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विकास के करीबी जय वाजपेयी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, खुलेंगे कई बड़े राज

कानपुर गोलीकांड के मामले में मास्टरमाइंड गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी और खजांची जय वाजपेयी और उसके साथी प्रशांत शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

Newstrack
Published on: 20 July 2020 3:39 AM GMT
विकास के करीबी जय वाजपेयी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, खुलेंगे कई बड़े राज
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कानपुर: कानपुर गोलीकांड के मामले में मास्टरमाइंड गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी और खजांची जय वाजपेयी और उसके साथी प्रशांत शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि विकास दुबे की कारी कमाई का हिसाब जयकांत वाजपेयी उर्फ जय वाजपेयी ही रखता था।

जय वाजपेयी की गिरफ्तारी को लकेर कानपुर पुलिस ने कहा है कि 2-3 जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में जय वाजपेयी और उसका साथी प्रशांत शुक्ला भी शामिल था। पुलिस का कहना है कि इन दोनों ने विकास दुबे की सहायका की थी। पुलिस ने बताया कि 1 जुलाई को विकास दुबे ने जय वाजपेयी को फोन किया था और 2 जुलाई को जय और प्रशांत बिकरू गांव पहुंच गए थे।

कानपुर पुलिस ने आगे बताया कि 2 जुलाई को जय वाजपेयी ने विकास दुबे को 2 लाख रुपये और 25 रिवॉल्वर कारतूस दिए थे। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे और उसके गैंग को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए तीन लग्जरी गाड़ियों का जुगाड़ किया गया था, हालांकि पुलिस की सक्रियता से उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई।

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जानिए कौन है जय वाजपेयी

बताया जाता है कि जय वाजपेयी जमीनों की खरीद फरोख्त करता था। वह विकास दुबे के बल पर विवादित जमीनें हड़प लेता था और फिर उन्हें बेच देता था। इसके अलावा ब्याज पर पैसे भी बांटने का काम करता है। इसके पास 15 से अधिक मकान हैं। इसके साथ ही दर्जनों फ्लैट का मालिक भी है।

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जय वाजपेयी 7 साल पहले 4 हजार की सैलरी पर काम करता था। वह प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था। उसने इतने कम समय में करोड़ों की संपत्ति बना ली। लखनऊ-कानपुर रोड पर एक पेट्रोल पम्प का मालिक भी है। पेट्रोल पंप अवैध रूप से चल रहा है। वह कई केस में वांछित है, लेकिन इसके बावजूद भी पासपोर्ट बना है। पुलिस के मुताबिक जय वाजपेयी के पास लखनऊ-कानपुर में अकूत संपत्ति है।

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ये है पूरा मामला

2-3 जुलाई की रात विकास दुबे के घर पर सीओ देवेंद्र मिश्रा अपनी टीम के साथ रेड मारने के लिए गए थे। पहले से ही घात लगाए विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर। इस हमले में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। विकास दुबे की रेड की सूचना चौबेपुर थाने से पहले मिल गई थी।

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