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NEP 2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की हुई समीक्षा

NEP 2020: राज्यमंत्री ने कहा कि हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भाषा, सभ्यता, संस्कृति एवं सामाजिक मूल्यों को समुचित महत्व मिला है।

B.K Kushwaha
Published on: 16 Aug 2023 9:18 PM IST
NEP 2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की हुई समीक्षा
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की हुई समीक्षा: Photo- Newstrack

Jhansi News: उत्तर प्रदेश के जनपद झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के सभागार में राज्य शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन रजनी तिवारी की अध्यक्षता में झांसी मंडल के विभागीय अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के शिक्षा मंथन पर विचार विमर्श हेतु समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में राज्यमंत्री ने कहा कि हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भाषा, सभ्यता, संस्कृति एवं सामाजिक मूल्यों को समुचित महत्व मिला है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विजन भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए नए आयाम स्थापित करने का अवसर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूप भारतीय है। यह पूरी तरह से भारत की भारतीय शिक्षा नीति है। नीति के सफल अमल से भारतीय ज्ञान के साथ-साथ भारतीय आवश्यकताओं के अनुसार विद्यार्थियों में स्किल विकसित होगा, जो बहुमुखी प्रतिभा संपन्न युवाशक्ति का निर्माण करेगा।

नई शिक्षा नीति के अनुपालन में जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार अति महत्वपूर्ण कारक

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुपालन में जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार अति महत्वपूर्ण कारक है। विश्वविद्यालय प्रशासन महाविद्यालयों सहित अन्य विद्यालयों में नई शिक्षा नीति के अनुपालन में आ रही समस्याओं का मूल्यांकन कर उनका निराकरण करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बच्चे का सर्वांगीण विकास राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है। इस कार्य में विश्वविद्यालय प्रशासन और अधिक प्रयास करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें।

उन्होंने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु अध्यापक को बच्चों के मानसिक स्थिति का भी अध्ययन करना चाहिए जिससे वह अध्ययन कार्य के साथ-साथ कौशल संबंधी अन्य कार्यों में भी दक्षता प्राप्त कर सके। पाठ्यक्रम एवं विद्यालयों में अध्यनरत छात्रों की अध्ययन संबंधी समस्याओं के निराकरण हेतु शिक्षक अपना ज्ञान विशेष रूप से आकर्षित करें। शिक्षकों की कमी को देखते हुए शासकीय एवं अर्ध शासकीय विद्यालयों में तैनात शिक्षक शतप्रतिशत रुप से अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराएं।

बैठक में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 मुकेश पाण्डेय ने कहा की बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के झांसी नगर में स्थित एक विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 1975 में हुई थी। इस विश्वविद्यालय में व्यावसायिक, तकनीकी तथा रोजगारपरक शिक्षा पाठ्यक्रम चलते हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति बिना दबाव, अभाव और प्रभाव के सीखने के लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा व्यवस्था के निर्माण का प्रयास है, जिससे विधार्थी भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप अपनी रूचि और प्रवृत्ति के अनुसार पढ़ाई करने और बिना किसी दबाव के अपनी क्षमता के अनुसार कोर्स और डिग्री ले सकें। जरुरी है कि समाज के आखिरी छोर पर खड़े छात्र-छात्राओं की सर्वश्रेष्ठ और उत्कृष्ट ज्ञान तक पहुंच हो। इसके लिए आवश्यक है कि इक्विटी, कंटेंट और गुणवत्ता सुधार के कार्यों पर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुपालन किया जा रहा है इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एक टास्क फोर्स समिति का गठन भी किया गया है।

नई शिक्षा नीति

बैठक में उपस्थित विभिन्न महाविद्यालयों एवं विद्यालयों के प्रधानाचार्य द्वारा नई शिक्षा नीति को धरातल पर अवतरित कराने में उत्पन्न हो रही समस्याओं के बारे में मंत्री को अवगत कराया, साथ ही उन समस्याओं के निराकरण हेतु अपने स्तर से आवश्यक सुझाव भी प्रदान किए गए। समीक्षा बैठक के दौरान सदस्य विधान परिषद डॉक्टर बाबूलाल तिवारी, कुलसचिव बुंदेलखंड विश्वविद्यालय विनय कुमार सिंह, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी मुरलीधर राम, वित्त अधिकारी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय वसीम मोहम्मद, परीक्षा नियंत्रक बुंदेलखंड विश्वविद्यालय राजबहादुर, अपर जिला सूचना अधिकारी सुरेंद्र पाल सिंह सहित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।



B.K Kushwaha

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