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Kanpur News: ऐसी नीडल, जो आंखों की हर परत में पहुंचाएगी दवा, रतौंधी जैसी बीमारी भी होगी दूर
Kanpur News: इस नीडल को 2018 में बनाकर तैयार कर लिया गया था, तब से इसका प्रयोग हम लोग अभी तक 5000 से अधिक मरीजों में कर चुके हैं। अब इसे पूरे भारतवर्ष में लाने का प्रयास कर रहे हैं।
Kanpur News: रतौंधी, सिरस च्म्क् जैसी बीमारी अगर किसी को लग गई तो फिर वह दुनिया देख पाने में असमर्थ होता है। ऐसे मरीजों के लिए कानपुर मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज खान ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जिसके माध्यम से दवा को हम आंखों की हर परत तक आसानी से पहुंचा सकते हैं। इस डिवाइस का नाम है ‘सुपर ख्योराइडल नीडल‘।
भारत सरकार से मिला पेटेंट प्रमाण पत्र-
इस नीडल के तैयार होने के बाद भारत सरकार ने डॉ. परवेज खान को पेटेंट प्रमाण पत्र दिया है। प्रमाण पत्र मिलने के बाद आज मुझे लगा है कि मेरा परिश्रम अब सफल हुआ है। इस नीडल को बनाने के लिए अगर कोई मुझसे संपर्क करता है तो मैं उनसे अपनी तकनीक शेयर करके इसको तैयार कराने में मदद करूंगा ताकि पूरे इंडिया में लोगों को इसका लाभ मिल सके।
5000 से अधिक मरीजों में कर चुके इसका प्रयोग-
इस नीडल को 2018 में बनाकर तैयार कर लिया गया था, तब से इसका प्रयोग हम लोग अभी तक 5000 से अधिक मरीजों में कर चुके हैं। अब इसे पूरे भारतवर्ष में लाने का प्रयास कर रहे हैं। नीडल बनाने के बाद करीब 30 देश से हमारे पास अलग-अलग तरह की नीडल आई और उन्होंने पूछा कि इस नीडल और आपके नीडल में क्या फर्क है? तो उन्हें उस नीडल के बारे में बताया।
आंखों की हर परत तक पहुंच सकती है दवा-
अभी तक रतौंधी जैसी बीमारियों का इलाज इसलिए नहीं था क्योंकि रेटिना की जिस परत तक दवा को पहुंचना चाहिए वह नहीं पहुंच पा रही थी, लेकिन इस नीडल के आने के बाद अब हम रेटिना के उस परत तक पहुंच सकते हैं, जहां पर दवा की जरूरत है।
आगामी 26 अगस्त को दिल्ली में पेपर एक्सपर्ट दिल्ली रेटिना फॉर्म में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई है। जिसमें अंतरराष्ट्रीय डॉक्टर शामिल होंगे। इस नीडल का प्रेजेंटेशन करने का मुझे पहली बार मौका मिल रहा है। इस नीडल का प्रयोग हम कैसे और किसी मरीज पर कर सकते हैं।
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50 प्रतिशत पुरुषों 30 प्रतिशत महिलाओं 20 प्रतिशत बच्चों में है रतौंधी-
30 प्रतिशत महिलाओं में रतौंधी की शिकायत है। 20 प्रतिशत बच्चों में और 50 प्रतिशत पुरुषों में इसकी शिकायत है। उन्होंने बताया कि इस डिवाइस में 1800 माइक्रोन की एक नीडल लगी हुई है जो कि आपकी आंखों की हर परत में दवा को पहुंचाएगी। इसमें लगी नीडल को हमें जहां तक पहुंचना है यह वही तक पहुंचेगी। उसके आगे किसी अन्य चीज को डिस्टर्ब नहीं करेगी।