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यहां-वहां-जहां देखो वहीं केसरिया रंग, चारों तरफ बोल बम की गूंज

Meerut News : इस बार की खास बात यह है कि कांवड़ियों की पसंद कलश कांवड़ है जबकि पिछली बार तिरंगा कांवड़ कांवड़ियों की पसंद रही थी।

Sushil Kumar
Published on: 11 July 2023 4:10 PM IST
यहां-वहां-जहां देखो वहीं केसरिया रंग, चारों तरफ बोल बम की गूंज
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Meerut News : मेरठ। दिल्ली मेरठ हाईवे हो या दिल्ली-सहारनपुर हाईवे या फिर चैधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग। सभी जगह इस समय दिन-रात केवल बोल-बम, बम-बम की गूंज सुनाई दे रही है। सड़कों पर विशाल झांकी कांवड़ भी दिखना शुरू हो गई हैं। इससे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना हुआ है। इस बार की खास बात यह है कि कांवड़ियों की पसंद कलश कांवड़ है जबकि पिछली बार तिरंगा कांवड़ कांवड़ियों की पसंद रही थी। श्रावण मास के सुहावने मौसम में हर तरफ शिव भक्तों का ही बोलबाला है।

सकौती से लेकर परतापुर तक मार्ग पर कांवड़िये ही कांवड़िये नजर आ रहे हैं। इनमें महिलाएं, बच्चे, किशोर, युवा और वृद्ध भी शामिल हैं। बोल बम और जय महाकाल जैसे जोशीले नारे लगाते ये भक्त अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हैं। मंगलवार को जगह-जगह कांवड़िये डीजे पर थिरकते नजर आए। वहीं कांवड़ सेवा शिविरों में कई पूजापाठ करते भी दिखे। उधर, रुड़की रोड और शहर में लगे शिविरों में भी कांवड़ियों का आवागमन जारी रहा।

विभिन्न रंगों से सजी कांवड़ कंधे पर रखकर शिवभक्त शिव की भक्ति में मग्न होकर झूमते हुए आगे बढ़ रहे हैं। शिवभक्तों को न तो भूख की चिंता है न बारिश का डर। सड़क के गड्ढे और कठिनाइयों को दरकिनार कर वे आगे बढ़ रहे हैं। शिवभक्तों की लगातार बढ़ती संख्या को देखकर पुलिस भी पूरी तरह से सुरक्षा में डटी है। पुलिस अधिकारी लगातार हाईवे पर गश्त कर कांवड़ यात्रा का हाल जान रहे हैं। साथ ही कांवड़ियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न इसे लेकर विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

इस बार खास बात यह भी है कि कावड़ यात्रा पर सीसीटीवी कैमरों, बुलेट कैमरों के साथ सी-माउंट सीसीटीवी कैमरे, आईपी नेटवर्क कैमरे और बॉडी वार्न कैमरों से नजर रखी जा रही है। सी-माउंट सीसीटीवी कैमरे पुलिस अफसरों की गाड़ी पर लगे हैं। आईपी नेटवर्क कैमरे कैंपों के आसपास एक्टिव हैं। बॉडी वार्न कैमरा पुलिसकर्मियों की वर्दी पर लगे हैं। यह सभी हाई डेफिनेशन कैमरे हैं। इनका कवरेज एरिया भी अधिक है। सी-माउंट सीसीटीवी कैमरे की बात की जाए तो यह बुलेट कैमरों की तरह, आपराधिक गतिविधियों के लिए एक विजुअल कैप्चरिंग डिवाइस का कार्य करते हैं। आईपी सीसीटीवी कैमरे इंटरनेट पर लाइव फुटेज साझा करते हैं, ताकि कहीं से भी एक्सेस किया जा सके। पीसी, लैपटॉप या मोबाइल फोन जैसे स्मार्ट डिवाइस के माध्यम से फुटेज को देखा जा सकता है। बॉडी वार्न कैमरे पुलिसकर्मी की वर्दी पर लगा होता है। जीपीएस और जीपीआरएस लगा होने के कारण ये कैमरे कंट्रोल रूम से जुड़ सकते हैं। खास बात यह है कि इसकी रिकार्डिंग से छेड़छाड़ संभव नहीं है।



Sushil Kumar

Sushil Kumar

वरिष्ठ संवाददाता, मेरठ

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