×

पुलिस ने शिकायत पर कार्यवाही की होती तो नहीं जाती पत्रकार की जान: अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या पर यूपी सरकार को घेरते हुए कहा है कि पत्रकार विक्रम जोशी को बदमाशों ने इसलिए गोली मार दी क्योंकि...

Newstrack
Published on: 22 July 2020 4:23 PM GMT
पुलिस ने शिकायत पर कार्यवाही की होती तो नहीं जाती पत्रकार की जान: अखिलेश
X

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या पर यूपी सरकार को घेरते हुए कहा है कि पत्रकार विक्रम जोशी को बदमाशों ने इसलिए गोली मार दी क्योंकि पुलिस ने उनकी शिकायत पर कुछ नहीं किया बल्कि बदमाशों को शिकायत किए जाने की जानकारी मिल गई और इससे बदमाशों की हिम्मत बढ़ गई। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने समय से कार्यवाही की होती तो पत्रकार की जान नहीं जाती। सपा मुखिया ने पीड़ित परिजनों को 02 लाख रुपये की मदद करते हुए यूपी सरकार से पत्रकार के आश्रित को 25 लाख रुपए दिए जाने की मांग की हैं।

ये भी पढ़ें: विकास दुबे एनकाउंटर केस: सुप्रीम कोर्ट ने तय किये जांच अधिकारियों के नाम, यहां देखें

चैथे स्तम्भ पर लगातार हिंसक हमले होने लगे हैं

सपा अध्यक्ष ने बुधवार को जारी बयान में कहा है कि जबसे उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार सत्तारूढ़ हुई है, चैथे स्तम्भ पर लगातार हिंसक हमले होने लगे हैं। उन्नाव में शलभमणि त्रिपाठी पत्रकार की हत्या भी निर्ममता से की गई थी। कानपुर देहात के थाना भोगनीपुर में पत्रकार संतोष गुप्ता की पुत्री पौत्री की बीती 18 जुलाई को हत्या कर दी गई। शाहजहांपुर में उपजा संगठन के जिलाध्यक्ष जब दफ्तर से घर जा रहे थे वाहन चेकिंग के नाम पर महिला दारोगा ने अभद्रता की। उन्होंने कहा कि अपने मनमाफिक न लिखने वाले पत्रकारों पर खनन माफिया और भूमाफिया तो अपनी ताकत दिखाते ही रहे हैं अब स्थानीय अपराधी भी बेखौफ हो रहे हैं। स्वयं पुलिसकर्मी भी उनके साथी बन जाते हैं। ऐसे में न्याय पाने के लिए जनता कहां जाए?

ये भी पढ़ें: कोरोना से निपटने की तैयारिओं का मंडलायुक्त ने लिया जायजा, दिए ये निर्देश

कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर

अखिलेश ने कहा कि भाजपा की नफरत फैलाने और असहिष्णुता को बढ़ावा देने की रीति-नीति के बुरे नतीजे सामने आने लगे हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर है। प्रदेश की जनता सकते में है कि आखिर सरेआम हत्या, लूट और बलात्कार करने वाले इन अपराधी तत्वों के हौंसले किसके बलबूते पर फल-फूल रहे हैं? उन्होंने बताया कि लखनऊ में लोकभवन के सामने जिस महिला ने न्याय न मिलने पर आग लगाई थी उसकी मौत हो गई है। उन्नाव में दो महिलाओं के शव झाड़ियों में मिले जबकि मेरठ में एक महिला और उसकी बेटी की हत्या कर दी गई। उन्होंने सवाल किया कि दबंगों पर कार्यवाही करने में पता नहीं क्यों पुलिस को पसीने आ जाते हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी में लापरवाही क्यों होती है ?

ये भी पढ़ें: प्रशासन की लापरवाही, गर्त में चली गई भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने की योजना

अपराधी न जेल जाते हैं न प्रदेश छोड़कर

सपा मुखिया ने कहा कि जब भाजपा नेता ही अवैध खनन, अवैध शराब तस्करी के धंधो में पैसा बनाने में लगे हों तब मुख्यमंत्री के दावों का क्या ? कानपुर अकबरपुर के भाजपा नेता ने मध्य प्रदेश के एक ज्योतिषी, उसके साथी का अपहरण किया। सत्ता संरक्षित ऐसे अपराधी न जेल जाते हैं न प्रदेश छोड़कर कहीं जाते है। वे मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ फोटो खिंचवाकर मन बढ़ हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं उससे प्रदेश में पुलिस की भूमिका संदिग्ध हो चली है।

अपराधियों और पुलिस में साठ-गांठ के मामले सामने आ रहे हैं। लोग पुलिस के पास अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जाते है लेकिन यह ‘मित्र पुलिस‘ अक्सर अपराधियों की ही संरक्षक बन जाती है। इसके दुष्परिणाम सामान्य जनता को भोगने पड़ रहे हैं। ऐसे में हर मोर्चे पर फेल भाजपा सरकार से जनता के जानमाल की सुरक्षा की क्या उम्मीद की जाए?

ये भी पढ़ें: आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के आज 6045 नए केस आए सामने, 65 लोगों की मौत

Newstrack

Newstrack

Next Story