×

केजीएमयू विवाद को तो अब राम जाने, शासन ही करे फैसला

25 मई को केजीएमयू के कार्यपरिषद बैठक में फार्माकोलाॅजी विभाग के डाॅ संजय खत्री को प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर का दर्जा दे डाला, वहीं विवादों में रहने वाले पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डाॅ सूर्यकान्त को क्लीन चीट दे डाला है।

SK Gautam
Published on: 26 May 2019 2:41 PM GMT
केजीएमयू विवाद को तो अब राम जाने, शासन ही करे फैसला
X

लखनऊ: राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में कार्य परिषद बैठक के निर्णय ने नया बवाल खड़ा कर दिया है। एक सप्ताह से केजीएमयू का कौन डाॅक्टर दागी है या कौन हरिश्चन्द्र इसको लेकर पशोपेश चल रहा था। इस मामले में नया मोड़ तब आ गया जब सर्वसम्मिति से कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने प्रो सूर्यकान्त के औदे को बरकार रखते हुए डाॅ संयज खत्री का डिमोशन कर दिया।

ये भी देखें : इन ट्रिक्स को करेंगे फॉलो तो आसानी से मिल जाएगी जॉब

दरअसल 25 मई को केजीएमयू के कार्यपरिषद बैठक में फार्माकोलाॅजी विभाग के डाॅ संजय खत्री को प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर का दर्जा दे डाला, वहीं विवादों में रहने वाले पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डाॅ सूर्यकान्त को क्लीन चीट दे डाला है। कुलपति के इस फैसले से केजीएमयू के कर्मचारी दो गुट में बंट गएं हैं। सूत्रों का कहना है कि यह सब बदले की भावना से किया गया है तो कोई सत्य की दुहाई देकर अपनी ताल ठोक रहा है।

डाॅ खत्री नहीं बैठेंगे चुप

डाॅ संजय खत्री को कार्यपरिषद बैठक के नये नियमानुसार अब एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्य करना है। उनकी सैलरी भी इसी तर्ज पर होगी। डाॅ संजय 2010 से केजीएमयू में प्रोफेसर के पद पर कार्य कर रहे थे। फैसले ने उनको बहुत आहत किया है और उन्होंने कहा है कि मैं भी शान्त नहीं बैठूंगा। अगर फैसले को वापस नहीं लिया गया तो मैं शासन के शरण में जाऊंगा और अपने पक्ष को रखूंगा।

कमेटी के रिजल्ट से नहीं हैं खुश कर्मचारी

कमेटी से हरी झंडी मिलने के बाद कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने डाॅ सूर्चकान्त को आरोप मुक्त कर दिया। यह बात भी लोगों को परेशान कर रही है। उनका कहना है कि निर्णय एक पार्टी के पक्ष में किया गया है।

ये भी देखें : कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पुत्रमोह वाले नेताओं पर भड़के राहुल गांधी

केजीएमयू के डाॅक्टरों समेत तमाम स्टाॅफ दो वर्गों में बंटकर अपनी-अपनी बातों को रख रहे हैं। जल्द ही कोई नया फेसला नहीं लिया गया तो केजीएमयू परिसर में हालात आंदोलन के भी खड़े हो सकते हैं और मामला शासन तक पहुंच सकता है।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story