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Kanpur News: ढोल-नगाड़ों के बीच हर्षोल्लास के साथ निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, भक्तों ने की पैदल यात्रा

Kanpur News: कानपुर शहर में निकलने वाली जगन्नाथ जी की यात्रा सैकड़ों वर्ष साल पुरानी परंपरा है। यह यात्रा कानपुर के भगवान जगन्नाथ के मन्दिर से निकलती है, जिसमें हजारों लोग दर्शन करते है, इनकी तैयारी तकरीबन दो महीने से शुरू हो जाती है।

Anup Panday
Published on: 20 Jun 2023 6:08 PM GMT
Kanpur News: ढोल-नगाड़ों के बीच हर्षोल्लास के साथ निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, भक्तों ने की पैदल यात्रा
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ढोल-नगाड़ों के बीच हर्षोल्लास के साथ निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा: Photo- Newstrack

Kanpur News: कानपुर शहर में निकलने वाली जगन्नाथ जी की यात्रा सैकड़ों वर्ष साल पुरानी परंपरा है। यह यात्रा कानपुर के भगवान जगन्नाथ के मन्दिर से निकलती है, जिसमें हजारों लोग दर्शन करते है, इनकी तैयारी तकरीबन दो महीने से शुरू हो जाती है। बीच सिटी के जनरलगंज में स्थापित श्री उमा जगदीश मंदिर में आज मंगलवार की सुबह 7 बजे से भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। जगन्नाथ जी की यात्रा शाम को निकाली जाती है, जिसमें दो दिनों तक यात्रा का आयोजन किया जाता है।

भगवान जगन्नाथ के विश्राम के बाद शाम को निकली यात्रा

जनरलगंज स्थित श्री भगवान जगन्नाथ जी का श्री उमा जगदीश मंदिर सन 1954 में बनवाया गया था। भक्तों के दर्शन के लिए दो माह पूर्व से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। आज मंगलवार के दिन सुबह आरती के बाद मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया, दोपहर 2 बजे तक लगातार भक्त दर्शन करते हैं,इसके बाद से भगवान जगन्नाथ के विश्राम का समय होता है, लाखों लोग भगवान जगन्नाथ जी के इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। कमेटी के अध्यक्ष संत गोपाल गुप्ता ने बताया कि भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा कानपुर में ऐतिहासिक है। यह रथयात्रा सैकड़ों साल पुरानी है।

जगन्नाथपुरी, अहमदाबाद और कानपुर के साथ-साथ कई शहरों में भगवान जगन्नाथ की यात्रा का आयोजन किया जाता है। कानपुर की रथयात्रा में भी हजारों लोग शामिल होते हैं। इस रथयात्रा की विशेषता यह है कि यात्रा में 100 से अधिक झांकियां सजी हुई निकाली जाती है,रथ यात्रा में शामिल झांकियों में भगवान के अलग-अलग रूपांतरण को प्रस्तुत किया जाता है,जिनमें नन्हे बच्चे बाल कलाकार के रूप में शामिल होते हैं।

रथयात्रा होती है तीन किलोमीटर

भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा लगभग 3 किलोमीटर लंबी होती है। जिसमें रथों के माध्यम से देवी देवताओं की झांकियां दिखाई जाती हैं, वहीं एक रथ भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन का होता है, जिसमें भव्य रूप से श्रृंगार किया जाता है। इसी रथ से यात्रा के दौरान प्रसाद का वितरण भी भक्तों को किया जाता है।

जामुन, आम और चने की दाल का चढ़ता है प्रसाद

संत गोपाल गुप्ता ने बताया कि भगवान जगन्नाथ जी को विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है। विशेष रूप से प्रसाद में चने की पीली दाल, आम, जामुन और बड़हल का भोग लगाया जाता है। मंदिर में आने वाले सभी भक्त सजी थाल में इस प्रसाद को जरूर लाते हैं।

Anup Panday

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