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भारत का स्विट्जरलैंड! यहां साल में एक बार खिलता है फूल, नेचर भी है मेहरबान
घाटी और उसके आसपास की सुंदरता को देखने के लिए दो टेलिस्कोप हाउस कोडई में स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा कोडईकनाल में सौर भौतिक वेधशाला, डोलमेन सर्कल, थालाइयर झरना की भी आप सैर कर सकते है।
नई दिल्ली: शांत जगहों पर अपनी छुट्टियां बिताना हर किसी को पसंद है। ऐसे में अगर हम आपसे कहें कि अब आप भारत में ही स्विट्ज़रलैंड का मजा ले सकते हैं तो आपको हमारी बात पर विश्वास नहीं होगा। मगर ये बात 100 टका सच है। जी हां, भारत का भी अपना स्विट्ज़रलैंड है। सुंदर पहाड़ों के बीच बसा एक बेहद सुंदर सा स्थान है, जिसका नाम कोडाइकनाल है।
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समुद्र तल से 2133 मीटर ऊंचा तमिलनाडु का कोडाइकनाल हिल रिजॉर्ट अपनी सुंदरता और शांत वातावरण से सबको सम्मोहित कर देता है। पाली हिल के बीच बसा यह जगह दक्षिण भारत का प्रमुख हिल स्टेशन है।
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यहां घूमने का मजा कुरिन्जी के खिलने के समय दोगुना हो जाता है। हालांकि, यह फूल बारह साल में एक बार खिलता है। यहां के लोग कुरिन्जी के फूल को अपनी शान समझते है। जब यह खिलता है तो पहाड़ियों की सुंदरता देखते ही बनती है और इसकी महक मदहोश कर देने वाली होती है।
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वैसे कभी आप भारत के इस स्विट्ज़रलैंड को घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इन जगहों पर जरूर जाएं:
बेरिजम झील
यह खूबसूरत झील पिकनिक स्थल के लिए लोकप्रिय है। प्राकृतिक सुंदरता से भरा यह झील कोडईकनाल बस स्टैंड से 21 किलोमीटर दूर है। इस झील से पेरियाकुलम नगर को पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है। इस झील की खोज और सुधार कार्य ब्रिटिश आर्मी के कर्नल हेमिल्टन द्वारा 1864 ई. में किया गया था।
ब्रायंट पार्क
बेरियम झील के पूर्व दिशा में 20 एकड के क्षेत्र में फैला ब्रायंट पार्क स्थित है। यह पार्क फूलों तथा संकर प्रजाति के विभिन्न पेड-पौधो के लिए जाना जाता है। यहां एक ग्लासहाउस मे विभिन्न किस्म के फूल रखे हुए हैं। मई के महीने में यहां उधान मेला का आयोजन किया जाता है।
शेनबागानूर संग्रहालय
झील से 5 किलोमीटर की दूरी पर यह संग्रहालय स्थित है। इसकी देखरख सेक्रेड हार्ट कॉलेज द्वारा की जाती है। यहां का आर्किडोरियम भारत के सबसे बेहतर आर्किडोरियम में से एक माना जाता है।
बोट क्लब
यह बोट क्लब 1910 में स्थापित किया गया था। 1932 से पहले यह आम लोगों और पर्यटकों के लिए नहीं था। मात्र कुछ चुनिन्दा सदस्य ही यहां बोटिंग का आनंद ले सकते थे। बाद में पर्यटकों और आम लोगों के लिए भी यह सुविधा दी गई। कार्लटोन और कोडई बोट यहां किराए पर ली जा सकती हैं।
कोडईकनाल झील
मानव निर्मित यह झील कोडईकनाल में काफी लोकप्रिय है। तारे के आकार की यह झील 60 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है। इसके चारों तरफ की हरियाली पर्यटकों को बहुत लुभाती है। इस झील का बोट क्लब रोमांचक रेसिंग ट्रिप का आयोजन करता है।
कोकर्स वॉक
लेफ्टिनेंट कोकर के नाम पर इस स्थान का नाम कोकर्स वॉक पड़ा। कोकर ने कोडई का मानचित्र तैयार किया था। यह स्थान झील से एक किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से कोडईकनाल के दक्षिण की ओर तीव्र ढलान है। मैदानों के खूबसूरत नजारे यहां से देखे जा सकते हैं।
कुरिन्जी अंदावर मंदिर
यह पवित्र मंदिर भगवान मुरूगन को समर्पित है। कोडईकनाल झील से 3.2 किमी की दूरी पर यह मंदिर स्थित है। तमिल साहित्य में कुरिन्जी का अर्थ पहाड़ी क्षेत्र और अंदावर का अर्थ ईश्वर होता है। भगवान मुरूगन को पहाड़ों का देवता माना जाता है। इस मंदिर से उत्तर के मैदानों और पलानी की पहाड़ियों का भव्य नजारा देखा जा सकता है।
सिल्वर कासकेड प्रपात
यह आकर्षक जल प्रपात कोडईनाल से 8 किमी दूर घाट रोड़ पर स्थित है। कोडई झील का अतिरिक्त जल 180 फीट की ऊंचाई से झरने के रूप में गिरता है। यहां का शांत और सौम्य वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर लुभाता है।
बियर शोला प्रपात
यह खूबसूरत पिकनिक स्थल कोडई झील से 1.6 किमी दूर है। यहां पहुंचने का मार्ग काफी ऊबड़-खाबड़ है। यहां पर अक्सर भालूओं को पानी पीते हुए देखा जा सकता है। भालुओं की उपस्थिति के कारण की इस झरने का नाम बीयर शोला पड़ा।
टेलिस्कोप हाउस
घाटी और उसके आसपास की सुंदरता को देखने के लिए दो टेलिस्कोप हाउस कोडई में स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा कोडईकनाल में सौर भौतिक वेधशाला, डोलमेन सर्कल, थालाइयर झरना की भी आप सैर कर सकते है।