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प्रशासन की लापरवाही, गर्त में चली गई भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने की योजना

भू-जल संचयन को लेकर किए जा रहे तमाम दावें फेल होते दिख रहे हैं। आकड़ें बताते हैं कि यहां जनपद में भू-जल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है।

Newstrack
Published on: 22 July 2020 3:58 PM GMT
प्रशासन की लापरवाही, गर्त में चली गई भू-गर्भ जल स्तर बढ़ाने की योजना
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नोएडा: भू-जल संचयन को लेकर किए जा रहे तमाम दावें फेल होते दिख रहे हैं। आकड़ें बताते हैं कि यहां जनपद में भू-जल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। विगत वर्ष पुर्नद्धार किए गए 12 तालाबों व कृतिम जलाशय भी बर्बादी की कगार पर आ चुके हैं। इसको लेकर पर्यावरण विदों में चिंता है।

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तेजी के साथ किए जा रहे गौतमबुद्धनगर में जल दोहन ने समस्या खड़ी कर दी है। शहर के पार्क व ग्रीन बेल्ट को मिलाकर कुल 272 रेन वाटर हार्वेस्टिंग है। शहर में पानी की उपलब्धता पांच वर्ष से औसतन 1.5 मीटर की दर से घट रही है। शहर के कई इलाकों में भू-जल का स्तर इतना नीचे गिर गया है कि वहां से पानी निकालना तक संभव नहीं है। यदि अब भी परिर्वतन नहीं लाया गया तो पीने योग्य मीठा पानी समाप्त हो जाएगा।

प्राधिकरण अधिकारियों ने भी माना कि इसकी वजह शहर में बढ़ता कंकरीट का जाल है। बेहतर सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए शहर में बड़े स्तर पर प्रकृति का दोहन किया गया। कंस्ट्क्शन साइट पर जल का अंधाधुंध दोहन करने की वजह से जल के स्त्रोत समाप्त हो रहे हैं। जिसकी वजह से पानी की उपलब्धता शून्य तक जा पहुंची हैं। यही वजह है कि हाल ही में एनजीटी ने सेक्टर-39 गोल्फ कोर्स पर भू-जल दोहन मामले में लाखों रुपए का अंतरिम जुर्माना भी लगा चुकी है।

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सख्ती से नहीं हुआ इन नियमों का पालन

-कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण के लिए एसटीपी पानी का प्रयोग

-वाहनों की धुलाई में एसटीपी पानी का प्रयोग

-भू-जल स्तर बचाने के लिए बोरिग पर रोक

-250 वर्गमीटर के भूखंडो पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य

-सड़कों के किनारे फुटपाथ पर इंटर लाकिंग टाइल्स

-पार्कों, ग्रीन बेल्ट में सिचाईं के लिए एसटीपी पानी का प्रयोग

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के निरीक्षण के लिए बनाई गई थी 20 सदस्य समिति

रिहाएशी, सरकारी व 250 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग काम कर रहा है या नहीं। उनका मैनटेनेंस हुआ या नहीं इसके लिए प्राधिकरण ने विगत वर्ष 20 सदस्यों की एक टीम गठित की थी। टीम ने इस वर्ष काम नहीं किया। मानसून आने के पहले और बाद भी प्राधिकरण भू-जल को लेकर निशचिंत है। जबकि हजारों लाखों गैलनों पानी सड़कों से होता हुआ नालों में बह गया।

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जल संचयन के लिए किए गए प्रयासों पर नहीं दिया ध्यान

सेक्टर-85 में 1.5 एकड़ ग्राम गेझा में 1 एकड़ , जैव विविधता पार्क सेक्टर-91 में 5 एकड़ क्षेत्र और सेक्टर-54 में 12.5 एकड़ यानी कुल 32 एकड़ क्षेत्र को जल संचयन व संरक्षण के लिए तैयार किया गया था। यहा सेक्टर-54 में जल संचयन के लिए नियुक्त की गई कंपनी ने अब तक कार्य शुरू नहीं किया। इन सभी को मिलाकर करीब 2.12 लाख लीटर पानी के संचयन की योजना थी।

क्या है वर्तमान स्थिति ???

स्थान वाटर लेवल की स्थिति

बिसरख ब्लाक डेवलेपमेंट आफिस 18.88 मीटर

सिटी एरिया दीप मेमोरियल स्कूल 14.86 मीटर

डीएम आफिस (एडीएम) 10.93 मीटर

डीएम आफिस बैंक 10.82 मीटर

डीएम आफिस ग्रेटरनोएडा 10.46 मीटर

जीबी नगर डीपीएस 12.05 मीटर

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज नोएडा 30.38 मीटर

पुलिस थाना सेक्टर-39 30.14 मीटर

''शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग से लेकर भू-जल संचयन के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। यहां प्रति पांच वर्ष में 1.5 मीटर भू-जल स्तर गिर गया। ऐसे में प्राधिकरणों को इस और ध्यान देना होगा।''

-विक्रांत तोंगड़ , पर्यावरण विद्

रिपोर्ट: दीपांकर जैन

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