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Kushinagar News: पशुओं में लंपी के संक्रमण से दुग्ध कारोबार प्रभावित
Kushinagar News: दूध के कारोबार पर जीविकोपार्जन करने वाला परिवार चिंतित हो गया है। हालांकि विभाग पशुओं के उपचार और टीकाकरण में जुटा है।
Kushinagar News: जिले में खड्डा व तमकुहीराज तहसील में लगातार बढ़ रहे लंपी के संक्रमण से दुग्ध कारोबार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लंपी से संक्रमित पशु का दुग्ध उत्पादन बहुत कम हो जा रहा है।वहीं उस दूध को ग्रामीण नही ले रहे हैं और ना ही दुकानदार। ऐसे में दूध के कारोबार पर जीविकोपार्जन करने वाला परिवार चिंतित हो गया है। हालांकि विभाग पशुओं के उपचार और टीकाकरण में जुटा है।पैरावेट लगातार क्षेत्र में घूम घूम कर संक्रमित मवेशियों का उपचार कर रहे हैं। इसके बाद भी जनपद में पशुओं की मौत का क्रम जारी है।
खड्डा ब्लाक क्षेत्र के रामपुर जंगल, बिशनपुरा, भुजौली बुजुर्ग, मदनपुर , सोहरौना जंगल, मरिचहवा, अहिरौली, जिंदा छपरा, हनुमानगंज छितौनी सहित तमाम गांव में कई दर्जन मवेशी लंपी बीमारी से संक्रमित हैं। पशुपालकों ने बताया कि लंपी बीमारी की वजह से दूध की बिक्री भी प्रभावित हो गई है लंपी बीमारी सुनकर ग्राहक दूध नहीं ले जा रहे हैं।
लम्पी रोग के लक्षण
लंपी वायरस से संक्रमित पशु को हलका बुखार रहता है, मुंह से लार अधिक निकलती है और आंख-नाक से पानी बहता है।पशुओं के लिंफ नोड्स और पैरों में सूजन रहती है। संक्रमित पशु के दूध उत्पादन में गिरावट आ जाती है। गर्भित पशु में गर्भपात का खतरा रहता है और कभी-कभी पशु की मौत भी हो जाती है।पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में 02 से 05 सेमी आकार की कठोर गठानें बन जाती हैं।
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बीमारी से बचाव के उपाय
लंपी रोग से प्रभावित पशुओं को अलग रखें मक्खी, मच्छर, जूं आदि को मार दें पशु की मृत्यु होने पर शव को खुला न छोड़ें पूरे क्षेत्र में कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें। चिकित्सकों के अनुसार इस रोग के फैलने की आशंका 20 प्रतिशत तक होती है। वहीं पशुओं में मृत्यु दर 5 प्रतिशत तक है। इस रोग से प्रभावित पशुओं में बकरी पॉक्स वैक्सीन का प्रयोग भी चिकित्सक के निर्देश पर कर सकते हैं। प्रभावित पशु की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए मल्टी विटामिन जैसी दवाएं दी जा सकती हैं।