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कानपुर का बड़ा सच: सीओ ने मरने से पहले किया ये काम, अब जांच करेंगी लक्ष्मी सिंह

कानपुर मुठभेड़ मामलें में पुलिस की तमाम टीमें हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की तलाश में जुटी हुई है और जगह-जगह उसके पोस्टर भी चस्पा किए जा चुके है।

Newstrack
Published on: 7 July 2020 1:14 PM IST
कानपुर का बड़ा सच: सीओ ने मरने से पहले किया ये काम, अब जांच करेंगी लक्ष्मी सिंह
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लखनऊ: कानपुर मुठभेड़ मामलें में पुलिस की तमाम टीमें हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की तलाश में जुटी हुई है और जगह-जगह उसके पोस्टर भी चस्पा किए जा चुके है। यहां तक की दो पुलिस महानिदेशक दो बार विकास दुबे पर घोषित ईनाम राशि को भी बढ़ा चुकी है। लेकिन करीब 111 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस मुख्य आरोपी विकास दुबे का सुराग नहीं लगा सकी है। अब इस मामले में एक नया बदलावा आया है। विकास दुबे से कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंतदेव के कनेक्शन की जांच के मामलें में भी जांच अधिकारी को बदल दिया गया है। अब अनंतदेव मामलें की जांच में एडीजी जेएन सिंह से लेकर तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी आईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह को सौंप दी गई है। लक्ष्मी सिंह ने कानपुर पहंुच कर वकास दुबे मामले में पुलिस कनेक्शन की जांच शुरू कर दी है।

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कानपुर मुठभेड़ में 08 पुलिसकर्मियों की हत्या का मामला

आपको बता दे कि कानपुर मुठभेड़ में 08 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामलें में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के पत्र और काल रिकार्डिंग के सामने आने के बाद कानपुर के तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी की जांच के आदेश पर एडीजी कानपुर जोन जेएन सिंह को इस मामलें में तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी की भूमिका की जांच अधिकारी बनाया गया था। अनंत देव तिवारी का अभी पिछले माह ही प्रमोशन हुआ है और मौजूदा समय में वह एसटीएफ में डीआईजी है।

एसएसपी कानपुर नगर को भेजा गया एक पत्र सामने आया

दरअसल, सोमवार को कानपुर मुठभेड़ में शहीद सीओ बिल्हौर देवेन्द्र मिश्र का तत्कालीन एसएसपी कानपुर नगर को भेजा गया एक पत्र सामने आया है। पत्र में कहा गया है कि पूर्व थानाध्यक्ष चैबेपुर विनय तिवारी का विकास दूबे के पास आना जाना व वार्ता करना बना हुआ है। इस पत्र में देवेन्द्र मिश्र ने कहा कि बीती 13 मार्च 2020 को थाना चैबेपुर में अभियुक्त विकास दूबे व अन्य के विरुद्ध धारा 386, 147, 148, 323, 504, 506 आईपीसी में दर्ज मुकदमा संख्या 65ध्2020 के विवेचक अजहर इशरत ने धारा 386 आईपीसी को कुछ बेबुनियाद आधारों पर हटा दिया था।

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देवेन्द्र मिश्र द्वारा पूछताछ करने पर विवेचक ने बताया कि उन्होंने विनय तिवारी के कहने पर ऐसा किया था। देवेन्द्र दूबे ने तत्कालीन एसएसपी कानपुर नगर अनंत देव तिवारी को इस पर कार्यवाही की संस्तुति की थी। कहा जा रहा है कि शहीद सीओ बिल्हौर देवेन्द्र मिश्र द्वारा भेजे गए इस पत्र के बाद भी तत्कालीन एसएसपी कानपुर नगर अनंत देव ने विकास दुबे के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।

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