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गैंगरेप से दहला यूपी: वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, कटघरे में पुलिस
किशोरी के साथ हुए गैंगरेप के मामले में पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है। पुलिस ने मुकदमे में सही धारा तक नही लगाया है। पुलिस पर रसूखदार आरोपियों को बचाने के आरोप लगाये जा रहे हैं।
बलिया: जिले के फेफना थाना क्षेत्र में एक किशोरी के साथ हुए सामुहिक बलात्कार के मामले में पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है। योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने को लेकर लगातार निर्देश दे रही है, दूसरी तरफ इस मामले में पुलिस ने मुकदमे में सही धारा तक नही लगाया है। पुलिस पर रसूखदार आरोपियों को बचाने के आरोप लगाये जा रहे हैं।
वायरल वीडियो में गिड़गिड़ाती नजर आ रही लड़की
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पीड़ित लड़की हाथ जोड़कर बड़े भाई कहकर अपनी आबरू की भीख मांग रही है, लेकिन उसे गालियां दी जा रही हैं। फिर लड़की को मारा पीटा जा रहा है। इस दौरान वायरल वीडियो में कई लड़के नजर आ रहे हैं। जब उसके साथ एक युवक दुष्कर्म कर रहा है, तब भी वहां कई अन्य युवक नजर आ रहे हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि नाबालिग के साथ सामुहिक दुष्कर्म हुआ है। लेकिन पुलिस पीड़िता की मां की शिकायत के सहारे केस को दूसरी दिशा में मोड़ने का प्रयास करती नजर आ रही है।
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प्रभावशाली पार्टी के नेताओं के करीबी हैं आरोपी!
सामुहिक दुष्कर्म के बाद वायरल वीडियो को लेकर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर किये गए पोस्ट में पांच युवकों का नाम सामने आया है। सोशल मीडिया पर किये गए पोस्ट में जिन लोगों के नाम का उल्लेख किया गया है, वह सभी रसूखदार परिवारों से जुड़े बताये जा रहे हैं। सभी पहुंचे हुए लोगों के लाड़ले हैं। इसमें से एक का पिता सरकार में एक मंत्री का करीबी बताया जा रहा है तो दूसरे का पिता बीते सरकार के कद्दावर मंत्री का करीबी बताया जा रहा है। दो अन्य लड़के भी प्रदेश की प्रभावशाली पार्टी के नेताओं के करीबी बताए जा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि अपनी तरह का ये पहला मामला आया है जिसमें प्रदेश की सभी बड़ी पार्टियों के बड़ी पहुंच वाले नेताओं के यहां पैठ रखने वाले लोगों के साहबजादों का नाम दरिंदगी की घटना में सामने आया है। वीडियो देखने से साफ लग रहा है कि बालिका को कई युवकों ने घेर रखा है और वह भैया-भैया कहकर खुद को छोड़ देने की गुहार लगा रही है। इस दौरान उसके इर्द-गिर्द कई युवक नजर आ रहे हैं। जिनके बारे में तहरीर के आधार पर दर्ज केस में कोई जिक्र नहीं किया गया है।
मुकदमा दर्ज
पुलिस ने इस मामले में केवल दो युवकों के खिलाफ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व आई टी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमे में न तो सामुहिक बलात्कार की धारा लगाया गया है और न ही किशोरी के साथ मारपीट का ही धारा लगा है। ग्रामीण इसको लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि साथ आए युवक ने हो सकता है कि उसके साथ दुष्कर्म किया हो, लेकिन वीडियो में नजर आ रहा युवक वह नहीं है। वीडियो में किशोरी के साथ तीन या चार युवक नजर आ रहे हैं और उसी दौरान वे यह कहते भी सुने जा रहे हैं कि मोबाइल निकाल रहा है, मार ... को।
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पुलिस पर लीपापोती करने का आरोप
पुलिस कहीं पॉलिटिकल प्रेशर में तो मामले की लीपापोती करने में जुट नही गई ? इस पूरे मामले में पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने कल इस मामले को लेकर अपना आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कुछ भी स्पष्ट नही किया गया है। इस बयान में पुलिस को सोशल मीडिया के जरिये इस मामले की जानकारी होने व अभियोग पंजीकृत कर कार्रवाई करने की बात ही कही गई है। घटना व मुकदमे से सम्बंधित कोई ब्यौरा नहीं दिया गया है।
कठोरतम कार्रवाई के आदेश
इस मामले में ट्वीट कर पुलिस अधिकारियों को घटना की जानकारी देने वाले पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ ठाकुर कहते हैं कि उनके संज्ञान में लाने पर मुकदमा दर्ज किया गया, इसके लिए पुलिस अधीक्षक को धन्यवाद। वह इसके साथ ही कहते हैं कि वीडियो में जिस तरह से जघन्य घटना दिख रहा है, उसे देखते हुए कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए। वह फेफना पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाते हुए कहते हैं कि पुलिस ने इस घटना का पूर्व में ही संज्ञान लेकर कोई कार्रवाई क्यों नही किया , इस स्थिति को भी पुलिस अधीक्षक को देखना चाहिए।
रिपोर्ट: अनूप कुमार हेमकर
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