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देश विरोधी मानसिकता वाले कर रहे नागरिकता कानून का विरोध 

उन्होंने कहा कि हमें अपनी उन पुरानी पंरपराओं की ओर वापस होना होगा। अपनी सोच को बदलना होगा। गांव-शहर में ऐसा माहौल बनाना होगा कि सभी लोग सुकून भरी जिदगी जी सकें। विशेष कर महिलाओं का हर क्षेत्र में सम्मान होना चाहिए।

Shivakant Shukla
Published on: 14 Dec 2019 8:33 PM IST
देश विरोधी मानसिकता वाले कर रहे नागरिकता कानून का विरोध 
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बलिया: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश के प्रति विपरीत मानसिकता रखने वाले लोग ही नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं। इस कानून में बुराई क्या है। पड़ोसी देश में धर्म के नाम पर अत्याचार सह रहे हिन्दू, सिख, जैन समुदाय अपने लोगों को नागरिकता नहीं दी जाएगी तो क्या रोहिग्या या देश के दुश्मनों को नागरिकता दी जाए। हमने लौह पुरुष बल्लभ भाई पटेल को तो नहीं देखा लेकिन आज के लौह पुरुष भाई अमित शाह की सोच व दृढ़ निश्चय को सलाम करता हूं, जिनके कारण देश के प्रमुख विवादित मुद्दे धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं।

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यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य शनिवार को नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर माल्देपुर, बलिया में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरक्ष प्रांत के 59वें प्रांतीय अधिवेशन उपस्थित समुदाय को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा विवादित मुद्दा राममंदिर था, लेकिन न्यायालय के निर्णय का सबने सम्मान किया। कहीं कोई विरोध नहीं हुआ, लेकिन आज अपनों को नागरिकता देने पर विरोध करने वाले देश का बड़ा अहित करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की कड़ी मेहनत की देन है कि केंद्र व राज्य सरकार बड़े से बड़ा कार्य आसानी से कर ले रही है। आज दवा के अभाव में किसी गरीब की मौत नहीं हो रही है। कान्वेंट व परिषदीय विद्यालयों के बच्चों में फर्क नहीं रह गया है। दोनों का ड्रेस एक स्तर को हो चला है। -महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे कठोर कदम।

महिला सुरक्षा को लेकर कठोर कदम उठाए जा रहे हैं

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों में महिलाओं व बेटियों के साथ घट रही घटनाएं हम सभी को शर्मसार करने का काम कर रही हैं, लेकिन महिला सुरक्षा को लेकर कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। सामाजिक बदलाव की ओर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि पहले का समाज ऐसा होता था कि गांव के किसी भी वर्ग की बेटी को सभी लोग अपनी बेटी मानते थे। आज उस सोच में परिवर्तन हो चला है।

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उन्होंने कहा कि हमें अपनी उन पुरानी पंरपराओं की ओर वापस होना होगा। अपनी सोच को बदलना होगा। गांव-शहर में ऐसा माहौल बनाना होगा कि सभी लोग सुकून भरी जिदगी जी सकें। विशेष कर महिलाओं का हर क्षेत्र में सम्मान होना चाहिए।अधिवेशन को अभा-विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान तथा राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (प्रयागराज) के कुलपति प्रो.के.एन.सिंह सहित अन्य विशिष्टजनों ने भी संबोधित किया।



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Shivakant Shukla

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