×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

विकास के एनकाउंटर के बाद SIT पर सवाल, CBI के घेरे में हैं टीम में शामिल ये DIG

योगी सरकार द्वारा कानपुर एनकाउंटर के लिए गठित एसआईटी पर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि एसआईटी की टीम में शामिल पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ के खिलाफ पहले से ही सीबीआई जांच कर रही है।

Newstrack
Published on: 12 July 2020 12:19 AM IST
विकास के एनकाउंटर के बाद SIT पर सवाल, CBI के घेरे में हैं टीम में शामिल ये DIG
X

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानपुर के विकास दुबे कांड की जांच विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) से कराने का फैसला लिया है। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है। एसआईटी की टीम इस घटना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं की गहन स्थलीय जांच कर 31 जुलाई तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।

अब इस बीच योगी सरकार द्वारा कानपुर एनकाउंटर के लिए गठित एसआईटी पर सवाल खड़े हो गए हैं, क्योंकि एसआईटी की टीम में शामिल पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ के खिलाफ पहले से ही सीबीआई जांच कर रही है। जे रवीन्द्र गौड़ के खिलाफ सीबीआई फेक एनकाउंटर की जांच कर रही है। अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब पहले से टीम शामिल पुलिस उपमहानिरीक्षक पर फेक एनकाउंटर का आरोप है जिसकी सीबीआई जांच कर रही है तो वह कैसे इस एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच करेंगे।

यह भी पढ़ें...विकास का बड़ा प्लान: उठाने वाला था ये कदम, पूछताछ में किया खुलासा

उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी विकास दुबे कांड पर पहले से ही सवाल खड़ हो रहे हैं। सबसे पहले इस केस में चौबेपुर थाने के पुलिसकर्मियों की संलिप्ततता उजागर हुई। चौबेपुर थाने के दारोग पर आरोप है कि उसने मुखबिरी की जिसकी वजह से पुलिसकर्मियों की हत्या हुई। इसके बाद उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए विकास दुबे के एनकाउंटर पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब योगी सरकार द्वारा जांच के लिए गठित एसआईटी पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

यह भी पढ़ें...अभी-अभी अमिताभ बच्चन की तबियत बिगड़ी! नानावटी अस्पताल में भर्ती

इस एनकाउंटर में फंसे हैं रवींद्र गौड़

बता दें कि उत्तर प्रदेश के बरेली में 30 जून 2007 को दवा के कारोबारी का एनकाउंटर किया गया था। दवा कारोबारी मुकुल गुप्ता को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इस एनकाउंटर के बारे में पुलिस ने कहा है कि मुकुल अपने साथी पंकज सिंह के साथ बैंक लूटने जा रहा था। मुकुल गुप्ता के पिता बृजेंद्र गुप्ता का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने प्रमोशन के चक्कर में उनके बेटे को एनकाउंटर में मार दिया। उनकी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह केस केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने इस मामले में 26 अगस्त 2014 को चार्जशीट फाइल की कर थी। इसी एनकाउंटर केस में जे रवींद्र गौड़ और नौ अन्य पुलिसकर्मी आरोपी हैं।

यह भी पढ़ें...एलएसी पर चीनी सेना की कैद हुई ये हरकत, सैटेलाइट तस्वीरों में सच आया सामने

2015 में मुकुल गुप्ता के मां-बाप की हत्या

2015 में मुकुल गुप्ता के मां-बांप की हत्या कर दी गई। उन्होंने अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस केस की सीबीआई जांच शुरू हो गई। इसी बीच मुकुल के पिता बृजेंद्र गुप्ता और माता शन्नो देवी की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। दोनों की हत्या के बाद सीबीआई की जांच के दायरे में वे पुलिस वाले भी आ गए, जो मुकुल गुप्ता के एनकाउंटर में शामिल थे।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story