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सांसद-विधायक निधि घोटालेबाज को लेकर भिड़े थे लंभुआ विधायक और सुल्‍तानपुर डीएम

सुलतानपुर डीएम पद से पिछले सप्‍ताह हटने वाली डीएम सी इंदुमती को विधायक व सांसद निधि में लाखों रुपये का घोटाला करने वालों ने तो नहीं हटाया है इस आशंका को तत्‍कालीन डीएम की मोबाइल फोन रिकार्डिंग से बल मिल रहा है।

Newstrack
Published on: 16 Sep 2020 12:05 PM GMT
सांसद-विधायक निधि घोटालेबाज को लेकर भिड़े थे लंभुआ विधायक और सुल्‍तानपुर डीएम
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सांसद-विधायक निधि घोटालेबाज को लेकर भिड़े थे लंभुआ विधायक और सुल्‍तानपुर डीएम (file photo)

लखनऊ: सुलतानपुर डीएम पद से पिछले सप्‍ताह हटने वाली डीएम सी इंदुमती को विधायक व सांसद निधि में लाखों रुपये का घोटाला करने वालों ने तो नहीं हटाया है इस आशंका को तत्‍कालीन डीएम की मोबाइल फोन रिकार्डिंग से बल मिल रहा है। वॉयरल हो रहे ऑडियो से पता चल रहा है कि लंभुआ सीट से भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी का घोटालेबाजों को संरक्षण था और वह घोटालेबाजों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होने की वजह से नाराज थे। डीएम ने खुद माना है कि वह सभी लोग उन्‍हें हटवाना चाह रहे हैं।

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सुल्‍तानपुर जिले में सांसद-विधायक निधि में घोटाला करने वाला बड़ा रैकेट संचालित हो रहा

सुल्‍तानपुर जिले में सांसद-विधायक निधि में घोटाला करने वाला बड़ा रैकेट संचालित हो रहा है। इसमें प्रदेश के कई बड़े विधायक, सांसद और पूर्व मंत्री तक शामिल हैं। इसका खुलासा जिले की पूर्व डीएम सी इंदुमती से हुई बातचीत की रिकार्डिंग से हो रहा है। जिसमें पूर्व डीएम ने खुद माना है कि घोटाला करने वालों का समूह बड़ा है और सभी मिलकर उन्‍हें हटवाना चाह रहे हैं।

एक पत्रकार से मोबाइल फोन पर हुई बातचीत में पूर्व डीएम ने यह सारे बातें कही हैं

बताया जा रहा है कि एक पत्रकार से मोबाइल फोन पर हुई बातचीत में पूर्व डीएम ने यह सारे बातें कही हैं। इसके अनुसार लंभुआ विधानसभा क्षेत्र के नि‍वासी संतोष कुमार सिंह ने कई विद्यालयों के नाम फर्जी तरीके से मान्यता प्राप्त कर सांसद/विधायक निधि का रु० 32.70 लाख गबन कर लिया। इस मामले में एक ज‍नहित याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में विचाराधीन है। इसी आधार पर सुलतानपुर की पूर्व डीएम ने एक जांच समिति का गठन किया।

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ऑडियो रिकार्डिंग में जिलाधिकारी सी इंदुमती को यह कहते सुना जा रहा है

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत तहसील के अधिकारियों वाली इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से 16 जुलाई 2020 को थाना कोतवाली नगर, सुल्तानपुर में अपराध संख्‍या 0716/2020 पर आईपीसी की धारा 471, 468, 467, 420, 406 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। ऑडियो रिकार्डिंग में जिलाधिकारी सी इंदुमती को यह कहते सुना जा रहा है कि लंभुआ विधायक जब भी उन्‍हें फोन करते हैं या कोई बात होती है तो संतोष सिंह को अच्‍छा आदमी बताकर जांच खत्‍म करने का दबाव बनाते हैं। जबकि कागजों के अनुसार उस व्‍यक्ति ने फ्रॉड किया है।

जिस महिला का बीस साल पहले निधन हो गया उसे प्रधानाचार्य बनाए रखा

जिस महिला का बीस साल पहले निधन हो गया उसे प्रधानाचार्य बनाए रखा, उसके एकाउंट का इस्‍तेमाल करते रहे। जहां सांसद व विधायक निधि का इस्‍तेमाल कर स्‍कूल बिल्डिंग का निर्माण बताया जा रहा है वहां खाली जमीन पडी है। वह कहती हैं कि आरोपित की गिरफ़्तारी नहीं होने दे रहे हैं। विधायक पर उनका आरोप है कि वह लाइसेंस बनवाने के लिए भी दबाव बना रहे हैं जबकि उन्‍होंने लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा रखी है।

आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने डीजीपी को लिखा पत्र

सुल्‍तानपुर की पूर्व डीएम के वॉयरल हो रहे ऑडियो और सुल्‍तानपुर कोतवाली में दर्ज एफआईआर के आधार पर आरटीआई एक्टिविस्‍ट डॉ नूतन ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखा है। इसमें उन्‍होंने इस कथित बातचीत के आधार ठोस कार्यवाही की मांग की है। उन्‍होंने प्राप्‍त तथ्यों के आधार पर विवेचना में बेसिक शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, और डीआरडीए से जुड़े तमाम अन्य गबन आदि के मामले सम्मिलित करते।

इस अवधि के मुख्य विकास अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, परियोजना निदेशक, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आदि भी भूमिका को देखे जाने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा है कि विधायक देवमणि द्विवेदी और अन्य जनप्रतिनिधियों की ओर से सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर डाले जा रहे कथित अनुचित दवाब की भी जांच कराई जानी चाहिए।

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क्‍या है घोटाला

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुल्‍तानपुर की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार संतोष सिंह ने फर्जी तरीके से विद्यालयों की मान्‍यता कराकर सांसद व विधायक निधि का 32.70 लाख रुपया हडप लिया है। उन्‍होंने जिन खसरा नंबर पर विद्यालय बताए हैं और भवन निर्माण करना दिखाया है वहां खाली जमीन पड़ी है। बिल्डिंग का निर्माण भी नहीं कराया और स्‍कूल भी अस्तित्‍व में नहीं है।

अखिलेश तिवारी

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