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हलफनामा न दाखिल करने पर डीएम कौशाम्बी व राजस्व परिषद के सचिव तलब

हाईकोर्ट ने समय दिये जाने के बावजूद जवाबी हलफनामा न दाखिल करने पर कौशाम्बी के जिलाधिकारी व राजस्व परिषद के सचिव को 17 अप्रैल को तलब किया है और पूछा है कि हलफनामा न दाखिल कर याचिका निस्तारित करने में व्यवधान डालने के लिए क्यों न कार्यवाही की जाए।

Rishi
Published on: 29 March 2019 2:59 PM GMT
हलफनामा न दाखिल करने पर डीएम कौशाम्बी व राजस्व परिषद के सचिव तलब
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प्रयागराज : हाईकोर्ट ने समय दिये जाने के बावजूद जवाबी हलफनामा न दाखिल करने पर कौशाम्बी के जिलाधिकारी व राजस्व परिषद के सचिव को 17 अप्रैल को तलब किया है और पूछा है कि हलफनामा न दाखिल कर याचिका निस्तारित करने में व्यवधान डालने के लिए क्यों न कार्यवाही की जाए।

कोर्ट ने कहा कि यदि 15 अप्रैल तक जवाबी हलफनामा दाखिल कर याची को 10 हजार रूपये हर्जाने का भुगतान कर देते हैं तो कोर्ट में हाजिर होने की जरूरत नहीं होगी।

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यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने कचहरी में डीएम कार्यालय में ड्राइवर भगवान दीन व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एन.त्रिपाठी ने बहस की। याचिका की सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।

मालूम हो कि 11 जून 97 में कौशाम्बी जिला बना। कर्मचारियों की भर्ती पर रोक थी। याचियों को जिलाधिकारी कार्यालय में ड्राइवर नियुक्त किया गया। इन्हीं पदों को भरने के लिए 03 में विज्ञापन निकाला गया। दोनों पदों को आरक्षित करने को चुनौती दी गयी। कोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी। 2007 में एक याची को ड्राइवर नियुक्त कर दिया गया किन्तु पहले याची भगवानदीन को नहीं, कोर्ट ने न्यूनतम वेतन देने या कारण बताने का आदेश दिया तो डीएम ने याची को अनुसेवक पद पर रख लिया।

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याची ने आपत्ति की है। कोर्ट ने 2018 में याची की सेवा नियमित करने पर विचार करने का भी निर्देश दिया था। इसी मुद्दे पर कोर्ट ने जवाब मागा। अंतिम अवसर दिये जाने के बाद भी जवाब नहीं दाखिल करने पर कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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