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सूर्य ग्रहण में ढोल-मंजीरों से गूंजा जिला, लोगों ने मांगी ये दुआ

कई सालों से चली आ रही रीति रिवाज आज भी उस रीति रिवाज को लोग मानते हैं। महापुरुषों का मानना है संकट के समय में एक दूसरे के साथ खड़े हो यही धर्म कहलाता है

Rahul Joy
Published on: 21 Jun 2020 12:29 PM GMT
सूर्य ग्रहण में ढोल-मंजीरों से गूंजा जिला, लोगों ने मांगी ये दुआ
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bhajan keertan

रसूलाबाद। सूर्य पर पड़ रहे ग्रहण को देखते हुए रसूलाबाद क्षेत्र में कई अलग अलग जगहों पर पुरानी रीति रिवाजों को देखते हुए महिलाओं ने घरों में बैठकर सूर्य पर पड़ रहे संकट हरणने के लिए ढोलक मंजीरा के माध्यम से भजन गाकर संकट के समय में सूर्य देव को याद किया है। भजन में महिलाओ का मजमा लगा रहा है। सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक बराबर महिलाएं ढोलक के साथ भजनों में लीन रही है।

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संकट के समय में एक दूसरे के साथ खड़े हो

कई सालों से चली आ रही रीति रिवाज आज भी उस रीति रिवाज को लोग मानते हैं। महापुरुषों का मानना है संकट के समय में एक दूसरे के साथ खड़े हो यही धर्म कहलाता है | 21 जून को जैसा कि सबको ज्ञात था की सूर्य पर खतरनाक ग्रहण पड़ेगा और यह ग्रहण 10:00 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक रहेगा जिसको देखते हुए महिलाओं का मानना है सूर्य देवता पर भारी संकट पड़ेगा ।

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महिलाएं संकट हरने के लिए करती है कीर्तन भजन

इसी को देखते हुए जनपद कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील क्षेत्र के कई क्षेत्रों में महिलाएं 10:00 बजे से लेकर और शाम 4:00 बजे तक ढोलक मंजीरा के साथ कीर्तन भजन करती रहीं उनका मानना था कि कीर्तन भजन करने से सूर्य पर उमड़ा संकट दूर होगा जिससे हम लोग सूर्यग्रहण के खतरे से बाहर रहेंगे यह प्रथा वर्षों से चली आ रही है जब भी सूर्य या चंद्रमा पर ग्रहण पड़ता है तब महिलाएं संकट हरने के लिए कीर्तन भजन करती है।

एक जगह मजमा लगाकर दर्जनों महिलाएं बैठकर भजन में लीन हो जाती है और बराबर यूं ही जब तक ग्रहण का समय रहता है तब तक कीर्तन भजन में लीन रहती हैं। आज के दौर में इसको अंधविश्वास कहें या हकीकत।

रिपोर्टर- मनोज सिंह, कानपुर देहात

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