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Kanpur News: NIA में सिपाही के भाई को फाँसी की सजा, बोला ‘शैतान’ की नहीं करूँगा पैरवी
Kanpur News:इस केस का आरोपित कानपुर में भी रहता रहा है। आरोपित का बड़ा भाई एनआईए (नेशनल इनवेस्टिगेटिंग एजेंसी) में सिपाही है।
Kanpur News: मथुरा में एक नौ साल के नाबालिग के साथ कुकर्म करके हत्या के मामले में आरोपित को फांसी की सजा सोमवार को पूरे दिन चर्चा में बना हुआ था। इस केस का आरोपित कानपुर में भी रहता रहा है। आरोपित का बड़ा भाई एनआईए (नेशनल इनवेस्टिगेटिंग एजेंसी) में सिपाही है। उसने भाई के गुनाह पर पर्दा डालने का प्रयास नहीं किया। आरोपित के बड़े भाई ने पीड़ित पिता से फोन पर बात करते हुए साफ कहा कि वह कोर्ट में या कहीं भी अपने भाई की कोई पैरवी नहीं करेगा। उसने जो किया है उसकी सजा उसे मिलनी ही चाहिए।
इस घटना में आरोपित सैफ कानपुर में अपने रिश्तेदारों के यहां रहा। यहां से वह सन 2016 में छोड़कर भड़े भाई के पास लखनऊ चला गया था। वहां कुछ समय बिताने के बाद वह नोएडा चला गया। आरोपित मोहम्मद सैफ कानपुर में एल 6/4 केडीए कालोनी जाजमऊ में रहा था। रिश्तेदार ने नाम ना खोलने की शर्त पर बताया कि वह दुबई में कुछ समय तक काम करता रहा उसके बाद कानपुर आ गया था। सैफ के पिता मोहम्मद तसव्वर भी दुबई में काम करते थे। उसके बाद वह कानपुर आ गए थे। यहां पर जाजमऊ में तीन बार इन लोगों ने घर बदला।
आधार के लिए रिश्तेदार के घर का पता दिया
सैफ जहां किराए पर रहता था। वहां से आधार बनवाने के लिए उसे मकान मालिक के एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टीफिकेट ) की जरुरत पड़ती। इस कारण उसने रिश्तेदार के पते पर आधार कार्ड बनवा लिया और बाद में उन्हीं के यहां पिता के साथ रहने भी लगा। यहां पर उसका काम धंधा सेट नहीं हो पाया था। इधर सैफ का बड़ा भाई इमरान एनआईए में सिपाही है और लखनऊ में तैनात है। उसने वहां पर घर बनवा लिया था। मां तनवीर सुरैया और पिता समेत सैफ को उसने अपने पास बुला लिया। 2016 में वह लखनऊ चला गया। कुछ समय वह वहां रहा उसके बाद सैफ मथुरा चला गया था।
शैतान ने करा दी घटना
जाजमऊ निवासी रिश्तेदार के मुताबिक वह जब यहां रहता था तो ठीक था। उन्होंने कहा कि घटना से पहले उसके दिमाग पर कोई शैतान ही हावी हो गया होगा जिसने घटना करा दी।
तीन माह पहले एकाउंटेंट रखा था
पीड़ित बच्चे के पिता ने बताया कि तीन माह पहले उन्होंने सैफ को अपने यहां एकाउंटेंट रखा था। वह एक परिचित के जरिए उनसे मिला था। वह कहते हैं कि बच्चे से उसकी दोस्ती कब हो गई कुछ पता ही नहीं चला।
भाई ने कहा कि सजा दिलाओ आप मैं पैरवी नहीं करूंगा
पीड़ित बच्चे के पिता ने बताया कि सैफ के भाई इमरान ने फोन पर बात की थी और कहा था कि उसने जो किया वह माफ करने लायक नहीं आप सजा दिलाओं मैं इस मामले में कोई पैरवी नहीं करूंगा। उन्होंने मिलने आने के लिए भी कहा था मगर वह आए नहीं। सैफ के परिवार में एक भाई कामरान बाउंसर है वहीं चौथे नम्बर का भाई जैद मेडिकल रिप्रेजनटेटिव है।
दुबई में भी हरकत करके वहां से भागा था
पीड़ित पिता ने बताया कि इस मामले में जजमेंट आने के बाद उन्होंने सैफ की पत्नी से बात की थी। तो उसने भी आदेश का स्वागत किया और कहा कि यह जब दुबई में था तो वहां भी किसी महिला के साथ कांड करके भागा था।
निर्णय सुन रो पड़े बच्चे के माता-पिता
आरोपी सैफ को मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने के आदेश को सुन अदालत में मौजूद मृत बच्चे के माता पिता फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि अदालत ने उनके बेटे को न्याय दिया है। पिता ने कहा कि वह अदालत के इस निर्णय का स्वागत करते हैं। अदालत के इस आदेश से अपराधी इस तरह की जघन्य वारदात को करने से पहले कई बार सोचेगा। बच्चे के पिता ने बताया कि सैफ दुबई में भी नौकरी कर चुका है। दुबई में वह किसी होटल में शैफ का काम किया करता था।
निर्णय सुन कांपा अभियुक्त
बच्चे की हत्या करने वाले को जब अदालत ने फांसी की सजा का आदेश सुनाया तो अभियुक्त के पैर कांप गए। वह अदालत के कठघरे में नीचे बैठ गया। कठघरे में मौजूद पेशी पर आए दूसरे मामलों के आरोपियों ने उसे उठाया। अदालत में मौजूद बच्चे के माता-पिता को देख अभियुक्त उनके हाथ जोड़ता रहा। बच्चे के पिता ने जब उससे बात करने का प्रयास किया तो उसने कोई जवाब नहीं दिया, वह सिर्फ उनके हाथ जोड़ता रहा।
बैरक में अभियुक्त पर रखी जा रही निगरानी
बच्चे की हत्या में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद अभियुक्त सैफ को जेल की उसी बैरक में रखा गया है, जिसमें वह था। जेल अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि अदालत का निर्णय आने के बाद उसकी निगरानी बढ़ा दी गई है। हवालात प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि वह उसकी गतिविधियों पर नजर रखें।