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केजीएमयू में कर्मचारी हड़ताल में मस्त, मरीजों को झेलनी पढ़ रही परेशानी

उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय और राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान जैसे सुपर स्‍पेशियलिटी सुविधाओं से युक्‍त संस्‍थानों में आज मरीजों को खासी दिक्‍कत होने वाली है। दोनों जगह समस्‍या की जड़ एक ही है सातवें वेतनमान के अनुरूप मिलने वाले भत्‍ते।

Roshni Khan
Published on: 6 Aug 2019 8:27 AM GMT
केजीएमयू में कर्मचारी हड़ताल में मस्त, मरीजों को झेलनी पढ़ रही परेशानी
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लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय और राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान जैसे सुपर स्‍पेशियलिटी सुविधाओं से युक्‍त संस्‍थानों में आज मरीजों को खासी दिक्‍कत होने वाली है। दोनों जगह समस्‍या की जड़ एक ही है सातवें वेतनमान के अनुरूप मिलने वाले भत्‍ते।

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आपको बता दें कि पूर्व में यह निर्णय हो चुका है कि संजय गांधी पीजीआई के अनुसार शै‍क्षणिक और गैर शैक्षणिक संवर्ग के लोगों को सातवें वेतनमान के भत्‍तों का भुगतान होगा। लेकिन केजीएमयू में गैर शैक्षणिक संवर्ग और लोहिया संस्‍थान में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक दोनों संवर्गों के लोगो को इसका भुगतान अभी नहीं किया गया है।

यह भुगतान दो साल पूर्व यानी जुलाई 2017 से देय है। दोनों संस्‍थानों के प्रभावित संवर्गों के नेताओं ने बताया कि उन्‍हें ज्ञात हुआ है कि उत्‍तर प्रदेश सरकार ऐसी तैयारी कर रही है कि ये भत्‍ते तत्‍काल प्रभाव से लागू कर दिये जायें, ऐसी स्थिति में यह नाइंसाफी होगी, इस तरह का भेदभाव सरकार कैसे कर सकती है।

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ऐसी स्थि‍ति में लोहिया संस्‍थान में सोमवार को इसकी भनक लगते ही फैकल्‍टी, कर्मचारियों की आपात बैठक बुलायी गयी और तत्‍काल प्रभाव से हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया। सोमवार को अपरान्‍ह दो बजे से यहां कार्य बहिष्‍कार शुरू हो गया है, जिसका सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है।

इसी प्रकार केजीएमयू में भी कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया और उन्‍होंने भी विरोध जताने का ऐलान कर दिया। यही नहीं मंगलवार की सुबह सूरज की पौ फटते ही कर्मचारी नेता प्रदीप गंगवार ने सबसे पहले पहुंच कर प्रशासनिक भवन जहां कुलसचिव बैठते हैं, वहां पहुंचकर गेट पर ताला लगाकर वहीं धरना देना शुरू कर दिया है, इसके बाद नर्सों के नेता जितेन्‍द्र पहुंचे और फि‍र धीरे-धीरे अन्‍य कर्मचारियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है।

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इन सबका कहना है कि हमारी जायज मांग को शासन में पुरजोर तरीके से रखने के लिए कुलसचिव और अन्‍य जिम्‍मेदार लोग आवश्‍यक कदम उठायें।

Roshni Khan

Roshni Khan

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