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पाकिस्तान की ख़तरनाक ट्रेनिंग का खुलासा, भारतीय सेना अलर्ट पर
पाकिस्तान कभी अपने दोहरे चरित्र से बाज नहीं आता है। ऐसे में वह अब चीन को भी अपने डबल गेम में फंसा रहा है। दरअसल पाकिस्तान का मकसद कुछ और है। चीन में मुस्लिमों की स्थिति काफी खराब है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान आर्मी (Pakistan Army) और आईएसएई (Inter-Services Intelligence) द्वारा दुनिया को तबाह करने के लिए एक खतरनाक साजिश रची जा रही है। इस साजिश की वजह से दुनिया का इतना नुकसान होगा कि इसके बारे में सोच तक नहीं सकता। दरअसल पाकिस्तान आर्मी और आईएसएई परमाणु हमले की फिराक में है।
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आप खुद सोचिए अगर आतंकियों के हाथ परमाणु हथियार लग गए तो दुनिया का क्या हाल होगा। खुफिया एजेंसियों से मिली खबर के अनुसार, आतंकियों के लिए 'सेफ हेवेन' कहे जाने वाले पाकिस्तान को चीन की ओर से फंडिंग मिल रही है और वह इस तकनीक का इस्तेमाल करके आतंकियों को न्यूक्लियर वॉरफेयर की ट्रेनिंग मुहैया करा रहा है।
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यही नहीं, खुफिया एजेंसियों का ये भी कहना है कि China Pakistan Economic Corridor यानि कि सीपीईसी में जो कुछ भी न्यूक्लियर मैन्युफैक्चरिंग और डिफेंस यूनिट का उत्पादन किया जा रहा है उसमें से लगभग 80 फीसदी तहरीक-ए-तालिबान और तालिबान की विचारधारा से प्रभावित लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं।
912 मिलियन डॉलर पाकिस्तान ने किए खर्च
912 मिलियन डॉलर की लागत से पाकिस्तान ने पाकिस्तान चाइना टेक्निकल और वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, ग्वादर और सेटेलाइट रिसर्च सेंटर जैसे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का निर्माण किया है। इनको ग्वादर और बलूचिस्तान के अलावा तीन और जगहों पर बनाया गया है।
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यही नहीं, पाकिस्तान और चीन के ज्वाइंट वेंचर से सीपीईसी (China Pakistan Economic Corridor) में ही अर्ली वार्निंग सिस्टम (Early warning systems) इंस्टीट्यूट बनाया गया है। इस जगह पर भी उन लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है को जेहादी विचारधारा से इत्तेफाक रखते हैं।
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इसके अलावा पाकिस्तान चीन को विश्वास में लेकर पाकिस्तान ग्वादर के तुरबत इलाके से लेकर बलूचिस्तान के खुजदर तक रोड को बनवा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि आतंकियों का गढ़ माने जाने वाले इन इलाकों में आतंक का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सके।
इस खेल में फंसता दिख रहा चीन
पाक कभी अपने दोहरे चरित्र से बाज नहीं आता है। ऐसे में वह अब चीन को भी अपने डबल गेम में फंसा रहा है। दरअसल पाकिस्तान का मकसद कुछ और है। चीन में मुस्लिमों की स्थिति काफी खराब है। चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर तकरीबन 10 हजार मुस्लिमों को एक तरह की हिरासत में रखा गया है। पाकिस्तान इन मुस्लिमों को अपने समर्थन में करना चाहता है, जिसके लिए वह चीन की मदद ले रहा है।