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Kanpur News: पिछले बार बाढ़ में डूबी थी बस्ती, नदी किनारे बसा दिया पूरा अवैध शहर, बेच डाली जलाशय की जमीन!

Kanpur News: कानपुर की पांडु नदी में बीते वर्ष आई बाढ़ की वजह से बर्रा आठ ई ब्लॉक, वरुण विहार के कई परिवार घर खाली कर चले गए थे। नहर किनारे बनी अवैध कच्ची बस्ती भी डूब गई थी और कच्चे मकान गिर गए थे।

Anup Panday
Published on: 17 July 2023 5:14 PM IST
Kanpur News: पिछले बार बाढ़ में डूबी थी बस्ती, नदी किनारे बसा दिया पूरा अवैध शहर, बेच डाली जलाशय की जमीन!
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Kanpur News: कानपुर की पांडु नदी में बीते वर्ष आई बाढ़ की वजह से बर्रा आठ ई ब्लॉक, वरुण विहार के कई परिवार घर खाली कर चले गए थे। नहर किनारे बनी अवैध कच्ची बस्ती भी डूब गई थी और कच्चे मकान गिर गए थे। फिर अबकी बारिश में हालात कुछ वैसे ही नजर आ रहे हैं।

बर्रा आठ नहर किनारे बसे लोगों पर खतरा

नदी में बढ़ते पानी के डर की वजह से लोगों ने सामान पैक करना शुरू कर दिया है। वहीं आसपास केडीए के बने मकान वालों का कहना है कि बर्रा आठ कच्ची बस्ती व वरुण विहार में नदी किनारे कुछ लोग अवैध रूप से मकान बनाकर रह रहे हैं। पानी बढ़ने पर यह लोग खाली करके चले जाते हैं। फिर कुछ माह बाद वापस आ जाते हैं। इस अवैध बस्ती में बिजली मीटर भी लगे हैं, जो केसा द्वारा लगा दिए जाते हैं।

बस्ती में रह रहे लोगों के बन गए आधार कार्ड

नदी किनारे अवैध बस्ती बनाकर रह रहे लोगों के आधार कार्ड भी बन गए हैं। केसा द्वारा बिजली मीटर लगने के बाद बिजली बिल दिखा आधार कार्ड बनवा लेते हैं। जो कभी सैकड़ों की संख्या में थे, वो अब आज हजारों में हो गए हैं। बस्ती के नाम पर घरों में टीवी, कूलर, एसी भी लगा होता है।

ठेकेदारों ने बेच दी नहर किनारे की जमीन

सूत्रों की मानें तो 10 रूपए के स्टैंप या सादे कागज पर नदी किनारे की जमीन का सौदा ठेकेदार अपनी जमीन बता 40 से 50 में बेच देता है। जिसकी कोई सरकारी लिखा पढ़ी नहीं होती है। ये हाल मायापुरम, बर्रा आठ कच्ची बस्ती, वरुण बिहार कच्ची बस्ती का है। यहां निर्माण कर खोली जैसी बनाकर 1500 रुपए में किराए पर उठा दी जाती है।

2018 में 2500 अवैध कच्ची बस्ती, अब हो गई आठ हजार

2018 में बाढ़ आने पर सर्वे के अनुसार करीब ढाई हजार बस्ती थी। अब 2023 में करीब 8 हजार अवैध बस्ती हो गई हैं। दिन पर दिन बस्ती बढ़ती जा रही है। केसा द्वारा इन बस्तियों में मीटर भी लगा दिए जा रहे हैं। जिन घरों में मीटर नहीं होता है, वो पड़ोसी से हजार रूपए प्रति माह के हिसाब से या सब मीटर लगा बिजली का बिल देता है।



Anup Panday

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