Lakhimpur Kheri News: आदित्य ने जज्बे से बदली विद्यालय की सूरत, मिला "बेस्ट स्कूल ऑफ द वीक" का खिताब

Lakhimpur Kheri News: जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर ब्लॉक फूलबेहड़ के गांव दुधवा मिदनिया का उच्च प्राथमिक विद्यालय अन्य विद्यालयों के लिए नजीर बन गया है।

Himanshu Srivastava
Published on: 30 July 2023 3:15 PM GMT
Lakhimpur Kheri News: आदित्य ने जज्बे से बदली विद्यालय की सूरत, मिला बेस्ट स्कूल ऑफ द वीक का खिताब
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फूलबेहड़ के गांव दुधवा मिदनिया का उच्च प्राथमिक विद्यालय : Photo- Newstrack

Lakhimpur Kheri News: जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर ब्लॉक फूलबेहड़ के गांव दुधवा मिदनिया का उच्च प्राथमिक विद्यालय अन्य विद्यालयों के लिए नजीर बन गया है। स्कूल को बेहद खूबसूरत और आकर्षक रूप दिया गया है। दीवारों पर बने चित्र, स्वच्छता सम्बंधी स्लोगन बरबस ही लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं। इं. प्रधानाध्यापक आदित्य कुमार गुप्ता, उनकी टीम और एसएमसी सदस्यों ने अपनी मेहनत के दम पर इस विद्यालय की तस्वीर बदल दी है। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अभिनव पहल "बेस्ट स्कूल ऑफ द वीक" मुहिम के तहत इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय चुना गया।

परिषदीय स्कूलों के लिए नजीर बना यूपीएस दुधवा मिदनिया

यूपीएस दुधवा मिदनिया को भी बेहद खूबसूरती के साथ संवारा गया है। दीवारों पर शिक्षा संबंधी वाल पेंटिंग की गई है। स्कूल के कमरों को भी विशेष रूप से सजाया गया है। पेंटिंग के साथ साथ बच्चों को शिक्षित करने के लिये दीवारों पर शैक्षणिक सामग्री का उल्लेख किया गया है। स्वच्छता सम्बंधी स्लोगन भी लिखे गए हैं। यह स्कूल आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है। विद्यालय में चार लोगों का स्टाफ है। विद्यालय में 02 सहायक शिक्षक व 02 अनुदेशक कार्यरत हैं।

विशेष अभियान चलाकर प्रधानाध्यापक ने बढ़ाया नामांकन

विद्यालय में इं. प्रधानाध्यापक आदित्य ने 2016 में नियुक्त हुए। उस समय विद्यालय का नामांकन 110 था विद्यालय में बालिकाओं का नामांकन बालकों के सापेक्ष काफी कम था। आदित्य ने बालिकाओं के नामांकन के लिए एक विशेष अभियान चलाया। बालिकाओं को अनिवार्य रूप से शिक्षा देने के लिए ग्रामवासियों को प्रेरित किया। धीरे-धीरे नामांकन बढ़ता गया। वर्तमान समय में 72 बालक व 85 बालिकाएं नामांकित हैं और कुल नामांकन 157 हो गया है।

बच्चे मीना मंच के जरिए मेहंदी, कला, क्राफ्ट, ढोलक आदि में भी रुचि ले रहे। स्थानीय व सामुदायिक सहयोग से शैक्षणिक क्रिया, संवर्धन व बच्चों की उपस्थिति के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे, जिससे छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में वृद्धि के साथ-साथ इनके शैक्षिक स्तर में भी वृद्धि हुई है। जिस कारण बच्चे दूर-दूर से प्रतिदिन विद्यालय आ रहे। अभिभावक कहते हैं कि विद्यालय अब पहले जैसा नहीं रहा यहां अनुशासन शिक्षण कार्य नैतिक मूल्यों का स्वरूप बदल सा गया है। दीक्षा एप यूट्यूब व डिजिटल माध्यमों का प्रयोग से शिक्षण कार्य को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा रहा।

क्यों खास है स्कूल : प्रधानाध्यापक आदित्य ने स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ आसपास के वातावरण को भी बेहतर किया। बागवानी के प्रति लगन व अपने निजी व्यय से कई सारे पेड़ पौधे विद्यालय में स्थापित किए, जो विद्यालय के वातावरण को और आकर्षक बनाते हैं। अच्छा प्रदर्शन करने पर बच्चे को स्टार ऑफ द क्लास का अवार्ड दिया जाता है। हर महीने के अंत में बच्चों का जन्मदिन भी मनाया जाता है। आने वाला हर व्यक्ति विद्यालय को शहर के कॉन्वेंट स्कूल की संज्ञा दिए बिना नहीं रहता। विद्यालय में शौचालय ,पेयजल, खेल मैदान, खेल सामग्री रीडिंग कार्नर पुस्तकालय आदि की भी अच्छी व्यवस्था है।

आर्ट एंड क्राफ्ट में पारंगत हैं बच्चे

विद्यालय के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ आर्ट एंड क्राफ्ट में भी काफी सक्रिय रहते हैं। बच्चे घर के बेकार चीजों से एक से बढ़कर एक मनमोहक चीजें बनाते हैं। विद्यालय के बच्चे काफी होनहार हैं। बच्चे आर्ट एंड क्राफ्ट से एक से बढ़कर एक चीजें बनाते हैं।

Himanshu Srivastava

Himanshu Srivastava

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