कानपुर मुठभेड़ कांड: अब फंसा ये बड़ा अधिकारी, पुलिस करेगी इनकी जांच

कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामलें में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के पत्र और काल रिकार्डिंग के सामने आने के बाद अब कानपुर के तत्कालीन...

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Published on: 6 July 2020 2:58 PM GMT
कानपुर मुठभेड़ कांड: अब फंसा ये बड़ा अधिकारी, पुलिस करेगी इनकी जांच
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामलें में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के पत्र और काल रिकार्डिंग के सामने आने के बाद अब कानपुर के तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी की जांच के आदेश जारी हो गए हैं। एडीजी कानपुर जोन इस मामलें में तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी की भूमिका की जांच करेंगे। अनंत देव तिवारी का अभी पिछले माह ही प्रमोशन हुआ है और मौजूदा समय में वह एसटीएफ में डीआईजी है।

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शहीद सीओ बिल्हौर देवेन्द्र मिश्र का सामने आया एक पत्र

दरअसल, सोमवार को कानपुर मुठभेड़ में शहीद सीओ बिल्हौर देवेन्द्र मिश्र का तत्कालीन एसएसपी कानपुर नगर को भेजा गया एक पत्र सामने आया है। पत्र में कहा गया है कि पूर्व थानाध्यक्ष चैबेपुर विनय तिवारी का विकास दूबे के पास आना जाना व वार्ता करना बना हुआ है। इस पत्र में देवेन्द्र मिश्र ने कहा कि बीती 13 मार्च 2020 को थाना चैबेपुर में अभियुक्त विकास दूबे व अन्य के विरुद्ध धारा 386, 147, 148, 323, 504, 506 आईपीसी में दर्ज मुकदमा संख्या 65/2020 के विवेचक अजहर इशरत ने धारा 386 आईपीसी को कुछ बेबुनियाद आधारों पर हटा दिया था।

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देवेन्द्र मिश्र द्वारा पूछताछ करने पर विवेचक ने बताया कि उन्होंने विनय तिवारी के कहने पर ऐसा किया था। देवेन्द्र दूबे ने एसएसपी कानपुर नगर को इस पर कार्यवाही की संस्तुति की थी। कहा जा रहा है कि एसएसपी कानपुर नगर को भेजे गए इस पत्र के बाद भी तत्कालीन एसएसपी कानपुर नगर अनंत देव ने देवेन्द्र दुबे के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।

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प्रशासन में मचा हडकंप

इस पत्र के सामने आने के बाद शासन प्रशासन में हडकंप मच गया और आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कानपुर मुठभेड़ कांड में तत्कालीन एसएसपी कानपुर नगर को पूरी तरह से उत्तरदायी ठहराते हुए उनकी भूमिका की जांच का अनुरोध किया है।

बता दें कि कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हो चुके विकास दुबे के कुछ पुराने वीडियोज वायरल हो रहे हैं। इसमें से एक है साल 2017 का एसटीएफ जांच का वीडियो, जिसके सामने आने के बाद हडकंप मच गया है। इस वीडियो में विकास दुबे ने दो भाजपा विधायकों भगवती प्रसाद सागर और अभिजीत सिंह सांगा के नाम भी लिए हैं।

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