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बहुत डरावना है इस गांव का इतिहास, जानेंगे तो हो जाएंगे रोंगटे खड़े
यह गांव बहुत डरावना है। कहते हैं कि इस गांव में पालीवाल ब्राह्मणों का डेरा हुआ करता था लेकिन अब इस गांव को शापित मानते हैं। इस गांव में एक खूबसूरत लड़की थी जिसके कारण यह गांव भानगढ़ के किले की तरह अचानक ही एक रात में वीरान हो गया था।
जैसलमेर : भारत में रहस्य और रोमांच की कमी नहीं है। चाहे धार्मिक हो या किसी जगह की बात हो कोई न कोई कहानी और रहस्य छुपा रहता है। क्योंकि हमारे देश का इतिहास बेहद अनोखा और रोमांच से भरा रहा हैं जिसमें कई कहानियां भी सुनने को मिलती हैं जो सोचने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ था क्या ? राजस्थान के जैसलमेर शहर से करीब 25 किमी दूर स्थित कुलधरा गांव देखने में आम गांव की तरह है लेकिन इसकी कहानी रहस्यमयी है। इस गांव के बारे में कहते हैं कि ये रातोंरात श्मशान घाट में तब्दील हो गया और इसका कारण एक खूबसूरत लड़की थी । इस लड़की की खूबसूरती ने सिर्फ उनके परिवार वालों को ही नहीं, बल्कि पूरे 84 गांव को रातों रात बर्बाद कर दिया।
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बता दें कि भारत में इस गांव को सबसे डरावना गांव कहा जाता है। सरकार ने कई बार कोशिश की कि यह गांव फिर से बस जाए लेकिन सरकार की कोशिश भी नाकाम हो चुकी है। कहते हैं कि कुलधरा गांव एक ऐसा गाँव है कि इस गांव में रहने वाले लोग पूरी तरीके से बर्बाद हो जाते हैं।
इसके पीछे की कहानी
यह गांव बहुत डरावना है। कहते हैं कि इस गांव में पालीवाल ब्राह्मणों का डेरा हुआ करता था लेकिन अब इस गांव को शापित मानते हैं। इस गांव में एक खूबसूरत लड़की थी जिसके कारण यह गांव भानगढ़ के किले की तरह अचानक ही एक रात में वीरान हो गया था। वहीं बाद में आज तक इस गांव में कोई वापस नहीं गया है। पालीवाल ब्राह्मणों के पूर्वजों का संबंध भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी से जुड़ा था।
इज्जत के लिए छोड़ दिया गांव
इसके बारे में ऐसा भी माना जाता है की पालीवाल ब्राह्मण इनके पुरोहित हुआ करते थे। कहते हैं कि साल 1291 9891 के आसपास पालीवाल ब्राह्मण इस गांव में रहते थे। पालीवाल ब्राह्मणों के 600 घर गांव में थे। कुलधरा के आस पास 84 गांव और भी थे जहां पर पालीवाल ब्राह्मण ही रहते थे। कुलधरा के पालीवाल ब्राह्मण काफी मेहनती थे वैज्ञानिक तौर पर भी यह लोग काफी अधिक बुद्धिशाली था कुलधरा के गांव के मकान आज भी इस तरीके के बने हुए हैं कि यह गांव गर्मियों में भी अंदर से ठंडे रहते है
एक बार पालीवाल ब्राह्मणों पर वहां के दीवान सालम सिंह की बुरी नजर पड़ गई। सालम सिंह को एक लड़की पसंद आ गई थी और वह उस लड़की को हर किसी कोशिश में पाना चाहता था। पालीवाल ब्राहमण नहीं चाहते थे कि सालम सिंह उनकी बेटी से शादी करें या जोर जबरदस्ती करें। अपनी बेटी को बचाने के चक्कर में एक ही रात में यहां से घर छोड़ कर चले गए थे। एक ही रात में कुलधरा का यह गांव पूरी तरीके से खाली हो गया था। जाते-जाते पालीवाल इस गांव को कभी ना बसने का श्राप देकर गए थे और यही कारण है कि यह श्राप आज तक चलता हुआ नजर आ रहा है।
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ब्राह्मण काफी बुद्धिजीवी
यह ब्राह्मण काफी बुद्धिजीवी होते थे। वैज्ञानिक आधार के ऊपर यह अपने काम किया करते थे। कुलधरा गांव का निर्माण भी काफी अधिक वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर हुआ है। यहां पर कभी भी पानी और हरियाली की कमी नहीं होती है। बता दें कि इस गांव में आज भी पानी की कमी नहीं है, धरती के नीचे काफी पानी है।
कुलधरा के गांव में रात में रुकना इंसानों के लिए खतरे से खाली नहीं होता है। यहां पर कई तरीके की एक्टिविटीज रिकॉर्ड की गई है जिनसे यह साबित होता है कि यहां पर आत्माओं का राज है। यह गांव निश्चित रूप से बाहर की दुनिया से काफी अलग है। कुलधरा गांव में कई बाबाओं की कहानियां विख्यात हैं बोला जाता है कि रात को यहां पर एक दूध बांटने वाला बाबा आता है जिसका दूध कभी नहीं लेना चाहिए तो कोई कहता है कि रात में यहां पर पायल और चिल्लाने जैसी आवाज आती है लेकिन कुलधरा गांव के पीछे आखिर सच्चाई क्या है इसका सच आज तक कोई भी नहीं जान पाया है।