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महाकाल एक्सप्रेस में भोले बाबा: एक दिन का था सफ़र, अब रिजर्वेशन हुआ कैंसिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब काशी महाकाल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया तो इस ट्रेन में पहला सफ़र करने वाले कोई और नहीं बल्कि खुद भगवान शिव थे।
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब काशी महाकाल एक्सप्रेसवे (Kashi Mahakal Express) का उद्घाटन किया तो इस ट्रेन में पहला सफ़र करने वाले कोई और नहीं बल्कि खुद भगवान शिव (Lord Shiva) थे। दरअसल, महाकाल एक्सप्रेस के उद्घाटन के दौरान भोले बाबा के लिए एक सीट रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने आरक्षित की थी। हालाँकि यह सफ़र सिर्फ एक बाद भर का था। अब इस सीट का भोले बाबा के नाम का रिजर्वेशन कैंसिल हो गया है।
पीएम मोदी ने वाराणसी से दिखाई थी हरी झंडी:
शिव की नगरी काशी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हरी झंडी दिखा कर काशी महाकाल एक्सप्रेस को रवाना किया था। इस दौरान ट्रेन की बोगी नंबर बी-5 में सीट नंबर 64 में भगवान महाकाल(शिव) का मंदिर बनाया गया। इसका उद्देश्य नए प्रोजेक्ट की सफलता के लिए भगवान आशीर्वाद पाना था। ट्रेन के कर्मचारियों ने अस्थायी रूप से महाकाल की तस्वीरों को बर्थ पर रख दिया ताकि नई परियोजना (नई ट्रेन और नई रेक) की सफलता के लिए पूजा कर सकें।
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काशी महाकाल एक्सप्रेस से हटाई गयी भगवान शिव की सीट:
आईआरटीसी ने इस बारे में कहा कि ट्रेन में मंदिर सिर्फ ट्रायल रन के दौरान बनाया गया था। इसकी स्थापना अस्थायी रूप से की गई है। ट्रेन में मंदिर सिर्फ उद्घाटन के दिन के लिए बनाया गया है। ऐसे में अब मंदिर को वहां से हटा दिया गया है।
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हुआ था विरोध:
बता दें कि ट्रेन कर्मचारियों के इस कदम के खिलाफ सवाल भी उठ गये थे। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बर्थ पर अस्थायी रूप से महाकाल की तस्वीर रखे जाने पर विरोध जताया था, जिसके बाद यह मामला गरमा गया। बता दें कि ऐसा सिर्फ एक बार के लिए किया गया था।
पीएम मोदी ने जब ट्रेन का उद्घाटन क्यिया तो यह संचालन यात्रियों के लिए नहीं था। व्यवसायिक संचालन 20 से शुरू होगा।