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Jhansi News: बुन्देलखंड में कर्ज से डूबे किसानों की आत्महत्या का है भयानक आंकड़ा
Jhansi News: एक किसान ने फसल कम होने पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली, जबकि दूसरे ने आठ लाख रुपए के कर्ज में दुखी होकर किसान ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
Jhansi News: सत्ता और सियासत के दो पाटों के बीच की कसौटी में बुंदेलखंड का किसान पिस रहा है। हैरत इस बात की है कि किसानों की आत्महत्या को प्रशासन ने बड़ी चालाकी से नजर अंदाज किया है।
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अब हम आपको जो कहानी बताने जा रहे हैं उसमें कुछ भी नया नहीं है... कभी विदर्भ, कभी बुन्देलखंड में ऐसे वाकये होते रहते हैं औऱ जो आंकड़ों में दर्ज होते ही होंगे. फर्क सिर्फ इतना है कि खुशहाल बुन्देलखंड में यह एक एेसा दंश है जिसको आंकड़ों में भी जगह नहीं मिलती। धर्मसिंह का हंसता खेलता परिवार था. मगर पिछले कुछ सालों से मौसम की मार और लगात से कम फसल की कीमत ने उनके माथे पर शिकन बढ़ा दी थी। कंधों पर बैंक का कर्ज भी घाव को नासूर बना रहा था।
कुछ समय पहले एक दिन धर्म सिंह भाई को एक बिजली अधिकारी मिला और उनके ऊपर हजारों का बिजली चोरी का जुर्माना लगा दिया। धर्मसिंह भाई के सिर पर बैंक का एक लाख रुपए का लोन पहले से ही था। साथ ही उन्होंने कुछ समय एक लाख ग्रामीण बैंक से भी लोन ले रखा था. इसलिए बिजली चोरी के जुर्माने की बात सुनते ही उनके सब्र का बांध टूट गया और धर्मसिंह भाई ने आत्महत्या कर ली।
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कुछ साल पहले ही जब राजनाथ सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा था कि आखिर उनको नींद कैसे आती है जब देश का किसान आत्महत्या कर रहा है? लेकिन अब यही सवाल पीएम मोदी के सामने मुंह बाए खडा है। सत्ता और सियासत के दो चोरों के बीच की कसौटी में बुन्देलखंड का किसान पिस रहा है। हैरत इस बात की है कि धर्मसिंह की आत्महत्या को प्रशासन ने बड़ी चालाकी से नजरअंदाज किया. उनके बेटे ऋण माफी की अर्जी लेकर कहां-कहां नहीं गए लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। अब वह भी अपने पिता की तरह उसी चौराहे पर खड़े हैं। धर्मसिंह भाई तो बस एक उदहारण है। धर्मसिंह की तरह बुन्देलखंड में हजारों किसान इसी दुख से गुजर रहे हैं और सरकारी सहायता की बाट जोह रहे हैं। जब तक उनकी परिस्थितियों की गंभीरता और उनके संघर्ष को नहीं समझा जाए। तब तक बुन्देलखंड के किसान यूं ही खामोशी से अंधकार में डूबते रहेंगे।
कर्ज में डूबे दो किसानों ने कर ली आत्महत्या
एक किसान ने फसल कम होने पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली, जबकि दूसरे ने आठ लाख रुपए के कर्ज में दुखी होकर किसान ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।
टहरौली थाना क्षेत्र केग्राम जांगीर में कमल पाल परिवार समेत रहता था। कमल पाल ने फसल के लिए बैंक से दो लाख 60 हजार रुपए का केसीसी कर्ज ले लिया था। फसल होने पर कर्ज चुकाना था। लेकिन, 6 बीघा में 6 बोरा मटर निकली और पांच बीधा में दस बोरा गेंहू निकला। दोनों फसल इतनी कम हुई कि लागत भी नहीं निकल पाई। तभी से कमल पाल तनाव में रहने लगा था। 16 अप्रैल को कमल पाल ने घर पर विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। उपचार के लिए मेडिकल कालेज लाया गया। यहां उसकी मौत हो गई।
वहीं, बड़ागांव थाना क्षेत्र के ग्राम जौरी बुजुर्ग में मंगल सिंह परिवार समेत रहता था। मंगल सिंह ने गांव के कुछ लोगों से आठ लाख रुपए कर्ज ले लिया था। सूदखोर पैसों के लिए दबाव बना रहे थे। मंगलवार की रात मंगल सिंह ने खेत पर फसल की थ्रेसिंग कराई। वह पत्नी विनीता के साथ खेत पर रुक गए। रात को विनीता ने देखा तो उसका पत्नी मंगल सिंह आम के पेड़ पर रस्सी का फंदा बनाकर लटक रहा था। विनीता के चिल्लाने पर घर के लोग इकट्ठा हो गए। कुल्हाड़ी से रस्सी काटकर मंगल को नीचे उतारा गया। उपचार के लिए मेडिकल कालेज लाया गया। यहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।
तीन लोगों की मौत
अलग- अलग स्थानों पर अज्ञात युवक समेत तीन लोगों की मौत हो गई। सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के ब्रहमनगर में रहने वाले मुकेश राय की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। वहीं, कोतवाली थाना क्षेत्र में एक 28 वर्षीय युवक का शव पड़ा मिला है। शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। उधर, महोबाकंठ निवासी धीरेंन्द्र सड़क हादसे में घायल हो गया। उपचार के लिए उसे मेडिकल कालेज लाया गया। यहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।