ही निबटारा होता है लेकिन, परामर्श केंद्र में अब शादी से पूर्व भी काउंसलिंग की जा रही है। विवाह के बाद दांपत्य जीवन में शांति और प्रेम बना रहे इसके लिए टिप्स बताए जा रहे हैं।

Monika
Published on: 13 Dec 2020 5:07 PM GMT
झाँसी: शादी से पहले ऐसा कर रहे जोड़े, ताकि बना रहे जन्मों का रिश्ता
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शादी से पहले मैरिज काउंसलिंग ले रहे जोड़े, ताकी बना रहे जन्मों का रिश्ता

झाँसी: परिवार परामर्श केंद्र में शादी के बाद पति-पत्नी के बीच होने वाले अलगाव के प्रकरणों का ही निबटारा होता है लेकिन, परामर्श केंद्र में अब शादी से पूर्व भी काउंसलिंग की जा रही है। विवाह के बाद दांपत्य जीवन में शांति और प्रेम बना रहे इसके लिए टिप्स बताए जा रहे हैं। यह प्रयोग खास तौर से लव मैरिज करने वालों के लिए कारगर साबित होगा। साथ ही अरेंज मैजिर करने वाले भी इसका फायदा उठाएंगे।

परिवार परामर्श केंद्र की प्रभारी पूनम शर्मा का कहना है कि उन्होंने निजी स्तर पर प्री मैरिज काउंसलिंग का काम शुरु किया है। शादी के बाद जो केस फॉलो निजी स्तर पर मामलों में काउंसलिंग का प्रयोग कामयाब रहा है। परिवार परामर्श केंद्र में परिवार न्यायालय में ऐसे मामले भी आने लगे हैं जब शादी के 2-3 माह बाद ही दांपत्य जीवन बिखर गया। इस तरह के मामलों को देखते हुए विवाह से पूर्व काउंसलिंग का केंद्र चलाने की जरुरत महसूस हुई तो उन्होंने इसकी शुरुआत की।

लव मैरिज से परिवार में दिक्कत

पूनम शर्मा का कहना है कि लव मैरिज करने वाले युवक-युवती शादी से पूर्व एक दूसरे के आचार-विचार और व्यवहार से अवगत हो जाते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन अरेंज मैरिज करने वाले जोड़ों की तुलना में ज्यादा कामयाब रहता है। लेकिन, इंटरकास्ट मैरिज के बावजूद परिवार वाले जब उन्हें अपना लेते हैं तो विवाद पैदा होने लगते हैं। इसलिए कि लवमैरिज करने वाली लड़की उस माहौल में ढल नहीं पाती। सास-ससुर या अन्य परिवारजनों की दखलंदाजी उसे बर्दाश्त नहीं होती। ऐसे में शादी से पूर्व लड़की को काउंसलिंग में पति के परिवार के बीच एडजेस्ट होने के टिप्स बताए जाते हैं।

किसी तीसरे को नहीं आने दें बीच में

काउंसलिंग में युवक-युवती को बताया जाता है कि किसी तीसरे व्यक्ति को अपने जीवन में नहीं आने दें। युवक का दोस्त या युवती के परिचित का घर में ज्यादा आना-जाना हो तो उसे टोक दें। पति-पत्नी के बीच होने वाली छोटी तकरार का भी ऐसे लोग फायदा उठाने का प्रयास करते हैँ। अपोजिट सेक्स के प्रति आकर्षण के चलते ऐसे लोग घर उजाड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं। युवती को समझाया जाता है कि सास-ससुर की बात को भी तवज्जो दी जाए अगर बात सही है तो परिवार के बीच समरसता कैसे बनाई जा सकती है। पति-पत्नी के बीच व्यवहार में पारदर्शित हो। किसी से कोई बात नहीं छिपाएं। इसी प्रकार की कई बातों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है जिससे वैवाहिक जीवन सफल हो सके।

मैरिज काउंसलिंग

पुलिस ने परिवार परामर्श केंद्र में पति-पत्नी की करवाई वरमाला

सिर्फ एक छोटी सी जिद पति लेने आएगा तभी ससुराल जाऊंगी। इस एक छोटी सी जिद ने पति और पत्नी को एक साल तक अलग रखा। बच्चे भी इस जिद की वजह से अपने पिता से मिलने से वंचित रख गए। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। पुलिस की समझाइश के बाद पति और पत्नी को उसके मायके लेने जाने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद पुलिस ने दोनों की वरमाला करवाई। इसके बाद भी पति और पत्नी अपने-अपने घर ही पहुंचे हैं।

एक वर्ष बाद पिता से मिले बच्चे

सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के नंदनपुरा मोहल्ले में रहने वाले बाल किशन पारिवारिक विवादों के चलते एक साल से अपनी पत्नी ममता को लेने ससुराल नहीं गया। ससुराल वालों ने भी जिद कर रखी थी कि वो बेटी को बाल किशन के साथ ही भेजेंगे। ममता दो बच्चों के साथ मायके में ही रह रही थी। यह पारिवारिक मामला परिवार परामर्श केंद्र के पास आया। समिति द्वारा सूझबूझ से दोनों पक्षों का समझौता करवाया गया। इस समझौते से दो बच्चों को एक साल बाद उनके मम्मी-पापा एक साथ मिले। यह नजारा देख उपस्थित लोगों की आंख भर आई।

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इसलिए दंपति हुए थे अलग

प्रभारी पूनम शर्मा ने बताया कि बाल किशन शराब पीता था। इस बात को लेकर पति और पत्नी के बीच विवाद होता था। बाद में पति कमाने के लिए बाहर चला गया। ममता बच्चों को लेकर मायके चली गई। वापस आने पर बालकिशन पत्नी ममता को लेने उसके मायके नहीं गया। ममता के परिवार के लोग बालकिशन के आने पर ही बेटी को भेजने के लिए अढ़े रहे। समझौते के बाद बालकिशन पत्नी को लेने जाने के लिए तैयार हो गया।

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दस मामलों में से चार में हुआ समझौता

परिवार परामर्श केंद्र में दस मामले थे। इनमें चार मामलों में समझौता करवाया गया। साथ ही तीन मामलों को अगली तिथि निर्धारित की है जबकि तीन मामलों की पीड़ित लोग नहीं आए थे। इस अवसर पर काउंसलिंग नीति शास्त्री, महिला थाना प्रभारी निरीक्षक पूनम शर्मा, महिला उपनिरीक्षक सल्या देवी, महिला उपनिरीक्षक पूनम वर्मा, महिला हेड कांस्टेबल उमा अहिरवार, महिला आरक्षी महिमा कुशवाहा आदि लोग उपस्थित रहे हैं।

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बीके कुशवाहा

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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