×

Jhansi News: टीचर्स-डे स्पेशलः प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहा ढिकौली का सरकारी स्कूल, जानिए कैसे बदली तस्वीर

Jhansi News: बबीना विकासखंड के ढिकौली गांव के मध्य स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक डॉ. अचल सिंह की मेहनत और जन-समुदाय की सक्रिय सहभागिता से वहां का नजा़रा बदला-बदला देखने को मिलने लगा है।

B.K Kushwaha
Published on: 4 Sep 2023 4:41 PM GMT
Jhansi News: टीचर्स-डे स्पेशलः प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहा ढिकौली का सरकारी स्कूल, जानिए कैसे बदली तस्वीर
X
ढिकौली का सरकारी स्कूल: Photo-Newstrack

Jhansi News: सरकारी विद्यालय का नाम सुनते ही हमारे जहन में जर्जर इमारत, टाट-पट्टी पर बैठे बच्चे, गंदगी का फैला साम्राज्य, पीने के पानी की भरी बाल्टियां और शिक्षकों की कमी से जूझते विद्यालय की तस्वीर घूमने लगती थी, लेकिन अब ये अतीत की बात होती जा रही है। बबीना विकासखंड के ढिकौली गांव के मध्य स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक डॉ. अचल सिंह की मेहनत और जन-समुदाय की सक्रिय सहभागिता से वहां का नजा़रा बदला-बदला देखने को मिलने लगा है।

आकर्षक पेंटिंग से सुसज्जित इमारत

बच्चों को आकर्षित करने के लिए विद्यालय की चाहरदीवारी पर शिक्षाप्रद कार्टून के पात्रों के चित्र बने हुए हैं। गेट पर स्कूल चलने को प्रेरित करते चित्र बच्चों को गेट के अंदर जाने को मजबूर कर देते हैं। सामने माता सरस्वती एवं वीरांगना लक्ष्मीबाई का भव्य चित्र श्रद्धा और राष्ट्र प्रेम से भर देता है। प्रांगण के चारों ओर चित्र और फूलदार पेड़ पौधों से विद्यालय की खूबसूरती और निखर जाती है ।

स्मार्ट क्लास से बच्चे हुए स्मार्ट

विद्यालय की स्मार्ट क्लास प्राइवेट स्कूलों को मात देती है। 2 लाख से अधिक की धनराशि से लगे एडुकाम पर इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई की आधुनिक तकनीकी से बच्चों को पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही देश-दुनिया में हो रहे बदलाव एवं महापुरुषों की जीवनी की फिल्में बच्चों को दिखाईं जाती हैं। बच्चे पढ़ाई को खेल-खेल में सीखते हैं। बच्चों को बुनियादी चीज आसानी से याद हो इसके लिए विद्यालय की दीवालों बने चित्र बोलने से नज़र आते हैं। केवल बेंच पर पढ़ाई करने से बच्चों की खुशी देखते ही बनती हैं। प्रधानाध्यापक डॉ. अचल सिंह ने बताया कि बच्चों को टाट-पट्टी पर बैठने से मुक्ति दे दी गई है। गांव के जन-समुदाय के सहयोग से बेंच की व्यवस्था की गई है।

बच्चों को उमस से दी मुक्ति

विद्यालय के अन्य शिक्षक अंजू कृष्नानी, कीर्ति अग्रवाल, अंजना यादव एवं किरन यादव के सहयोग से हेड मास्टर ने कंपनी का इनवर्टर लगवाया। जिससे बच्चों को उमस से मुक्ति ही नहीं मिली, विद्यालय में पढ़ाई का माहौल भी निर्मित हुआ।

150 मीटर दूर से पीने का पानी लाया गया

विद्यालय के हैंडपंप में पानी आना अक्सर बंद हो जाता है। बच्चे पीने के पानी को तरसते हैं। बच्चों की मैन्यू के अनुसार प्रतिदिन गुणवत्तायुक्त खाना बनाया जाता है। इसके बनाने के लिए पानी की कमी खलती थी। शिक्षक ने ग्रामवासियों के सहयोग से लगभग 150 मी. की पाइपलाइन बिछाकर उमा परिहार की बोरिंग से विद्यालय में पानी पहुंचाया, जिसे बच्चे पीते हैं।

19 पैरामीटर्स से संतृप्त विद्यालय

शासन ने विद्यालय में 19 पैरामीटर निर्धारित किए हैं। जिसमें हैंडवॉश यूनिट, दिव्यांग शौचालय एवं ब्लैक बोर्ड इत्यादि तमाम चीजों को शामिल किया गया है। यह सभी पैरामीटर इस विद्यालय में पूर्ण करने में प्रधानाध्यापक को विभाग से लेकर मनरेगा लोकपाल और विधायक तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

B.K Kushwaha

B.K Kushwaha

Next Story