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Jhansi News: ट्रेन के अंदर धुआं भांपने को रेलवे लगा रहा स्मोक डिटेक्टर, ऑटोमेटिक बजने लगेगा अलार्म
Jhansi News: ट्रेन के अंदर किसी भी तरह के धुएं को भांपने के लिए रेलवे स्मोक डिटेक्टर लगा रहा है। नए आने वाले कोच में यह डिटेक्टर पहले ही फिट कर पटरी पर उतारे जा रहे हैं।
Jhansi News: ट्रेन के अंदर किसी भी तरह के धुएं को भांपने के लिए रेलवे स्मोक डिटेक्टर लगा रहा है। नए आने वाले कोच में यह डिटेक्टर पहले ही फिट कर पटरी पर उतारे जा रहे हैं। वहीं, डिवीजन कोच के अंदर इस सिस्टम को लगाने के लिए उनको कोचिंग डिपो में भेजा जा रहा है। इस स्मोक डिटेक्टर को रेल डिब्बे के एंट्री-एग्जिट गेट के पास लगाए जा रहे हैं।
इन डिटेक्टर के जरिए ट्रेन के डिब्बे में हर तरह के धुएं को भांपने पर ऑटोमेटिक अलार्म बजना शुरु हो जाएगा। यही नहीं इस सिस्टम को इस तरह से लगाया कि अलार्म बजते ही ट्रेन को रोकने वाली एमरजेंसी चेन भी ऑटोमेटिक ही खींच जाएगी। इससे ट्रेन रुक जाएगी और गाड़ी के अंदर रनिंग स्टाफ तुरंत हरकत में आकर चेन पुल हुए डिब्बे में मामले की जांच करेगा। विभाग को सूचित करेगा। सब कुछ सामान्य पाए जाने पर ही रेल को आगे ले जाया जाएगा। रेलवे अफसरों की मानें तो रेल ने पेंट्री कार और जेनरेटर कोच में इसे प्राथमिकता के आधार पर लगाने का काम पूरा कर लिया है। अब इसको डिवीजन के कोच में लगाने का काम भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा हर डिब्बे के एंट्री-एग्जिट गेट के पास आग बुझाने वाले सिलेंडर भी लगाए जा रहे हैं।
ट्रेनों के अंदर एशट्रे हटाए, सिगरेट पीने वालों पर कार्रवाई
कुछ समय पहले तक ट्रेन के अंदर सिगरेट पीने वालों के लिए सिगरेट-बीडी की राख फेंकने के लिए एशट्रे लगे रहते थे। अब ट्रेन के अंदर सिगरेट पीना जुर्म है तो इन एशट्रे को हटा लिया गया है। बीते दिनों रेल अधिकारियों ने ट्रेन के अंदर फर्श और वहां लगे डस्टबिन में मिलने वाले सिगरेट के खाली बॉक्स, सिगरेट-बीड़ी की वेस्ट और माचिस की गिनती तक की लिस्ट मांगनी शुरु कर दी थी। वहीं, रेल पुलिस ने भी ट्रेन या प्लेटफार्म पर सिगरेट पीने वालों के खिलाफ कार्रवाई को तेज किया है।
ट्रेन के वॉशरुम में सिगरेट पीते हैं यात्री
रेल अधिकारियों के मुताबिक अब ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्री सिगरेट पीने के लिए वॉशरुम का इस्तेमाल कर रहे हैँ। उनके मुताबिक बीते दिनों कई ट्रेनों में वॉशरुम में लगे ओडोनिल बॉक्स के अंदर सिगरेट-बीड़ी की वेस्ट मिली है। ओडोनिल ज्वलनशील होने के बाद कई बॉक्स में भी आग लग गई। बताया गया कि रेल यात्री एेसे ही सिगरेट पीने के लिए जुगाड़ लगाते हैं। रेलयात्रियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और रेल के बनाए नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
आरपीएफ व टिकट जांच स्टॉफ को दिए निर्देश
रेलवे बोर्ड ने 'जीरो टॉलरेंस' की नीति के तहत रेलवे सुरक्षा बल और टिकट जांच कर्मचारियों को, ट्रेनों में सिगरेट पीने वालों के उल्लंघन करने पर दंडित करने का निर्देश दिया है। ट्रेन के टॉयलेट में सिगरेट पी सकते हैं या नहीं, तो जवाब नहीं। क्योंकि जलती हुई सिगरेट बट या माचिस की तीली को शौचालय के कूड़ेदान में फेंकने से आग लग सकती है। इससे काफी बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। सीओटीपीए के तहत अगर आप धूम्रपान करते हुए पाए जाते हैं तो आप पर 200 रुपए और रेलवे अधिनियम के तहत 100 रुपए का जुर्माना लग सकता है।
ट्रेन में सिगरेट पीते पकड़े तो लगेगा एक हजार का जुर्माना
कई रेलवे में धूम्रपान से आग लगने के कारण ट्रेन प्रॉपर्टी को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में यात्रियों की जान की परवाह करते हुए सरकार ने ट्रेन में धूम्रपान को प्रतिबंधित कर दिया है। इनमें से कुछ घटनाएं ट्रेन में धूम्रपान करने या ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल करने के कारण हुई है। रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थ ले जाना दंडनीय अपराध हैं, इसमें अपराधी को तीन साल तक की कैद या एक हजार रुपए का जुर्माना या दोनों देना पड़ सकता है। धारा 165 के तहत 500 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्या बोले रेलवे जनसंपर्क अधिकारी ?
पैंट्री और जेनरेटर कार में तो स्मोक डिटेक्टर लगाने का काम हो गया है। अब कोच के अंदर भी इस काम को जल्द पूरा करने के आदेश है। इस डिटेक्टर से चलती ट्रेन में आग या धुआं होने पर ट्रेन रुक जाएगी। इससे बचाव कार्य तुरंत शुरु हो जाएगा और समय रहते बचाव किया जा सकेगा।