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Jhansi News: अदालत परिसर में चप्पे-चप्पे की ली गई तलाशी, जानिए स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के निर्देश
Jhansi News: लखनऊ कोर्ट परिसर में गैंगेस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के बाद गुरुवार को झाँसी कोर्ट परिसर में भी अलर्ट रहा। बड़ी संख्या में फोर्स कोर्ट गेट से लेकर अंदर परिसर तक पहुंची। चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई।
Jhansi News: लखनऊ कोर्ट परिसर में गैंगेस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के बाद गुरुवार को झाँसी कोर्ट परिसर में भी अलर्ट रहा। बड़ी संख्या में फोर्स कोर्ट गेट से लेकर अंदर परिसर तक पहुंची। चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई। खड़े वाहनों को चेक किया गया। चेकिंग के बाद ही लोगों को अंदर प्रवेश दिया गया। डॉग स्क्वायड की टीम भी पहुंची। एसएसपी राजेश एस., एसपी सिटी समेत तमाम अफसर चेकिंग में जुटे रहे। फिलहाल पुलिस को कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली है।
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खुफिया तंत्र से हो रही निगरानी
स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा किए जाने के साथ ही पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित की जाए। कोर्ट में पेशी पर आने वाले आरोपितों की सुरक्षा को लेकर खुफिया तंत्र को भी सक्रिय किया जाए। अभिसूचना संकलन पर आरोपियों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सोशल मीडिया पर होगी निगरानी
इसके साथ ही जिले में सोशल मीडिया सेल को भी पूरी तरह सक्रिय किए जाने का निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जिलों में न्यायधीश/जिला मजिस्ट्रेट तथा बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कोर्ट परिसरों में सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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झाँसी पुलिस एक्शन में दिखी
गुरुवार को झाँसी पुलिस पूरी तरह से एक्शन में दिखी। न्यायालय के गेट पर सुरक्षाकर्मियों को संख्या बढ़ा दी गयी और गेटपर लगे मेटल डिटेक्टर को भी दुरुस्त कर दिया गया। गुरुवार को वादकारी और अधिवक्ता कचहरी पहुंचे तो पूरा परिदृश्य बदला नजर आया। कचहरी परिसर में जाने वाले लोगों को चेकिंग के बाद ही प्रवेश दिया गया। वादकारियों को वाहन कचहरी के भीतर ले जाने की अनुमति नहीं दी गयी। अधिवक्ताओं को छोड़कर अन्य सभी के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित था।
कोर्ट के बाहर बनाई जाएगी चेक पोस्ट
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा है कि कोर्ट के बाहर चेक पोस्ट बनवाई जाएगी। साथ ही सीसीटीवी को कंट्रोल रुमें एक पुलिस कर्मी की तैनाती कर हर संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखने का निर्णय लिया जाएगा। प्रवेश द्वार पर तैनात पुलिस बल को निर्देश दिए गए कि वह हर व्यक्ति की पहचान करके उन्हें प्रवेश दें। उनका कहना है कि बिना वर्दी के वकील अब अदालत में परिसर में घूमते नजर नहीं आएंगे। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिवक्ता और न्यायिक स्टाफ अपने परिचय पत्र और आम वादकारी अपने आधार पत्र दिखाकर सुरक्षा स्टॉफ को सहयोग करेंगे। उनका कहना है कि कचहरी परिसर में प्रवेश करने वाले आम नागरिक वादकारी अपने साथ आधार कार्ड अवश्य बनाएं। उनका कहना है कि कचहरी परिसर में जो कमियां नजर आएगी, उन कमियों को दूर करने के लिए जिला प्रशासनिक अफसरों से वार्तालाप की जाएगी। अध्यक्ष ने कहा कि कचहरी परिसर में फैली गंदगी को ननि के अफसरों से वार्तालाप कर सफाई करवाई जा रही हैं। शुक्रवार को जेसीबी मशीन से सफाई करवाई जाएगी।
पहचान पत्र बनवाने की प्रक्रिया चालू करने की मांग
कुछ वकीलों ने जिला अधिवक्ता संघ के महामंत्री केपी श्रीवास्तव को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा है कि लखनऊ कोर्ट में अधिवक्ता की ड्रेस पहनकर घटना गठित की है। वह निन्दनीय है। ऐसी स्थिति में उनकी पहचान करना असम्भव है क्योंकि लोग अधिवक्ता लिवास में घूमते रहते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से मुख्य गेट पर ही पहचान किया जाना आवश्यक है। जिससे भविष्य में कोई अनहोनी से बचा जा सके। मुख्य गेट पर तैनात पुलिस सुरक्षा कर्मी अपने कार्य के प्रति सजक रहें एवं प्रत्येक अधिवक्ता की सही जांच पहचान कर अन्दर जाने की अनुमति दें। कुछ लोग अधिवक्ता न होते हुये भी अधिवक्ताओं की ड्रेस में कोर्ट व न्यायालय परिसर के अन्दर घूमते रहते हैं।
उनके खिलाफ कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित किया जाये। जो अधिवक्ताओं को पहचान पत्र न्यायाधीश जारी किये गये थे। उन्हें पूर्ण रूप से लागू किया जाये एवं जिन सीओपी धारक अधिवक्ताओं के पहचान पत्र नहीं बने हुये थे उनके पहचान पत्र बनवाने की प्रक्रिया चालू कराई जाए। ताकि सभी को सुरक्षा मिल सके। ज्ञापन देने में मौजूद बालकृष्ण कुशवाहा एडवोकेट, महेश कुमार एडवोकेट अतुल कुमार एडवोकेट, रामकिशुन कुशवाहा एडवोकेट, वीर सिंह परिवार, अभिनन्दन प्रजापति एडवोकेट, राम प्रकाश एडवोकेट, आरके सिरोठिया आदि अधिवक्ता गण मौजूद रहे।
पहले पत्रकार और अब वकील बनकर दिया गया घटना को अंजाम
प्रयागराज में पत्रकार बनकर माफिया अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। गुरुवार को लखनऊ कोर्ट परिसर में अधिवक्ता बनकर गैंगेस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड किया गया। लगातार दो वारदातों को लेकर शासन काफी गंभीर हुआ हैं। यह दोनों घटनाएं युवाओं द्वारा की गई हैं। माना जा रहा है कि युवाओं को इस तरह की वारदात करने के लिए उकसाया जा रहा हैं। इन घटनाओं को लेकर पुलिस महकमें में भी हड़कंप मचा हुआ हैं। पुलिस ने हर विभागों में प्रवेश करने वाले युवाओं पर नजर रखना शुरु कर दी है। साथ ही उनकी हरगतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।