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Kanpur News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्यपाल का दिल छूने वाला संबोधन, बताया ‘यशोदा माई’, CSJMU में किया संबोधित

Kanpur News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि समाज को आगे आकर आंगनबाड़ी में काम करना चाहिए। किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम को आंगनबाड़ी में जाकर मनाना चाहिए। इससे वहां के बच्चों का मनोबल बढ़ता है।

Anup Panday
Published on: 8 Jun 2023 7:14 PM IST
Kanpur News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्यपाल का दिल छूने वाला संबोधन, बताया ‘यशोदा माई’, CSJMU में किया संबोधित
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(Pic: Newstrack)

Kanpur News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कानपुर विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र की महिलाओं को वर्क किट देकर सम्मानित किया। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को ‘यशोदा माई’ कहकर संबोधित किया तो इन महिलाओं का दिल पसीज गया। उन्होंने खुशी भरे मन से राज्यपाल को धन्यवाद दिया और उनकी खूब सराहना करती नजर आईं।

बच्चों की देखरेख अच्छे से करती हैं आंगनबाड़ी की महिलाएं

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि समाज को आगे आकर आंगनबाड़ी में काम करना चाहिए। किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम को आंगनबाड़ी में जाकर मनाना चाहिए। इससे वहां के बच्चों का मनोबल बढ़ता है। कानपुर विश्वविद्यालय में आंगनबाड़ी केंद्र की महिलाओं को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किट देकर सम्मानित किया। भाषण में कहा कि आंगनबाड़ी की महिलाएं एक यशोदा माई के रूप में हैं। बच्चों की देखरेख अच्छे से करती हैं। आंगनबाड़ी की महिलाएं खुद भी सर्वे करें और देखें कि कितने बच्चे आ रहे हैं और जो नहीं आ रहे हैं, उनके आगे क्या दिक्कतें हैं।

100 प्रतिशत प्रसव अस्पतालों में किए जाएं

राज्यपाल ने कहा कि अस्पतालों में 80 फीसदी महिलाओं की अस्पतालों में डिलीवरी हो रही है। महिलाओं को जागरूक करें, ताकि 100 प्रतिशत डिलीवरी अस्पतालों में ही हो। प्रदेश में 24 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं जो अपने बच्चे को हर घंटे अपने दूध का सेवन कराती हैं। इसमें और भी बढ़ोतरी होनी चाहिए, इसलिए कि एक शिशु के लिए मां का दूध बहुत मायने रखता है। यह दूध बच्चे को हर बीमारी से लड़ने की क्षमता देता है।

उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र की महिलाओं को 5000 किट बांटने का लक्ष्य था, जो कि पूरा होता दिख रहा है। अब यह लक्ष्य बढ़ाकर 10,000 कर दिया गया है। जनप्रतिनिधियों को भी आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों से बातचीत करनी चाहिए। गांव के बच्चों को पानी की बचत के लिए जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में एक खाली बाल्टी रखें, जिससे बच्चे पानी को कहीं और न फेककर उस बाल्टी में डालें और बाद में उन्हें बताए आप लोगों ने कितना पानी की बचत की है।

Anup Panday

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