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Jhansi News: वाह, हो गया झाँसी स्मार्ट सिटी का विकास, अब अनपढ़ पार्षद चलाएंगे सदन

Jhansi News: अनपढ़, आठवीं और दसवीं पास करने वाले पार्षद बैठेंगे सदन में, कैसे बनाएंगे झांसी को स्मार्ट सिटी।

B.K Kushwaha
Published on: 15 May 2023 12:29 AM IST
Jhansi News: वाह, हो गया झाँसी स्मार्ट सिटी का विकास, अब अनपढ़ पार्षद चलाएंगे सदन
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BJP performance in Etah nikay chunav 2023 (Photo-Social Media)

Jhansi News: नगर निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद झाँसी नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोगों को उनके नए महापौर और 60 नए पार्षद मिल गए हैं। इनमें झाँसी महानगर विकास के लिए साठ पार्षदों पर यह जिम्मेदारी दी है कि वह झाँसी नगर निगम क्षेत्र का विकास करें। साथ ही झाँसी स्मार्ट सिटी में रहने वाले लोगों की समस्याओं को दूर करें। बताते हैं कि 60 में से 24 पार्षद तो महिलाएं हैं। 21 सीटें महिलाओं के लिए पहले ही आरक्षित थी। तीन अन्य महिलाओं ने भी अपने वार्ड में जीत दर्ज की है।

देश के महानगरों में झाँसी महानगर भी चुना गया है। इसलिए झाँसी को झाँसी स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा झाँसी स्मार्ट सिटी में कई अच्छे कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए करोड़ों का बजट भी दिया गया है। वर्तमान समय में झाँसी स्मार्ट सिटी में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं मगर यह कार्य प्रशासनिक लॉबी के आईएएस अफसरों की मेहनत हैं। पूर्व के मेयर ने इस ओर तो ध्यान नहीं दिया है। वह केवल अपने चेंबर में व्यस्त रहते थे. उनका कार्यकाल भी पूरा हो चुका हैं। इस बार नए महापौर और नए पार्षद दिए गए हैं। पार्षदों को चुनते समय मतदाताओं ने अपनी समझ के अनुसार वोट जरुर दिया, लेकिन वह अपने पार्षदों की शैक्षिक योग्यता देखना भूल गए। नतीजे आने के बाद 25 प्रतिशत पार्षद एेसे हैं,जिन्होंने दसवीं पास भी नहीं की है। दस पार्षद एेसे हैं जो दसवीं पास है और 12 एेसे जो इंटरमीडिएट पास हैं। पांच पार्षद तो सिर्फ प्राइमरी क्लास तक ही पढ़े हैं और दो पार्षद तो बिल्कुल निरक्ष हैं। आठवीं क्लास तक पढ़ाई करने वाले आठ पार्षद इस बार सदन में बैठेंगे।

अनपढ़ पार्षद कैसे निभाएंगे सदन की कार्रवाई में अपना योगदान

बताते हैं कि 13 पार्षद एेसे हैं जिन्होंने स्नातक की हैं और सात एेसे हैं जो पोस्ट ग्रेजुएट हैं। डिप्लोमा करने वाले दो पार्षदों को भी जनता ने सदन में चुनकर भेजा हैं। बदलते समय के साथ नगर निहम के पास ही स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट भी है. एेसे में जो पार्षद अधिक पढ़े लिखे नहीं हैं। वह सदन में अपनी बात कैसे रख पाएंगे और टेक्नोलॉजी की बारीकियों कैसे समझेंगे, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। इस सवाल का जवाब सदन की कार्रवाई में देखने को मिलेगा।



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B.K Kushwaha

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